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MP Crime News: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के बैढ़न से आर्मी जॉब फ्रॉड का मामला सामने आया है। बैढ़न के पचखोरा गांव के रिटायर्ड फौजी भूपेंद्र पांडे अपने बेटे निखिल को नर्सिंग असिस्टेंट की भर्ती के लिए अक्टूबर 2025 में लखनऊ लेकर गए थे। फिजिकल टेस्ट के दौरान निखिल दौड़ में फेल हो गया, जिससे पूरा परिवार निराश हो गया।
उसी दौरान सेना की वर्दी में एक व्यक्ति उनके पास आया और बातचीत शुरू की। उसने खुद को कर्नल एसएन राव बताया और कहा कि वह चाहे तो बेटे की भर्ती पक्की करवा सकता है।
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फर्जी कर्नल ने कैसे जीता भरोसा?
कथित कर्नल ने खुद को अंदरूनी सिस्टम समझने वाला सीनियर अधिकारी बताया। उसने भरोसा दिलाया कि थोड़ी रकम खर्च करने पर निखिल आराम से चयनित हो जाएगा। बेटे के भविष्य की चिंता में डूबे भूपेंद्र पांडे बातों में आ गए।
परिवार ने वहीं लखनऊ में पहली किस्त के रूप में 7.5 लाख रुपए आरोपी को दे दिए।
ग्वालियर में दूसरी डील, नकद और ऑनलाइन पेमेंट
कथित कर्नल ने अगली मुलाकात के लिए भूपेंद्र को ग्वालियर बुलाया। 17 नवंबर को वे तय समय पर मुरार स्थित सेना भर्ती कार्यालय के बाहर पहुंचे, जहां आरोपी फिर मिल गया।
यहां एक निजी वाहन में बैठकर उसने बाकी रकम देने को कहा। भूपेंद्र ने 7.5 लाख रुपए नकद और बाद में ऑनलाइन पेमेंट के रूप में बाकी राशि आरोपी के दिए खातों में ट्रांसफर कर दी।
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नकली सील, फर्जी ज्वाइनिंग लेटर और चार नौकरियों का सपना
पैसा मिलते ही कथित कर्नल ने कुछ दिनों में ज्वाइनिंग लेटर देने का वादा किया। उसने सेना की फर्जी सील लगाकर दस्तावेज तैयार किए और 4 दिसंबर को लखनऊ में ज्वाइनिंग की तारीख लिख दी।
ये मामला यहीं नहीं रुका, उसने भूपेंद्र पांडे, उनके भाई और साले के लिए भी नौकरी का लालच दिया। तीनों को MES यानी मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज में सिक्योरिटी इंचार्ज, फिटर और इलेक्ट्रिशियन की पोस्ट पर फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भेज दिए गए। इतना बड़ा आर्मी जॉब स्कैम इन्होंने सोचा भी नहीं था।
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मिलिट्री ऑफिस पहुंचे तो सपना टूटा, नंबर भी हो गया बंद
28 नवंबर को भूपेंद्र पांडे, उनका भाई और साला ज्वाइनिंग लेटर लेकर ग्वालियर पहुंचे। वे मुरार स्थित मिलिट्री ऑफिस में दस्तावेज दिखाने गए तो स्टाफ ने साफ कर दिया कि MES में ऐसी कोई भर्ती हुई ही नहीं।
जांच में यह भी पता चला कि SN Rao या SN Rao Jha नाम का कोई कर्नल या अधिकारी वहां तैनात नहीं है। जैसे ही पता चला कि भर्ती के नाम पर धोखाधड़ी का सच सामने आया है। तभी पीड़ित परिवार ने आरोपी को फोन किया तो मोबाइल फोन बंद मिला और अब तक बंद है।
एसएसपी ऑफिस में शिकायत, पुलिस ने दर्ज किया मामला
ठगी का अहसास होने पर पीड़ित परिवार सोमवार को ग्वालियर एसएसपी ऑफिस पहुंचा। रिटायर्ड फौजी ने पूरी कहानी एएसपी अनु बेनीवाल को बताई और सभी दस्तावेज दिखाए।
अधिकारियों ने पीड़ितों को मुरार थाने भेजा और फर्जी कर्नल के खिलाफ केस दर्ज करने के निर्देश दिए। ग्वालियर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है और अब आरोपी की तलाश और रकम के लेनदेन की जांच की जा रही है।
सेना भर्ती में ऐसे जालसाज कैसे निशाना बनाते हैं युवाओं को
सेना भर्ती जैसे इमोशनल मुद्दे पर जालसाज सीधे परिवार की चिंता को टारगेट करते हैं। वे खुद को आर्मी अफसर, एजेंट या अंदरूनी लिंक वाला कर्मचारी बताकर भरोसा जीतते हैं।
अक्सर वे फेल या रिजेक्ट हुए उम्मीदवारों के परिवार के पास पहुंचते हैं। जल्दी नौकरी और पक्के चयन के नाम पर लाखों की डील कर लेते हैं और फिर मोबाइल बंद कर गायब हो जाते हैं।
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ऐसे मामलों से क्या सीखें, कैसे बचें सेना भर्ती ठगी से
सेना या MES की हर भर्ती सिर्फ आधिकारिक वेबसाइट और नोटिफिकेशन से मानें।
किसी भी वर्दीधारी या स्वयंभू कर्नल को व्यक्तिगत पैसा देने से पहले उसकी पहचान जांचें।
नकद पेमेंट से बचें, संदिग्ध लेनदेन की सूचना तुरंत नजदीकी थाने में दें।
अगर कोई नौकरी के बदले पैसे मांगे तो समझें कि मामला संदिग्ध है।
परिवार के युवाओं को यह समझाएं कि मेहनत और मेरिट से ही भर्ती संभव है।
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