Madhya Pradesh : अपने क्षेत्रों तक सिमटे दिग्गज, 'नाथ' छिंदवाड़ा तक तो, 'शिव' विदिशा और सिंधिया गुना तक सीमित !

एमपी में कांग्रेस-बीजेपी के बड़े नेता पहले चरण के चुनाव में अपने घर में ही 'कैद' हो गए हैं। कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, शिवराज सिंह चौहान से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेता अपने संसदीय सीटों से बाहर नहीं निकल रहे हैं । 

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Sandeep Kumar
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BHOPAL. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 ( Assembly elections 2023 ) में प्रदेश की राजनीति की धुरी रहे बीजेपी और कांग्रेस दोनों के ही बड़े नेता इन दिनों सिर्फ अपने चुनाव क्षेत्र तक सीमित हो गए हैं। प्रदेश के राजनीतिक फलक पर इनकी जगह दूसरी पीढ़ी के नेताओं ने ले ली है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सीएम फेस रहे कमलनाथ लोकसभा चुनाव 2024 ( Lok Sabha Elections 2024 ) की घोषणा के बाद ही छिंदवाड़ा में डेरा डाले हुए हैं। दिग्विजय सिंह, शिवराज सिंह चौहान से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेता अपने संसदीय सीटों से बाहर नहीं निकल रहे हैं । ये बात और है कि केवल कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के लिए छिंदवाड़ा संसदीय सीट से बाहर नहीं निकल रहे हैं। 

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क्या कहते हैं पूर्व सीएम कमलनाथ ?

पूर्व सीएम कमलनाथ कह भी चुके हैं कि जब तक छिंदवाड़ा में वोटिंग नहीं हो जाएगी, तब तक नकुलनाथ को अकेला छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। यहां तक कि कांग्रेस के घोषणा-पत्र को लेकर दो दिन पूर्व कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं की संयुक्त प्रेसवार्ता में भी कमलनाथ नहीं आए। विधानसभा चुनावों में प्रदेश की 200 से ज्यादा सीटों पर पहुंचकर सभाएं लेने वाले शिवराज सिंह चौहान विदिशा और भोपाल तक सीमित होकर रह गए हैं।

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विदिशा और भोपाल में क्यों सिमटे मामा

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान इन दिनों विदिशा लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी हैं । शिवराज विदिशा के बाहर सिर्फ होशंगाबाद और छिंदवाड़ा में एक-एक बार ही गए हैं। भोपाल में घर होने के कारण यहां जरूर उनकी गतिविधियां नजर आती हैं, लेकिन प्रदेश के दूसरे हिस्सों में न तो वे प्रचार के लिए जा रहे हैं, न ही प्रत्याशियों की ओर से उनकी ज्यादा डिमांड आ रही है।

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सिंधिया को जिताने की जिम्मेदारी तोमर ने ली

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना-शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं। इसके अलावा सिर्फ ग्वालियर में एक दो बार नजर आए हैं। प्रदेश के विधानसभा स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने ग्वालियर-चंबल में डेरा डाल लिया है। मुरैना में उनके करीबी शिवमंगल तोमर, ग्वालियर में भारत सिंह कुशवाह और भिंड से संध्या राय प्रत्याशी हैं। तीनों टिकट तोमर ने दिलवाएं हैं, इसलिए इन्हें जिताने का जिम्मा भी पार्टी ने तोमर के कंधों पर डाल दिया है।

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केवल राजगढ़ में पदयात्रा करने में जुटे दिग्गी

कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह राजगढ़ में पदयात्रा कर प्रचार में जुटे हैं। इसके अलावा वे सिर्फ भोपाल में सक्रिय हैं। आदिवासियों के नेता कांतिलाल भूरिया लोकसभा चुनाव के पहले से झाबुआ-अलीराजपुर-रतलाम में डेरा डाले हुए हैं। वे अन्य किसी आदिवासी बहुल सीट पर प्रचार करने नहीं निकले। 

चुनावी मैदान में इन नेताओं की बढ़ी सक्रियता

भाजपा में शिवराज की जगह अब डॉ. मोहन यादव हर दिन प्रदेश के किसी ने किसी सीट पर रैली, सभा और रोड शो करने पहुंच रहे हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा खजुराहो से चुनाव लड़ते हुए आसपास की लोकसभा सीटों पर भी प्रचार में सक्रिय हैं। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत मंत्री प्रह्लाद पटेल की सक्रियता चुनाव प्रचार में अधिक बढ़ गई है।  कांग्रेस में प्रदेश स्तर पर प्रचार का सर्वाधिक दारोमदार प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी पर ही है। उनके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा सामूहिक दौरे कर रहे हैं। प्रदेश मुख्यालय पर पार्टी के कार्यक्रमों में भी यही चारों नेता प्रमुख रूप से नजर आ रहे हैं।

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