संजय गुप्ता. INDORE. भूमाफिया चंपू (रितेश अजमेरा) ( Land Mafia Champu ) और कैलाश गर्ग ( Kailash Garg ) के खेल में सेटेलाइट कॉलोनी के पीडित प्लाटधारक बुरी तरह उलझ गए हैं। अभी 31 जनवरी को ही ईडी ने गर्ग और चंपू के यहां छापा मारा था, सीबीआई के यहां एफआईआर पहले से है, हाईकोर्ट में मामला अलग चल रहा है और अब डेब्टस रिकवरी ट्रिब्यूनल (ऋण वसूली अधिकरण मप्र-छग) जबलपुर के रिकवरी अधिकारी ने संपत्तियों को कुर्क कर दिया है। यहां पर रिकवरी अधिकारी द्वारा कोर्ट का आर्डर चस्पा कर संपत्तियों की खरीदी-बिक्री नहीं करने की सूचना लगा दी है।
यह लिखा है आर्डर में
डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल एमपी-छग जबलपुर द्वारा यूनियन बैंक आफ इंडिया वर्सेस मेसर्स नारायण निर्यात प्रालि केस में 50.44 करोड़ की रिकवरी को लेकर यह नोटिस जारी हुआ है। जो मेसर्स निर्यात, कैलाश चंद गर्ग, सुरेश चंद गर्ग, अर्जुनदास होतवानी, दौलतवाला एक्जिम प्रालि, मेसर्स अम्बिका साल्वेक्स लिमिटेड, मेसर्स एवलांच रियल प्रालि के खिलाफ है। इसके तहत यह प्रापर्टी कुर्क की जा रही है।
यह संपत्तियां की गई है कुर्क-
1- आफिस नंबर 303 सत्यगीता अपार्टमेंट स्नेह नगर, इंदौर
2- 79 विद्यानगर मकान, इंदौर
3- जावरा रतलाम के इन सर्वे नंबर की संपत्तियां सर्वे नंबर 17/1 17/2 17/11 17/11 17/4 17/3 17/9
4- मंदसौर में प्लाट नंबर 26 व 29 नंबर
5- इंदौर में विद्यानगर का प्लाट 2700 वर्गफीट का प्लाट
6- इंदौर के मुडंला नायता के सर्वे नंबर 139/1 , 139/2 , 141/2, 150/1/13, 114/1/1 , 114/2 , 122/2, 123 , 124 , 125 , 130/3, 140/1, 215/1/2, 215/1/4/1, 111, 112, 130/4, 138 , 138/1, 140/2, 150/1/4 , 152/1 , 152/1/2, 153/1 को भी कुर्क किया जा रहा है।
पूरा खेल 110.50 करोड़ रुपए का है-
यह पूरा खेल 110.50 करोड़ रुपए का है, यह लोन कैलाश गर्ग ने लिया और इसमे से बैंक केवल चार करोड़ रुपए ही वसूल कर पाई, 106.58 करोड़ रुपए तीन बैंकों के डूब गए। इस मामले में सीबीआई नवंबर 2020 में गर्ग पर एफआईआर दर्ज कर चुका है। यूको बैंक की शिकायत पर सीबीआई ने 5 नवंबर 2020 पर बैंक लोन घोटाले में मेसर्स नारायण निर्यात इंडिया प्रालि कंपनी मंदसौर, सुरेश गर्ग (निधन हो चुका), कैलाश गर्ग और दो अन्य अज्ञात लोक सेवक पर 120 बी व 420 की धारा में एफआईआर दर्ज की। इसमें कहा गया कि बैंक लोन लिया गया और इस लोन को गर्ग परिवार दवारा अपनी सिस्टर कंसर्न कंपनी में शिफ्ट कर दिया गया।
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इन तीन बैंकों का 106.50 करोड़ रूपया डूबा
यूनियन बैंक एमजी रोड रीगल चिराहा ने 38.44 करोड़ का लोन दिया और इसमें से 33.44 करोड़ डूब गए, यूको बैंक न्यू पलासिया ने 34.28 करोड़ रुपए का लोन दिया और यह पूरा डूब गया, पंजाब नेशनल बैंक, मनोरमागंज ने 33.84 करोड़ रुपए का लोन दिया और इसमें से 33.44 करोड़ रुपए डूब गए।
गर्ग के खेल में चंपू की इस तरह रही भागीदारी
सेटेलाइट हिल कॉलोनी साल 2007 में ही टीएंडसीपी में पास हुई और इसके साथ ही इसमें खरीदी-बिक्री शुरू हो गई। चंपू और योगिता अजमेरा को गर्ग ने कंपनी डायेरक्टर बनाया। बाद में चंपू को प्लाट की सौदे बाजी के अधिकार दिए गए। चंपू ने जमकर बेचे। वहीं प्लाट की बिक्री के बाद साल 2011-12 के दौरान गर्ग ने सेटेलाइट हिल की जमीन व अन्य जगह की जमीन व अन्य संपत्तियों को गिरवी रख कर बैंक लोन ले लिया। इस पूरे खेल में चंपू और गर्ग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी ढोल रहे हैं और बीच में बैंक वाले और 71 प्लाटधारक उलझ गए।
सेटेलाइट की इन जमीनों पर लिया गया बैंक लोन
मेसर्स नारायण निर्यात इंडिया प्रालि ने 110.50 करोड़ को लोन की सुरक्षा के लिए एवलांच रियलटी प्रालि की ओर से संचालक कैलाश गर्ग द्वारा सेटेलाइट हिल्स कॉलोनी की भूमि सर्वे नंबर 111, 112, 114/1/1, 114/2, 123, 124, 125, 130/3, 130/4, 138, 138/1, 140/1, 140/2. 215/1/1, 215/1/2, 215/1/3, 215/1/4 को गिरवी रखा गया। जबकि इन जमीन पर पूर्व में ही भूखंड़ों के रूप में विभाजित कर विक्रय कर दिया गया। प्लाट की बिक्री का यह काम चंपू अजमेरा ने किया।