INDORE. वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक के आत्महत्या केस में आरोपी सलोनी अरोरा फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमानत लेने के मामले में मंगलवार को गिरफ्तार हुई थी। उसे बुधवार को जिला कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड में पूछताछ के लिए भेज दिया गया।
डाबी को पहले ही हो चुकी रिमांड
इसके पहले मंगलवार को जिला कोर्ट में इस केस के एक अन्य आरोपी केदार डाबी को पेश किया गया था उसे भी पुलिस ने तीन दिन की रिमांड पर लिया है। मंगलवार को नीमच-मंदसौर के पास मल्हारगढ़ से सलोनी अरोरा को गिरफ्तार किया गया था। क्राइम ब्रांच ने बुधवार को मेडिकल चेकअप के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से तीन दिन की रिमांड पर भेज दिया गया।
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इनके खिलाफ क्राइम ब्रांच ने दर्ज किया केस
क्राइम ब्रांच इंदौर ने 15 जुलाई की आधी रात को नीरज याग्निक (स्वर्गीय कल्पेश याग्निक के भाई) की शिकायत की जांच कराने के बाद केस दर्ज किया है। इसमें आरोपी सलोनी आरोरा के साथ ही जमानतदार केदार डाबी पिता मनीराम डाबी निवासी सिमरोल और मधु श्रीवास्तव पति राजेश श्रीवास्तव, 13 ए आनंद नंगर इंदौर है। इन पर आईपीसी की धारा 115, 120बी, 420, 465, 466, 467, 470, 471 और 474 में केस हुआ है। कुल दस धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
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यह है पूरा मामला
सलोनी आरोरा ने कल्पेश याग्निक के आत्महत्या, ब्लैकमेलिंग वाले केस में जमानत के लिए पहले उसकी भाबी डिंपल पित संजय अरोरा की जमानत पेश की थी। लेकिन बाद में भाई से विवाद के बाद जमानत वापस ले ली गई, कोर्ट के नोटिस के बाद सलोनी ने अपने वकील की बहन मधु श्रीवास्तव की जमानत पेश की। फिर सिंतबर 2023 में मधु ने भी जमानत वापस ले ली।
इसके बाद जनवरी 2024 में केदार डाबी ने जमानत दी, लेकिन नीरज याग्निक ने केदार डाबी के खिलाफ हाईकोर्ट में चले एक केस और इसमें 2022 में हुए एक आदेश का हवाला दिया और बताया कि केदार डाबी तो पेशेवर तरीके से जमानत देने वाला आदतन अपराधी है और इसके खिलाफ हाईकोर्ट ने जमानत देने पर रोक लगाई हैं।
सलोनी ने अपनी जमानत के लिए केदार डाबी को बोला और उसने फर्जी ऋण पुस्तिका को पेश करते हुए सलोनी के लिए पांच लाख की जमानत का जमानतदार बना। दोनों ने मिलकर यह षड़यंत्र रचा।
डाबी पहले भी कई लोगों की जमानत के लिए ऐसे कागज पेश कर चुका है। नीरज ने अपनी शिकायत में कोर्ट के सभी आदेश व अन्य दस्तावेज भी प्रस्तुत किए। इसकी जांच की गई जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज किया।
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सलोनी पर पहले ही यह केस दर्ज है
इस आत्महत्या, ब्लैकमेलिंग केस में सलोनी पर जुलाई 2018 में पहले ही आईपीसी धारा 386, 503, 306, 465, 467, 468, 469, 471, 201, 204, 389, आईटी एक्ट व अन्य धाराओं में केस दर्ज है जो 28वें न्यायाधीश हेमंत रघुवंशी की कोर्ट में चल रहा है। इसी केस में जमानत के लिए सलोनी ने केदार डाबी के साथ मिलकर फर्जी कागज से जमानत हासिल की।
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7 साल से चल रहा केस
14 जुलाई 2018 की रात को कल्पेश याग्निक ने दैनिक भास्कर एबी रोड इंदौर की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में सामने आया था कि भास्कर में रह चुकी पत्रकार सलोनी अरोरा द्वारा उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था। इसके बाद पुलिस ने सलोनी पर गंभीर धाराओं में केस किया और गिरफ्तारी ली थी, बाद में यह जमानत हुई थी।
नीरज याग्निक ने शिकायत में यह भी बताया कि केदार डाबी पर जमानतदार होने के नाते जिम्मेदार थी कि वह सलोनी को सुनवाई में पेश करवाए लेकिन केवल जनवरी 2024 में जमानत के दिन आने के सिवा सलोनी कोर्ट में पेश नहीं हुई।
मध्यप्रदेश
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