जीतू पटवारी ने एसडीएम को दी चेतावनी, एक ईंट भी हटाई तो मैं यहीं खड़ा मिलूंगा

भोपाल में आदिवासी बस्ती के घरों को तोड़े जाने के नोटिस पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी का कड़ा विरोध। प्रशासन को दी चेतावनी। आदिवासी महिलाएं और नेता शबिस्ता जकी के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए।

author-image
Sanjay Dhiman
New Update
Jitu Patwari warning to collector in Bhopal

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

आदिवासी बस्ती में कार्रवाई और जीतू पटवारी का विरोध को ऐसे समझें 

  • आदिवासी बस्ती के लोग 60-70 साल से वहां रह रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने उनके घरों को तोड़ने का नोटिस भेजा।
  • पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने आदिवासी बस्ती का दौरा किया और घरों को न तोड़ने की चेतावनी दी।
  • बस्ती में महिलाओं ने पोस्टर लगाकर प्रशासन से कहा, "ईंट-ईंट से जोड़ा घर, मत तोड़ो हमारा घर"।
  • पटवारी ने प्रशासन से कहा, "एक भी ईंट हटाई तो मैं यहां खड़ा मिलूंगा, पूरी कांग्रेस साथ खड़ी रहेगी"।
  • एसडीएम और एडीएम को पटवारी ने चेतावनी दी कि आदिवासियों को आवास दिलाए बिना घर न तोड़े जाएं।

BHOPAL. भोपाल में मानस भवन के पास स्थित आदिवासी बस्ती को तोड़ने का प्रशासन ने नोटिस जारी किया, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। यह बस्ती करीब 60-70 साल पुरानी है और यहां रहने वाले आदिवासी परिवारों का कहना है कि वे लंबे समय से यहां बसे हैं। इन परिवारों ने अपनी छोटी-छोटी झुग्गियों को कर्ज लेकर खुद से बनाया है, लेकिन अब प्रशासन इन घरों को तोड़ने का फैसला कर रहा है।

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। वे स्वयं आदिवासी बस्ती में पहुंचे और वहां के हालात देखे। उन्होंने महिलाओं से मुलाकात की और उनके मुद्दों को सुना। बस्ती के बाहर कई पोस्टर लगाए गए थे, जिनमें लिखा था- "ईंट-ईंट से जोड़ा घर, मत तोड़ो हमारा घर" और "संविधान से छेड़छाड़ बंद करो, हम लेके रहेंगे आजादी"।

यह खबरें भी पढ़ें...

दमोह में शिकारियों ने वन चौकी पर किया हमला, सरकारी दस्तावेज और हथियार लूटे

एमपी एसआई भर्ती में उम्र सीमा की छूट के लिए भटक रहे युवा, हाईकोर्ट के आदेश पर पोर्टल खोलने का दिखावा

जीतू पटवारी की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया

जीतू पटवारी ने आदिवासी बस्ती का दौरा किया और बस्ती के लोगों की पीड़ा को समझा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रशासन ने एक भी ईंट हटाई तो वह भोपाल कलेक्टर को इसके बारे में बताएंगे और खुद वहां खड़े रहेंगे। पटवारी ने मुख्य सचिव से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने एसडीएम से फोन पर कहा कि किसी भी हालत में इन लोगों को घरों से नहीं हटाया जाना चाहिए।

पटवारी ने साफ शब्दों में कहा कि जब लोग 60-70 साल से यहां रह रहे हैं, तो इस तरह का कदम अन्यायपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार आदिवासी परिवारों को 40 किलोमीटर दूर आवास दे रही है, तो यह पूरी तरह से अव्यवहारिक है।

आदिवासी बस्ती के लोगों की प्रतिक्रिया

आदिवासी बस्ती की महिलाएं और पुरुषों ने कहा कि वे यहां वर्षों से रह रहे हैं और उनका जीवन संघर्षों से भरा हुआ है। रानू नाम की एक महिला ने कहा, "यहां हमारा बचपन बीता है, हमने यहां मेहनत की है। अब सरकार हमें हमारे घरों से बाहर करने की कोशिश कर रही है।"

छाया सिंह वाखला ने भी चिंता व्यक्त की और कहा कि उनके बच्चों की परीक्षाएं चल रही हैं, और प्रशासन रात को नोटिस लेकर उनके घरों को तोड़ने आ रहा है। उनका सवाल था कि अगर आदिवासी बस्ती को हटाने का आदेश दिया जाता है, तो उनके बच्चों का भविष्य क्या होगा?

प्रशासन और जीतू पटवारी के बीच टकराव

जीतू पटवारी ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि कोई भी घर तोड़ा गया, तो वे और उनकी पार्टी इसका विरोध करेंगे। उन्होंने एडीएम से भी फोन पर कहा कि अगर एक भी ईंट हटाई गई, तो कांग्रेस पार्टी उनके खिलाफ खड़ी रहेगी।

यह खबरें भी पढ़ें...

PWD के खिलाफ लामबंदी, संयुक्त अभियंता संघर्ष मोर्चे का गठन, औचक निरीक्षण बना सरकार के गले की फांस

नर्मदा पर सिक्सलेन पुल से खत्म होगा जाम, इंदौर–खंडवा सफर बनेगा आसान, जानें कब से होगा आवागमन शुरू

अंत में क्या होगा?

अब देखना यह है कि प्रशासन इस मुद्दे पर क्या कदम उठाता है। क्या सरकार आदिवासी परिवारों को उचित आवास प्रदान करेगी या फिर यह विवाद बढ़ता रहेगा? यह केवल समय ही बताएगा।

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी भोपाल सरकार भोपाल कलेक्टर नोटिस जारी आदिवासी बस्ती जीतू पटवारी का विरोध
Advertisment