कोर्ट में बोले जीतू, कोरोना के समय लड़ाई जनहित की थी, राजनीतिक नहीं

मप्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी शुक्रवार को जिला कोर्ट में पेश हुए। दरअसल, विधानसभा उप चुनाव के एक मामले में छोटी ग्वालटोली पुलिस ने पटवारी समेत अन्य कांग्रेसियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का केस दर्ज किया था।

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Vishwanath Singh
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इंदौर में कोरोना संक्रमण के दौरान किए गए प्रदर्शन को लेकर शुक्रवार को मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी एमपी एमएलए कोर्ट में पेश हुए। कोरोना काल में शहर की जनता की पीड़ा और अस्पतालों की बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के चलते उन्होंने कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन किया था। इस पर छोटी ग्वालटोली थाने ने उनके और 16 अन्य कांग्रेस नेताओं के विरुद्ध आईपीसी की धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। साथ ही विधानसभा उपचुनाव के समय भी उन पर शासकीय कार्य में बाधा डालने का छोटी ग्वालटोली थाने में केस दर्ज किया गया था। ये केस काफी समय से चल रहा है, लेकिन नेता कभी तारीख पर कोर्ट ही नहीं पहुंचे थे।

शासकीय कार्य में बाधा का भी था केस

मप्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी शुक्रवार को जिला कोर्ट में पेश हुए। दरअसल, विधानसभा उप चुनाव के एक मामले में छोटी ग्वालटोली पुलिस ने पटवारी समेत अन्य कांग्रेसियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का केस दर्ज किया था। इन सभी ने मौके पर धरना प्रदर्शन कर शासकीय कार्य में बाधा डाली थी। वहीं, कोरोना के समय प्रदर्शन करने के मामले में भी पटवारी के केस की सुनवाई हुई।

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कोविड में लोग स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में गंवा रहे थे जान

एमपी एमएलए कोर्ट में सुबह पटवारी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। पेशी के बाद पटवारी ने मीडिया से चर्चा में कहा कि ​​​​​​आज ​कोर्ट के सामने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कोविड काल में जनहित को लेकर जो विपक्ष का दायित्व निभा रहे थे। उसमें मेरे कई साथी भी शामिल थे। आज मेरी पेशी थी। लोग हताहत हो रहे थे, जान गंवा रहे थे। न अस्पताल थे, न बेड ऑक्सीजन भी नहीं थी। सबका संघर्ष था। तब सरकार को जगाने और कमियां बताने का समय था। उसे लेकर कोर्ट ने हमें आज बुलाया था। मेरा गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं हुआ था।

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निगम के 2 हजार कर्मचारी अफसरों के यहां अटैच

पटवारी ने इस दौरान नगर निगम नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे को लेकर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने बोला कि चिंटू पर धारा 307 के तहत केस दर्ज किया। उन्होंने 2 हजार करोड़ की चोरी का मुद्दा उठाया। ये अधिकारियों, एमआईसी, पार्षदों ने करप्शन किया। निगम के 2 हजार कर्मचारी अफसरों-नेताओं के यहां अटैच हैं। उनकी तनख्वाह शहर की जनता देती है। चिंटू ने मुद्दा उठाया तो उन पर केस दर्ज करके अंदर कर दिया।

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मीडिया पर भी निशाना साधा कहा, केवल सब्जियों के दाम बढ़ते दिखाती

जीतू ने कहा कि प्रधानमंत्री, मप्र के मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री सभी लोग किसानों की कमाई दोगुनी करने की बात करती है। उसे लाभ का धंध बनाना चाहती है। किसान की फसलें थोड़ी बड़ी होती है तो मीडिया हाहाकार मचा देती है कि सब्जियों के दाम बढ़ गए। महंगाई ज्यादा है, टमाटर, करेला, लौकी के दाम ज्यादा है। फल भी महंगे हो गए। इसको हम आए–दिन देखते व सुनते हैं। मैं उस मीडिया से आग्रह करना चाहता हूं कि आज टमाटर बिक नहीं रहा है। उसको फेंकना पड़ रहा है। कृषि में जो उत्पादन फेंकना पड़ता है। कृपया करके उस पर भी आवाज उठाएं, क्योंकि यह किसान इसी देश का है। किसी दिन टमाटर के भाव बढ़े तो सभी अखबार और चैनलों में आने लगता है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों कोसने लगते हैं कि महंगाई बड़ गई है। मैं इससे थोड़ा अलग सोच रखता हूं। किसानों के हित की लड़ाई कौन लड़ेगा? इस समय किसानों के टमाटर फेंकने पड़ रहे हैं, कृपया कर सरकार और मीडिया दोनों ध्यान दें। 

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कुछ नेताओं को वारंट भी किए थे जारी

एडवोकेट संतोष यादव ने बताया कि 2018 के सांवेर उप चुनाव के दौरान एक समर्थक पर जिला बदर की कार्रवाई की गई थी। इसके विरोध में कांग्रेस ने डीआईजी को ज्ञापन दिया था। इसमें कुछ कांग्रेस नेताओं को वारंट जारी किए गए थे। जिसकी शुक्रवार को सुनवाई थी। वहीं, पंकज संघवी, विनय बाकलीवाल सहित 15-16 नेताओं की जमानत पर भी सुनवाई होना थी। कोर्ट ने प्रदेश अध्यक्ष को उपस्थित होने का निर्देश दिया था। पटवारी को मेडिकल ग्राउंड पर माफी दी गई थी। इसलिए उन्हें वारंट जारी नहीं किया गया। अब तक 20-25 पेशी हो चुकी है।

 

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