जूनियर डॉक्टर की हड़ताल पर जनहित याचिका में सुनवाई के चलते जूनियर डॉक्टर संगठन ने तत्काल हड़ताल समाप्त करने की बात को मान लिया है। कोर्ट ने कहा की इस घटना से हम सभी आहत हैं, लेकिन विरोध का यह तरीका सही नहीं है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा से जुड़ी हुई समस्याओं पर भी सुनवाई का आश्वासन दिया है।
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद पूरे देश में उग्र आक्रोश देखने को मिला। इसके चलते देश के अलग-अलग जिलों सहित भोपाल में भी जूनियर डॉक्टर ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी। लेकिन हाईकोर्ट के पिछले आदेश के चलते यह हड़ताल हाई कोर्ट की अवमानना साबित हो रही है। इस मामले में एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस राजमोहन सिंह की युगलपीठ में शनिवार को सुनवाई हुई।
क्या जज पुलिस सब हड़ताल पर चले जाएं
भोपाल में जूनियर डॉक्टर हड़ताल की घोषणा के बाद लगाई गई जनहित याचिका की सुनवाई हुई। इसमें जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन गांधी मेडिकल कॉलेज की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में डॉक्टरों को पार्टी ही नहीं बनाया गया है जबकि यह जूनियर डॉक्टर तो सिर्फ छात्र है। इस मामले में कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए समय देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पहले स्ट्राइक बंद करें उसके बाद समय मिलेगा।
कोर्ट ने यह भी कहा कि और भी तरीके हैं इस तरह से स्वास्थ्य व्यवस्थाएं ठप नहीं की जा सकती। क्या पुलिस जज सब हड़ताल पर चले जाएं ? जिस मुद्दे के लिए हड़ताल की जा रही है वह सिर्फ आपका मुद्दा नहीं वह पूरे देश का और हर नागरिक का मुद्दा है तो क्या हर कोई हड़ताल पर चला जाए ? इसके बाद कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सरकार इस मामले में कुछ कर नहीं रही है पर यदि आपको विरोध करना है तो कानूनी तरीके अपनाइए।
ये खबर भी पढ़िए...नई रेल लाइन के सर्वे को मिली मंजूरी, खंडवा से बड़ौदा की दूरी होगी 200 किमी कम
मरीज नहीं कर सकते आपकी हड़ताल खत्म का इंतजार
जूनियर डॉक्टर की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट से वकालतनामा और रिप्लाई फाइल करने के लिए 2 दिन का समय मांगा। जिस पर कोर्ट ने टिप्पणी की 'आप क्या किसी मरते हुए मरीज से कह सकते हैं कि दो दिन का समय दे दीजिए दवाई बाद में दूंगा?' कोर्ट ने कहा कि मरीज क्या इंतजार करेंगे की कोर्ट से फैसला आएगा तब हम अपनी जान देंगे। इसके बाद कोर्ट ने अधिवक्ता को आधे घंटे में पक्षकार से बात कर अदालत को जवाब देने के लिए आदेशित किया इस मामले की सुनवाई आधे घंटे बाद दोबारा हुई।
ये खबर भी पढ़िए...तेज बारिश के बाद जमीन में धंसी कार, फिर जो देखने को मिला जानकर दंग रह गया पूरा शहर
डॉक्टर अपनी समस्याएं लाएं कोर्ट के सामने और खत्म करें स्ट्राइक
जूनियर डॉक्टर की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट से यह निवेदन किया की पांच लोगों का एक डेलिगेशन मध्य प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी से मुलाकात करेगा। इसके बाद अपनी सुरक्षा की मांगों को रखेगा और उसके बाद यह स्ट्राइक समाप्त कर दी जाएगी। जिस पर कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर डॉक्टर्स की कुछ भी प्रशासनिक व्यवस्था या सुरक्षा से जुड़ी हुई मांगे हैं तो वह कोर्ट के सामने लाई जाए।
कोर्ट जिन मांगों के लिए आदेश कर सकता है उनके लिए आदेशित करेगा अन्यथा केंद्र सरकार को निर्देश दिए जाएंगे ताकि डॉक्टरों की समस्याओं के समाधान हो सके। इसके बाद जब अधिवक्ताओं के द्वारा मंगलवार तक इस स्ट्राइक को समाप्त करने की बात की गई तो कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि मंगलवार तक नहीं आपको आज ही स्ट्राइक समाप्त करनी होगी। इसके बाद आपकी अगली सुनवाई में समस्याएं कोर्ट सुनेगा और उनका निराकरण करेगा।
डॉक्टर को मिलेगी सुरक्षा हमें भी है डॉक्टरों की आवश्यकता
इस मामले में सुनवाई के दौरान जूनियर डॉक्टर के अधिवक्ताओं की ओर से जबलपुर में भी ट्रेनिंग डॉक्टर के अपहरण की कोशिश का मुद्दा उठाया गया। कोर्ट को यह भी बताया गया कि इस मामले में पुलिस ने कोई भी कार्यवाही नहीं की है। माननीय न्यायालय ने यह आश्वासन दिया है कि इस तरह के किसी भी मुद्दे को आप अगली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष लाइए और इस पर कोर्ट आपको न्याय दिलाएगी।
जस्टिस संजीव सचदेवा ने कहा कि हम भी डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रति सजग हैं और हमें भी डॉक्टरों की आवश्यकता है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से इस याचिका में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सहित अन्य डाक्टर एसोसिएशन को जोड़ने की भी रिक्वेस्ट की गई जिन्होंने इस स्ट्राइक को समर्थन दिया है। इसके बाद जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन गांधी कॉलेज भोपाल जिन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की थी उन्होंने अपनी हड़ताल को समाप्त कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त को निश्चित की गई है।
कोलकाता में हुई थी ट्रेनिंग जूनियर डॉक्टर का रेप और हत्या
8-9 अगस्त की दरमियानी रात कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी कर उनकी हत्या कर दी गई थी। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। उसके बाद ही देश भर में इस घटना के प्रति आक्रोश दिखाई दे रहा है और डॉक्टर हड़ताल के साथ प्रदर्शन पर उतर आए हैं।
इस घटना में इंसाफ के साथ ही डॉक्टर सुरक्षा की भी मांग कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल समेत देशभर की तमाम अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं। उधर कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई मांमले की जांच में जुटी हुई है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर शुक्रवार को संज्ञान ले चुकी है। कोर्ट ने इस मुद्दे पर बंगाल सरकार को फटकार लगाते हुए इसे सरकारी मशीनरी की नाकामी करार दिया था।
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सरकार और प्रशासन से कई सवाल भी दागे थे। इससे पहले इस घटना को लेकर विपक्षी दल भी राज्य सरकार पर सवाल उठा चुके हैं। जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह हड़ताल अब समाप्त हो चुकी है और अब हाई कोर्ट में मंगलवार 20 अगस्त को डॉक्टर की सुरक्षाओं से जुड़ी समस्याएं और मांगे सुनी जाएंगी।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक