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जबलपुर में चल रहे देह व्यापार के अड्डों को लेकर पुलिस आंखों पर पट्टी बांधकर बैठी है। यह तो केवल अब तक सुनने आ रहा था, लेकिन ओमती थाना अंतर्गत यह उस समय सच साबित हो गया, जब एक स्पा सेंटर पर छापा मारने के बाद लड़कियां पकड़ी तो गई। लेकिन, उसके बाद भी वह पुलिस को नजर नहीं आई क्योंकि मीडिया के कैमरों में साफ नजर आ रही कार्रवाई के बाद भी ओमती के थाना प्रभारी ने स्पा सेंटर को क्लीन चिट देते हुए यह कह दिया कि मौके पर लड़कियां थी ही नहीं।
दरअसल, जबलपुर में बुधवार की रात लगभग 9 बजे असम के गुवाहाटी की रहने वाली एक युवती थाने पहुंची और उसने यह आरोप लगाया कि उसे जबरन देह व्यापार में धकेला जा रहा है। युवती की सूचना पर जब पुलिस ने स्पा सेंटर पर दबिश दी तो वहां से 5 युवक और 6 युवतियां संदिग्ध हालत में मिले जो मीडिया के कैमरे में तो नजर आ रहे हैं, लेकिन पुलिस को मौके पर कोई नहीं दिखा। पुलिस के इस नजरिए पर अब सवाल उठाए जा रहे हैं।
स्पा में काम कराने के बहाने देह व्यापार की कोशिश
शिकायत करने वाली युवती ने बताया कि वह गुवाहाटी की रहने वाली है। उसे स्पा करने के नाम पर जबलपुर बुलवाया गया था, लेकिन यहां पर स्पा सेंटर की आड़ में उसे देह व्यापार में धकेलने की कोशिश की गई। युवती को 20 हजार रुपए मासिक वेतन पर रखा गया था, लेकिन उसके बाद उस पर लगातार यह दबाव बनाया जाने लगा कि वह कमाई नहीं कर पा रही है। इसका मुख्य कारण यह था कि युवती देह व्यापार के लिए तैयार नहीं थी। एक के बाद एक लगभग दो से तीन स्पा सेंटर में उसके साथ यही होने के बाद आखिरकार परेशान होकर युवती ने पुलिस की शरण ली और थाने में जाकर इस स्पा सेंटर की पोल खोल दी।
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स्पा की आड़ में चल रहा देह व्यापार
पुलिस से शिकायत करने पहुंची युवती ने बताया है कि शहर में मौजूद स्पा सेंटर में खुलेआम देह व्यापार चल रहा है। उसने बताया कि रसल चौक में वेदिक स्पा, शहर में चौथा पुल के पास नवभारत प्रेस के सामने एंजल टच स्पा, रॉयल स्पा, फेलिस्क स्पा एवं एक अन्य स्पा का नाम लेते हुए बताया कि यहां पर खुलेआम सेक्स रैकेट चलाया जा रहा है। रॉयल स्पा की बिल्डिंग में ही तीन स्पा मौजूद हैं, उसने यह भी बताया कि मुझे 20 हजार रुपए की सैलरी पर रखा और जब सैलरी मांगी तो उन्होंने कहा कि तुम तो काम ही नहीं करती हो तुम्हें किस बात के पैसे दिए जाएं। उनके द्वारा लगातार देह व्यापार करने और करवाए जाने का दवाब बनाया जा रहा था। इससे मजबूर होकर इसकी शिकायत पुलिस से करनी पड़ी।
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पकड़े गए युवक रेलवे के कर्मचारी
इस मामले में मिली प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, जब पुलिस के द्वारा रॉयल स्पा सेंटर में दबिश दी गई तो मौके पर मौजूद कुछ युवकों द्वारा पुलिस से उलझने की कोशिश की गई जिस पर पुलिस के द्वारा उन्हें अपनी आईडी दिखाए जाने को कहा गया जब युवकों ने अपनी आईडी दिखाई तो पता चला कि सभी युवक रेलवे के कर्मचारी हैं, जो रेलवे के सम्मेलन में शामिल होने के लिए जबलपुर आए थे।
छापे के बाद मुकर गई पुलिस
ओमती थाना प्रभारी राजपाल सिंह बघेल के द्वारा यह बताया गया कि एक युवती जो रॉयल स्पा सेंटर में काम करती है, उसे वेतन न दिए जाने के संबंध में उसके द्वारा शिकायत दर्ज करवाई गई थी जिसमें उसने स्पा में होने वाले अवैध कामों की जानकारी दी थी। लेकिन, वहां पर जांच के दौरान किसी भी प्रकार की कोई अनैतिक गतिविधियों नहीं पाई गई। साथ ही बताया कि वहां पर कोई भी महिला कर्मचारी मौजूद नहीं थी। साथ ही जो युवक वहां मिले हैं वह भी किस काम से वहां गए थे, इसकी भी जांच की जा रही है। उन्होंने यही बताया कि सूचनाकर्ता युवती अभी इस स्थिति में नहीं है कि उससे कोई बात की जा सके।
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पुलिस ने 1 घंटे में ही स्पा सेंटर को दी क्लीन चिट
इस पूरे मामले में ओमती थाना प्रभारी राजपाल बघेल के द्वारा मामले को टालने की कोशिश किया जाना नजर आया क्योंकि प्रत्यक्षदर्शियों और मीडिया के कैमरे में तो पुलिस की दबिश के दौरान लगभग स्पा सेंटर में 7 से 8 युवक और 5 से 6 लड़कियां नजर आ रहे हैं, लेकिन थाना प्रभारी मीडिया से यह कहते नजर आ रहे हैं कि मौके पर पुलिस को कोई भी महिला कर्मचारी नहीं मिली। इसके साथ ही पुलिस के द्वारा महज कुछ घंटे में स्पा सेंटर को क्लीन चिट दे दी गई। पुलिस का यह रवैया कानून और आम नागरिकों की आंख में धूल झोंकने का समझ आ रहा है।
देह व्यापार के बढ़ावे में पुलिसिया संरक्षण पर उठ रहे सवाल
इसके पहले भी जब इस तरह के अनैतिक व्यापार पर पुलिस की नजर पड़ी थी तो द सूत्र ने देह व्यापार के कई अड्डों का खुलासा किया था। लेकिन, उसके बाद भी पुलिस सिर्फ एक दिन की कार्यवाही कर ना जाने क्यों चैन की नींद सो जाती है। यही वजह है कि इन जिस्मफरोशी के अड्डों को पुलिस का संरक्षण मिले होने का सवाल भी खड़ा होता है। क्योंकि पुलिस के द्वारा मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों की भी आंख में धूल झोंके जाने वाले बयानों को देकर मामले में लीपा पोती करने की कोशिश की जाती है। जहां आधा दर्जन से ज्यादा युवक युवतियों को मौके पर पाया जाता है, लेकिन फिर भी पुलिस के द्वारा अपने बयानों में यह कहना कि वहां कोई भी नहीं मिला। यह एक लाचार कानून व्यवस्था को उजागर कर रहा है कि या तो इन अनैतिक व्यापार के अड्डों को पुलिस का संरक्षण मिला है या पुलिस किसी के दबाव में कार्रवाई करने से बच रही है।
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