अजय खरे@ कटनी
MP NEWS: मध्य प्रदेश के कटनी जिले का खुसरा गांव पहाड़ी इलाके में बसा हुआ है। गामीणों के लिए जल संकट कई सालो से सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। करीब 400 से 500 लोगों की आबादी वाले इस गांव में कुल 40 परिवार रहते हैं। यहां बोरवेल खोदे गए लेकिन वे भी असफल हो गए। जलस्तर इतना नीचे चला गया है कि अब गांव के लोग भगवान भरोसे जी रहे हैं। यहां तक कि लोग अब सरकार और जनप्रतिनिधियों से उम्मीद लगाना भी छोड़ चुके हैं।
चट्टानों से रिसती जीवन की बूंदें
गांव के एक कोने में भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है, जो पहाड़ की चट्टानों पर स्थित है। मंदिर के नीचे में स्थित चट्टान से बूंद-बूंद पानी रिसता रहता है। यही पानी इन लोगों की प्यास बुझा रहा है। ग्रामीणों के लिए यह जल स्रोत अब जीवन रेखा बन चुका है। यह पानी प्राकृतिक रूप से चट्टानों से रिसता है और महिलाएं व बच्चे तड़के सुबह 3 बजे से ही अपने डिब्बे लेकर उसे जमा करने पहुंच जाते हैं।
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चुनाव के समय आते हैं नेता
'द सूत्र' की टीम को ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव के वक्त नेता आते हैं, वादे करते हैं। पानी की समस्या उठाने पर कोई सुनवाई नहीं होती। सालों से हालात जस के तस बने हुए हैं। ग्रामीणों की यह शिकायत व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर करती है।
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जल संकट को लेकर 'द सूत्र' ने की SDM से बातचीत
जब 'द सूत्र' न्यूज की टीम ने SDM प्रदीप मिश्रा से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि यह समस्या केवल खुसरा गांव तक सीमित नहीं है। इसके अलावा आसपास के 30 से अधिक गांव भी पानी की समस्या से गुजर रहे हैं। प्रशासन फिलहाल केवल पानी के टैंकर भेज रहा है, लेकिन यह समाधान स्थायी नहीं है। उन्होंने बताया कि नहर परियोजना के तहत गांव तक पानी लाने की योजना बनाई गई है।
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