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देश के कई राज्य समेत एमपी में ड्रग्स समेत नशीली दवाओं तेजी से बढ़ रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में केरल से ड्रग्स के कुल 27 हजार 701 मामले सामने आए। केरल इस समय देश में पहले नंबर पर बना हुआ है। यहां पर पंजाब से तीन गुना ड्रग्स की तस्करी हो रही अधिक हैं। वहीं पंजाब 9 हजार 025 मामलों के साथ दूसरे नंबर है। बात करें एमपी की तो यहां 4,537 मामले दर्ज हुए हैं जो कि केंद्रीय सूची में 6वें नंबर पर है।
एमपी में ड्रग्स के मामले
मध्य प्रदेश में साल 2022 में ड्र्ग्स के मामले 3 हजार 582 मामले दर्ज किए गए है। वहीं 2023 में 3 हजार 683 दर्ज हुए है। साल 2024 ड्रग्स के मामलों में इजाफा हुआ है। प्रदेश में 4 हजार 537 मामले दर्ज किए है।
तालिका: 2022-2024 के दौरान एनडीपीएस एक्ट के तहत मामलों की स्थिति
राज्य | 2022 मामले | 2023 मामले | 2024 मामले |
---|---|---|---|
केरल | 26,918 | 30,715 | 26,018 |
पंजाब | 12,243 | 15,561 | 12,379 |
महाराष्ट्र | 9,015 | 12,786 | 12,576 |
उत्तर प्रदेश | 7,751 | 12,377 | 9,572 |
राजस्थान | 5,380 | 5,982 | 5,862 |
मध्य प्रदेश | 3,582 | 3,683 | 4,537 |
असम | 2,398 | 2,354 | 3,457 |
हरियाणा | 1,598 | 1,974 | 2,194 |
तेलंगाना | 1,220 | 1,798 | 1,527 |
ओडिशा | 1,249 | 2,091 | 1,492 |
दिल्ली | 1,144 | 1,558 | 1,432 |
कर्नाटक | 507 | 1,544 | 1,454 |
भोपाल में 1800 करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 1800 करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद हुई थी। NCB ने एटीएस गुजरात के साथ मिलकर भोपाल के नजदीक एक फैक्ट्री पर छापा मारा था। इस दौरान टीम ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं 1800 करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद हुई। यह छापा भोपाल के कटारा हिल्स थाना क्षेत्र में स्थित फैक्ट्री पर मारा गया था।
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झाबुआ में 168 करोड़ की पकड़ी गई थी ड्रग्स
मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में MD ड्रग्स की बड़ी खेप बरामद की गई थी। इसका कनेक्शन भी गुजरात से जुड़ा हुआ था। झाबुआ जिले के आदिवासी इलाके को नशे का आदी बनाया जा रहा था। यहां पुलिस ने 168 करोड़ की MD ड्रग्स बरामद हुई थी।
नशीली दवाओं की तस्करी के नए रास्ते
केरल में नशे की तस्करी अब पुराने तरीकों से हटकर नए तरीकों से हो रही है। तस्कर अब हाइपरलोकल नेटवर्क का इस्तेमाल कर छोटी-छोटी खेपों के माध्यम से ड्रग्स सप्लाई कर रहे हैं। पहले, मादक पदार्थों को बड़े पैमाने पर एक बार में भेजा जाता था, लेकिन अब तस्कर धीरे-धीरे स्थानीय संपर्कों के जरिए ड्रग्स की आपूर्ति कर रहे हैं।