Indore. पार्टी गई तेल लेने यह जुमला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का है जो विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने बोला था। वहीं बीजेपी में हुए कालरा-जीतू यादव कांड में जीतू यादव का डायलॉग था- संगठन गया चूल्हे में, यहां बात मेरी हो रही है। दोनों में ही काफी समानता है। इस पूरे कांड के दौरान जीतू पटवारी ने एक शब्द नहीं बोला और उन्हीं की राह पर कांग्रेस चली और शहर को हिलाने वाले कांड में कांग्रेस ने चुप्पी साध रखी। दरअसल दोनों के डायलॉग ही समान नहीं है, बल्कि एक पोस्टर दोनों के रिश्तों की भी चुगली कर रहा है।
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जीतू के जन्मदिन पर नाना पटवारी
जीतू यादव ने हाल ही में 15 दिसंबर को अपना भव्य जन्मदिन मनाया और पूरे शहर को पोस्टर से पाट दिया। अखबारों में भी जमकर बधाई संदेश छपे। इसी में एक पोस्टर में जीतू को बधाई देते हुए और कोई नहीं बल्कि नाना पटवारी दिखे। यह नाना पटवारी और कोई नहीं जीतू के सगे भाई हैं। यह महज संयोग नहीं था, बल्कि जीतू और नाना पटवारी दोनों करीबी मित्र हैं और जब जीतू कांग्रेस सरकार में मंत्री थे तब जीतू यादव का बीजलपुर में काफी आना-जाना था और नाना से मजबूत संबंध रहे। जो अभी भी कायम हैं।
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गुंडागर्दी का भी दोनों का संबंध
जिस तरह जीतू पर एक नहीं 11 गंभीर धाराओं में केस दर्ज है, वहीं नाना पटवारी भी कम नहीं है, उनके ऊपर भी कई केस हैं, और इन्हीं केस के कारण वह विधानसभा चुनाव के दौरान गिरफ्तार हुए और जेल भी गए। बाद में जेल से बाहर आते ही फिर कांड किया और मारपीट हुई, जिसके चलते फिर उन पर केस हुआ।
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इसलिए पूरी कांग्रेस ने भी साधी चुप्पी
माना जा रहा है कि जब प्रदेशाध्यक्ष पटवारी के भाई ही जीतू यादव से जुड़े हुए हैं तो फिर कोई कुछ बोलकर क्यों पंगा मोल लेता। इसलिए इस मामले में निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे जो विधानसभा चुनाव में जीतू यादव के खिलाफ जमकर मोर्चा खोले हुए थे और उनके क्षेत्र में जाकर धमका कर आए थे, वह चुप्पी साधे रहे। इसी तरह शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा हो या अन्य नेता सभी ने मुंह सिल लिया। नेता प्रतिपक्ष विधानसभा उमंग सिंघार ने टिप्पणी की लेकिन वह भी सात दिन बाद और इसे बीजेपी नगराध्यक्ष पद से जोड़ते हुए इंदौर विधानसभा दो को टारगेट पर रखा, लेकिन सीधे जीतू यादव पर कहने से हर कोई बचा रहा, जैसे वह बीजेपी के नहीं बल्कि कांग्रेस के पार्षद और एमआईसी मेंबर हो। कुल मिलाकर कांग्रेस ने अपनी किरकिरी कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
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