BHOPAL. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ( Kamal Nath ) कहां हैं? छिंदवाड़ा में वोटिंग के बाद वे क्यों नजर नहीं आ रहे? अभी तो प्रदेश में चौथे चरण का चुनाव बाकी है? बीजेपी नेता कुछ ऐसे ही सवाल पूछ रहे हैं। दरअसल, सूबे की हॉट सीट छिंदवाड़ा में मतदान होने के चंद दिन बाद कमलनाथ सियासी परिदृश्य से ओझल हो गए हैं। कांग्रेस को उम्मीद थी कि कमलनाथ प्रदेश में बाकी सीटों पर चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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क्या कांग्रेस से नाराज हैं पूर्व सीएम ?
छिंदवाड़ा में वोटिंग के बाद कमलनाथ ने अपने समर्थक रामू टेकाम के लिए बैतूल क्षेत्र में सभा की। फिर वे विदेश चले गए। कहा जा रहा है कि वे 10 मई को वापस लौटेंगे। इसी के साथ 11 मई की शाम मध्यप्रदेश के बचे हुए आठ लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार थम जाएगा। कमलनाथ की बेरुखी को नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है।
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बड़ी सीटों से दूर रखा
कांग्रेस आलाकमान ने चुनौती वाली सीटों पर कांग्रेस के बड़े नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन कमलनाथ को इससे दूर रखा गया है। जैसे अमेठी में राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत और रायबरेली में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया है। इसी तरह वरिष्ठ नेता डॉ.सीपी जोशी को चांदनी चौक (दिल्ली) और सचिन पायलट को उत्तर-पूर्वी दिल्ली का पर्यवेक्षक बनाया गया है। इसी मुद्दे को कमलनाथ और आलाकमान की अनबन से जोड़कर देखा जा रहा है।
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सर्च वारंट निकलेगा, तब पता चलेगा: वीडी
कमलनाथ की गैर मौजूदगी पर बीजेपी निशाना साध रही है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि मीडिया के मित्र पूछ रहे हैं कि कमलनाथ जी कहां हैं? तो कह रहे हैं कि हमें ही पता नहीं लग रहा कहां हैं। सर्च वारंट निकलेगा, तभी पता चलेगा।
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पुत्र के चुनाव तक सीमित रह गए कमलनाथ-अग्रवाल
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने कहा कि एक समय प्रदेश कांग्रेस के सबसे बड़े नेता कमलनाथ अपने पुत्र नकुलनाथ के चुनाव तक सिमटकर रह गए हैं। उन्होंने कहा, जीतू पटवारी के अध्यक्षीय कार्यकाल की अनेकों अनुपलब्धियों में से एक यह भी है कि कमलनाथ जैसे वरिष्ठ नेता को पार्टी से दूर करके सिर्फ छिंदवाड़ा तक सीमित कर दिया।