जीतू यादव ही सरगना, हाईकोर्ट में शासकीय अधिवक्ता बोले, पुलिस को अब क्यों इंतजार

हाईकोर्ट में जीतू के करीबी गुंडे पिंटू उर्फ पुष्कर रावरेकर की जमानत याचिका पर बहस हुई थी। इस दौरान शासकीय अधिवक्ता राजेश जोशी ने खुलकर कहा कि इसको जमानत नहीं दी जानी चाहिए..

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Sanjay gupta
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Jitu Yadav Sargana
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Indore. पार्षद कमलेश कालरा के घर पर हमला करने वाले 40 अज्ञात आरोपियों में से 20 गिरफ्तार हो चुके हैं। लेकिन पुलिस अभी भी इस घटना के लिए गुंडे जीतू यादव पर केस दर्ज नहीं कर रही है। वहीं अभी तक उसके चचेरे भाई अभिलाष यादव को ही मुख्य आरोपी बता रही है। उधर पुलिस की कार्रवाई और लीपापोती पर खुद शासकीय अधिवक्ता ने ही करारा तमाचा जड़ दिया। 

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चार वीडियो, 3 ऑडियो पेश हुए

हाईकोर्ट में घटना से जुड़े कुछ और वीडियो भी पेश किए गए, जिसमें निर्वस्त्र कांड वाला तो था ही, मोहल्ले के बाहर कारों से आए गुंडों और उनका हंगामा है, साथ ही हंगामे का एक और वीडियो साथ ही पास की गली में लगा एक और वीडियो आया है जिसमें कारें एक के बाद एक कालरा के घर की ओर जा रही है। साथ ही कालरा और जीतू के बीच घटना वाले दिन तीन बार फोन पर हुई चर्चा की ऑडियो भी पेश की गई। 

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हाईकोर्ट में आ गया जीतू का नाम

हाईकोर्ट में जीतू के करीबी गुंडे पिंटू उर्फ पुष्कर रावरेकर की जमानत याचिका पर बहस हुई थी। इस दौरान शासकीय अधिवक्ता राजेश जोशी ने खुलकर कहा कि इसको जमानत नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि अभी कई लोग फरार है। इस घटना और मामले का सरगना जीतू यादव है और यह अभी तक पुलिस के सामने पेश नहीं हुआ है। ऐसे में जमानत होने पर यह साक्ष्य को प्रभावित कर सकते हैं। अभी चालान भी पेश नहीं हुआ है। आरोपी पिंटू खुद घटना के बाद भाग गया था और पांच दिन बाद पकड़ा गया, यदि वह घटना में शामिल नहीं होता तो पुलिस से भागता नहीं। जीतू और कई अन्य अभी भी पुलिस से भाग रहे हैं, सभी ने मिलकर संगनमत होकर यह कांड किया है। 

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क्या हुआ पिंटू की जमानत में

पिंटू ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में खुद को निर्दोष बताया और यह पूरा केस झूठा बताया। इस पर सरकारी अधिवक्ता ने आपत्ति ली, वहीं पुलिस केस डायरी का हवाला दिया। इसमें कहा गया है कि अभी भी केस से जुड़े 22 आरोपी फरार है, इन सभी की आपराधिक पृष्ठभूमि है और यह जांच को प्रभावित कर सकते हैं। मामला गंभीर है और पूरे केस में नाबालिग के साथ हुए कृत्य के वीडिय़ो भी मौजूद है। अभी चालान भी पेश होना बाकी है। इस पर हाईकोर्ट जस्टिस संजीव एस. कलगांवकर ने कहा कि मामला गंभीर है और अभी चालान भी पेश नहीं हुआ, इसे खारिज करते हैं, इस पर पिंटू के अधिवक्ता ने यह कहते हुए याचिका विड्रॉ कर ली कि चालान के बाद हम फिर लगाते हैं। 

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जीतू यादव की यह है पूरी चाल

यह पूरी तरह से Jitu Yadav की चाल मानी जा रही है। जीतू बीजेपी से निकाले जाने के बाद 11 जनवरी से ही गायब है। अभी तक वह पुलिस के सामने नहीं आया है और पुलिस उसे बयान लेने के लिए और आवाज का नमूना लेने के लिए ढूंढ रही है। पुलिस की एफआईआर में अभी तक जीतू नामजद आरोपी नहीं बना है, हालांकि वीडियो और आडियो सारे सबूत उसके खिलाफ है। जानकारों का कहना है कि जीतू पहले अपने गुर्गों को एक-एक कर पुलिस के आगे कर रहा है, जिससे पुलिस भी कार्रवाई दिखती रहेगी, वहीं इन गुर्गो की जमानत याचिका लगाई जा रही है, ताकि यदि एक भी जमानत हो गई तो इसी बहाने अन्य की हो जाएगी और वह भी खुद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत लेकर फिर बेफिक्र होकर शहर में सबके सामने आ जाएगा। उधर पुलिस ने दिलीप बसवाल पिता रमेशचंद्र निवासी कुलकर्णी नगर और घनश्याम सिंह उर्फ बंटी पिता हरिसिंह ठाकुर भदौरिया निवासी शीलनाथ कैंप को भी गिरफ्तार किया है। दिलीप के खिलाफ तुकोगंज व एमआईजी थाने में केस है. यानी यह भी आदतन अपराधी है। इसके पहले पकड़े गए 18 आरोपियों में से 9 भी आदतन अपराधी ही थे। 

अभी तक कार भी जब्त नहीं

उधर पुलिस ने दो वीडियो सामने आने के बाद भी कालरा के घर जिन कारणों से गुंड़ें पहुंचे थे उन्हें जब्त नहीं किया है। टीआई अनिल गुप्ता जूनी इंदौर पुलिस का कहना है कि इस मामले में हॉकी, बेसबाल, बल्ला, डंडे जब्त हो गए हैं और कारों की पहचान की जा रही है। अभी तीन कारों की पहचान हुई है।

जीतू को पहुंचाए गए 6 बार नोटिस

उधर पुलिस का कहना है कि वह जीतू के वाइस सेंपल लेने के लिए लगातार नोटिस जारी कर रही है और 6 बार उसे नोटिस दिए जा चुके हैं, लेकिन वह सामने नहीं आया है। यदि सामने नहीं आया तो फिर भगोड़ा घोषित किया जाएगा। हालांकि, अभी तक जीतू का नाम एफआईआर में नहीं है।

हाईकोर्ट में यह बोला गया जीतू को लेकर

आरोपी राजनीतिक प्रभाव वाले व्यक्ति है। साक्षी पार्षद कमलेश कालरा ने बयान में बताया कि एमआईसी मेंबर जीतू यादव से फोन पर बातचीत के दौरान क्षमा मांगने पर और वृद्ध मां की दुहाई देते हुए गुंडों को घर से हटाए जाने के लिए कहा गया। आरोपी गण राजनीतिक प्रभाव वाले होकर पूरी तरह अनियंत्रित है और फिर फरियादी व साक्षीगण के साथ 

घटना की पुनरावृत्ति करेंगे।

1. अधिकांश आरोपी आदतन अपराधी है। खुद पार्षद जीतू यादव पर 10 आपराधिक पंजीबद्ध हो चुके हैं। यह भी केस डायरी में हैं।
2. जांच के दौरान आडियो, घटना के फुटेज में स्पष्ट है कि पार्षद कालरा के घर भेजे गए सभी आरोपी पार्षद जीतू यादव के द्वारा भेजे गए हैं, जिन्होंने पूरी तरह राजनीतिक संरक्षण में  रहकर घृणित कृत्य किया, जिससे पूरे क्षेत्र में  भय व दहशत का माहौल बना। 
3.आरोपियों द्वारा किए गए आपराधिक कृत्य का सामाजिक रूप से प्रदेश के विभिन्न शहरों में पार्षद जीतू यादव के विरूद् आमजन द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया है।
4. प्रकरण की जांच जारी है, आरोपियों के द्वारा व पार्षद जीतू यादव द्वारा फरियादी व परिवार को धमकाया जाकर कहा गया है कि तुम्हारे साथ रोजाना ऐसे ही (निर्वस्त्र) होगा। ऐसे में पूरी संभावना है कि फरियादी व साक्षियों को धमका कर प्रभावित किया जाए।

 

इंदौर न्यूज इंदौर हाईकोर्ट मध्य प्रदेश एमपी हिंदी न्यूज पार्षद कमलेश कालरा पार्षद जीतू यादव