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मध्य प्रदेश सरकार की लाड़ली बहना योजना (ladli behna yojana ) महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को 1000 रुपए प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान करना था, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। हालांकि, अब सरकार के ताजा आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है कि इस योजना से 10 से अधिक महिलाओं के नाम हटा दिए गए हैं। इन्हें आगामी 28वीं किस्त से 1250 रुपए का लाभ नहीं मिलेगा।
लाड़ली बहना योजना से बाहर होने के प्रमुख कारण
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, योजना से बाहर की गई महिलाओं के कई कारण थे, जिनमें प्रमुख कारण यह थे:
- 60 वर्ष से अधिक आयु: ऐसी महिलाएं जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक हो चुकी है, उन्हें योजना से बाहर कर दिया गया है। अगस्त महीने में 10,963 महिलाओं को योजना के लाभ से बाहर किया गया है।
- मृत्यु: 646 महिलाओं के नाम इस सूची में शामिल हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है।
- आवेदन के दौरान गलती या धोखाधड़ी: समग्र पोर्टल से हटाई गई महिलाओं की संख्या 426 है और आधार से समग्र डि-लिंक होने के कारण 505 महिलाओं को इस योजना से बाहर किया गया।
- पात्रता मानदंड का उल्लंघन: महिलाओं का नाम तब हटाया गया जब उनके परिवार का वार्षिक आय 2.5 लाख से अधिक था, या उनके परिवार में कोई पूर्व सांसद/विधायक या सरकारी कर्मचारी था।
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3.92 लाख महिलाओं को हटाया गया
सिर्फ 2 साल और कुछ महीनों में लगभग 3.92 लाख लाड़ली बहना इस योजना से बाहर कर दी गईं हैं। इसका मतलब है कि दिवाली और भाईदूज जैसे त्योहारों के दौरान मिलने वाली अतिरिक्त राशि से भी ये महिलाएं वंचित हो जाएंगी। यह योजना शुरू हुए चंद महीनों में अब तक कई विवादों और मुद्दों का सामना कर चुकी है।
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कौन-कौन सी महिलाएं इस योजना से बाहर हो सकती हैं?
- अगर आप MP की निवासी हैं और योजना से जुड़ी हैं, तो यह जानना आपके लिए जरूरी है कि आपके नाम को कभी भी इस योजना से बाहर किया जा सकता है। इसके कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- 60 वर्ष से अधिक आयु वाली महिलाएं इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगी।
- अविवाहित महिलाएं: इस योजना का लाभ केवल विवाहित, विधवा, और परित्यक्ता महिलाओं को ही दिया जा रहा है।
- वह महिलाएं जिनका परिवार सालाना 2.5 लाख से अधिक आय अर्जित करता हो, उन्हें योजना से बाहर किया जाएगा।
- सरकारी नौकरी में कार्यरत महिला का परिवार: यदि परिवार का कोई सदस्य सरकारी पद पर कार्यरत है या पूर्व में सांसद/विधायक रह चुका है, तो भी महिला को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
अगर सूची से हट गया है नाम तो क्या करें?
- नजदीकी CSC सेंटर या पंचायत कार्यालय से जानकारी प्राप्त करें।
- 60 साल से कम उम्र होने पर नाम कटने पर आपत्ति दर्ज कराएं।
- सुनिश्चित करें कि आपका आधार और समग्र पोर्टल सही तरीके से लिंक हो।
- विभागीय हेल्पलाइन पर संपर्क करके शिकायत दर्ज कराएं।
अपात्र होने के ये भी हैं कारण
सरकार ने जो डाटा जारी किया है उसमें यह भी सामने आया है कि कई महिलाएं 'आधार से समग्र डि-लिंक होने' के कारण सूची से बाहर हो रही हैं। यदि आधार और समग्र ID का कनेक्शन टूट जाता है, तो सिस्टम लाभार्थी की पहचान सत्यापित नहीं कर पाता। इस स्थिति में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) अटक जाता है और महिला को अपात्र मान लिया जाता है।
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