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मध्य प्रदेश में जिला पंचायत जबलपुर अंतर्गत शासकीय मद की राशि में भ्रष्टाचार और अनियमिताओं के मामले लगातार उजागर हो रहे हैं। ऐसे में जबलपुर जिला पंचायत के द्वारा गबन राशि की वसूली का अभियान तेजी से चलाया जा रहा है जिसमें वर्तमान और पूर्व सरपंच सहित असिस्टेंट इंजीनियर के द्वारा लाखों रुपए बतौर वसूली के जिला पंचायत कार्यालय जबलपुर में जमा किए गए। यह सारी वह रकम थी जो जिम्मेदारों ने गलत मद पर निकाली थी या रकम निकालने के बाद उससे जुड़ा हुआ काम नहीं करवाया था।
शासकीय मद के दुरुपयोग का मामला
जबलपुर जिला पंचायत अंतर्गत बीते दिनों में शासकीय मद का गलत तरीके से उपयोग कर भुगतान किए जाने की शिकायत होने पर जांच के बाद उन पर संबंधित राशि की वसूली किए जाने के प्रकरण लंबित थे, जिसमें जिला पंचायत सीईओ के द्वारा जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन कर संबंधित लोगों को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई में लाखों रुपए की शासकीय गबन राशि को जमा किए जाने के निर्देश जारी किए गए थे। जिसमें अलग-अलग प्रकरणों में पूर्व सरपंच, वर्तमान सरपंच और असिस्टेंट इंजीनियर के द्वारा लाखों रुपए जिला पंचायत कार्यालय में जमा किए गए।
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पूर्व सीईओ ने जारी थे वसूली के निर्देश
जबलपुर जिला पंचायत की पूर्व सीईओ एवं न्यायालय विहित प्राधिकारी जयति सिंह के द्वारा जिले की जनपद पंचायत पनागर की ग्राम पंचायत निरंदपुर में बिना पौधारोपण किए राशि का भुगतान करने और प्रधानमंत्री आवास योजना के अंर्तगत फर्जी मस्टर जारी कर हितग्राहियों के बजाय अन्य व्यक्तियों के नाम मजदूरी का भुगतान किए जाने की शिकायत प्राप्त होने के बाद जांच कमेटी का गठन किया गया था।
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निरंदपुर सरपंच और सचिव को पाया था दोषी
रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में दोषी पाए जाने पर सरपंच, सचिव एवं जनपद पंचायत के उपयंत्री से 4 लाख 92 हजार 335 रुपए की वसूली के आदेश जारी करते हुए निरंदपुर की सरपंच अर्चना पटेल एवं सचिव राजेश पटेल को फर्जी मस्टर बनाकर प्रधानमंत्री आवास योजना का फर्जी मास्टर प्लान तैयार किए जाने का दोषी पाया था। साथ ही पौधरोपण कराए बिना मनरेगा मद से 4 लाख 69 हजार रुपए की राशि आहरित करने के प्रकरण में मस्टर रोल एवं माप पुस्तिका का सत्यापन नहीं करने पर पनागर जनपद पंचायत के उपयंत्री प्रशांत कुररिया को भी सरपंच और सचिव के साथ समान रूप से दोषी ठहराया गया था। उन्होंने इस मामले में निरंदपुर की सरपंच, पंचायत सचिव एवं उपयंत्री को प्रत्येक को कुल राशि का एक तिहाई हिस्सा अर्थात 1 लाख 56 हजार 395 रुपए 15 दिन के भीतर उन्हें जिला पंचायत के एकल खाते में इस राशि को जमा कर न्यायालय विहित प्राधिकारी जिला पंचायत में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।
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गबन राशि का वसूली अभियान
जबलपुर जिला पंचायत सीइओ अभिषेक गहलोत ने बताया कि पंचायत राज्य अधिनियम 1993 की धारा 89 और 92 के तहत की जाने शासकीय मद की गबन राशि के वसूली के प्रकरण लंबित थे। जिसमें जनसुनवाई का आयोजन कर नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई में राशि जमा करने के निर्देश दिए गए थे। जिसमें निरंदपुर की सरपंच अर्चना पटेल के द्वारा 1 लाख 68 हजार रुपए, जनपद पंचायत पनागर के उप यंत्री प्रशांत कुररिया के द्वारा 1 लाख 56 हजार रुपए एवं शहपुरा की जमुनिया पंचायत के पूर्व सरपंच रत्नेश राय के द्वारा 3 लाख 46 हजार रुपए की राशि जिला पंचायत कार्यालय में जमा की गई है।
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5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला
✅जबलपुर में शासकीय मद के दुरुपयोग की जांच: शासकीय मद के दुरुपयोग और गबन के मामलों की जांच चल रही है, जिसमें दोषियों से राशि वसूली जा रही है।
✅फर्जी मस्टर रोल और राशि गबन: निरंदपुर की सरपंच और सचिव द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फर्जी मस्टर रोल तैयार किया गया था, जिसके खिलाफ कार्रवाई की गई।
✅वृक्षारोपण के बिना राशि आहरण: वृक्षारोपण किए बिना राशि आहरित करने पर संबंधित अधिकारियों से वसूली की गई।
✅सीईओ द्वारा गबन राशि वसूली आदेश: जिला पंचायत सीईओ ने दोषियों से गबन राशि वसूली के लिए सख्त आदेश जारी किए हैं।
✅वसूली अभियान में जबलपुर जिला पंचायत का कदम: जबलपुर जिला पंचायत ने गबन राशि वसूली के लिए अभियान चलाया है, जिसमें लाखों रुपए की वसूली की गई है।