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Photograph: (THESOOTR)
BHOPAL/RATLAM. कर्नाटक राज्यपाल थावरचंद गहलोत के परिवार से जुड़ा एक बेहद संवेदनशील और हाई–प्रोफाइल मामला मंगलवार को सामने आया। जब राज्यपाल के पोते की पत्नी ने गंभीर आरोपों से भरा विस्तृत आवेदन रतलाम पुलिस अधीक्षक को सौंपा।
पीड़िता ने अपनी दादी सास अनिता गहलोत, पति देवेंद्र गहलोत, देवर विशाल और ननद अनिता पर आरोप लगाए। दहेज प्रताड़ना, मारपीट, लगातार मानसिक उत्पीड़न, जान से मारने की धमकी और घर की छत से धक्का देकर चोट पहुंचाने जैसे संगीन आरोप लगाए हैं।
पचास लाख रुपए लाने का बनाया दबाव
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, लगभग चार पन्नों के आवेदन में शिकायतकर्ता ने घरेलू हिंसा के घटना क्रम को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि उसका विवाह पारिवारिक रीति-रिवाज और सामाजिक स्तर के अनुरूप धूमधाम से हुआ था। विवाह के कुछ समय बाद से ही ससुराल पक्ष के लोग दहेज की मांग को लेकर उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने लगे।
आवेदन में यह भी उल्लेख है कि परिवार के सदस्यों ने उस पर पचास लाख रुपए लाने का दबाव बनाया। रकम न मिलने पर लगातार झगड़े, मारपीट, अपमानजनक व्यवहार तथा चरित्र-हनन जैसी हरकतें कीं।
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पति पर अय्याशी करने और मारपीट के आरोप
शिकायत में पीड़िता ने पति के व्यवहार को भी गंभीर रूप से प्रश्नों के घेरे में रखा है। दिव्या ने शिकायती आवेदन में पति देवेंद्र पर अय्याशी व शराब के नशे में मारपीट करने के आरोप भी लगाए। महिला ने यह भी कहा कि विवाह के बाद वह कई बार ससुराल छोड़कर मायके जाने को मजबूर हुई, लेकिन हर बार उसे समझाइश देकर वापस बुला लिया जाता था।
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छत से धक्का दिया, दूसरे दिन कराया इलाज
महिला ने शिकायती आवेदन में कहा कि इसी साल जनवरी में विवाद के दौरान उसे घर की छत से धक्का दे दिया गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हुई। आवेदन में इलाज संबंधी विवरण, अस्पताल में भर्ती होने और मेडिकल रिपोर्ट तक का उल्लेख किया गया है। पीड़िता का कहना है कि इन परिस्थितियों के बावजूद परिवार ने न तो उसकी बात सुनी और न ही उसके साथ हुए दुर्व्यवहार को रोकने के लिए कोई कदम उठाया।
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हाई प्रोफाइल परिवार का हवाला देकर आवाज दबाई
अपने लिखित बयान में महिला ने कहा है कि राज्यपाल के परिवार का प्रभाव होने के कारण उसकी बात को दबाने की कोशिशें की गईं। उसे धमकाया गया कि अगर उसने आवाज उठाई तो उसे व उसके मायके वालों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
गर्भावस्था के दौरान भी किया प्रताड़ित
पीड़िता का यह भी आरोप है कि गर्भावस्था के दौरान भी उसे प्रताड़ित किया गया। शिकायत में उसने लिखा है कि शारीरिक और मानसिक तनाव से उसकी सेहत बिगड़ी, लेकिन परिवार के सदस्यों ने न तो सहानुभूति दिखाई और न ही उसकी स्थिति का ख्याल रखा।
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पति देवेंद्र ने आरोपों को बताया गलत
वहीं दिव्या के पति देवेंद्र गहलोत ने अपनी पत्नी के आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि यह पारिवारिक विवाद का मामला है,लिहाजा इस बारे में वह अधिक कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन उन्होंने शिकायत को पत्नी की छोटी सोच का परिणाम बताया। वहीं, रतलाम पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने कहा कि मामला उज्जैन जिले से जुड़ा है। इसके चलते उन्होंने महिला के शिकायती आवेदन को उज्जैन के संबंधित अधिकारी को भेज दिया है।
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महिला ने की न्याय और सुरक्षा की मांग
अब पूरा मामला उज्जैन जिले की पुलिस के पास है, जहां पीड़िता की शिकायत के आधार पर आगे की विधिक प्रक्रिया तय की जाएगी। फिलहाल पीड़िता ने न्याय और सुरक्षा की मांग की है तथा अपने आवेदन के साथ चिकित्सीय दस्तावेज व अन्य साक्ष्य भी उपलब्ध कराए हैं।
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