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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बार फिर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में सरकारी भर्तियों में OBC (Other Backward Classes) को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का कानून बनवाया गया था। हालांकि, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने हर स्तर पर इस कानून को लागू होने से रोकने की कोशिश की है। उनका कहना है कि बीजेपी का OBC विरोधी रवैया अब किसी से छुपा नहीं है।
हाल ही में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पर एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया था। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तो मार्च 2019 में OBC के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण देने का कानून पारित किया गया था। उन्होंने कहा कि यह साफ है कि इस कानून पर कोई प्रतिबंध नहीं है, और अगर बीजेपी चाहती तो पिछले पांच वर्षों में हुए भर्तियों में OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जा सकता था।
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कमलनाथ ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार मौजूदा क़ानून के तहत भर्तियां करने के लिए स्वतंत्र है। इससे यह स्पष्ट है कि बीजेपी सरकार ने जानबूझकर OBC आरक्षण को लागू करने से रोका।" उन्होंने यह भी कहा कि अब जब मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है, तो सरकार को OBC आरक्षण को लागू करने के लिए अपनी पूरी प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए और पैरवी करनी चाहिए।
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विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी इस मामले पर ट्वीट किया और सरकार से OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कार्यकाल में OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का कानून बना था और अब बीजेपी की जिम्मेदारी है कि वह सुप्रीम कोर्ट में इस कानून को लागू कराने के लिए पैरवी करे।