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Photograph: (THESOOTR)
BHOPAL. उज्जैन सिंहस्थ लैंड पूलिंग एक्ट के विवाद पर एमपी सरकार और किसान संघ के बीच सहमति बन गई है। किसानों ने आंदोलन को टालते हुए, अफसरों से स्पष्ट बात की। सूत्रों के मुताबिक संशोधन और निरस्तीकरण के मुद्दे पर समझौता हो गया है।
ऑफ द रिकॉर्ड अधिकारियों ने बताया कि किसानों को जो गलतफहमी थी, उसे दूर कर दिया गया है। मामले में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी-नेता ऑफिशियल बयान देने से कतरा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, लैंड पूलिंग एक्ट को लेकर शुक्रवार को अफसरों और किसान संघ के पदाधिकारियों के बीच अहम बैठक हुई। लंबे समय से बनी भ्रम की स्थिति को दूर करते हुए दोनों पक्षों ने बीच का रास्ता निकाल लिया।
उज्जैन सिंहस्थ 2028 में लैंड पूलिंग एक्ट के मुद्दे पर अब किसान आंदोलन की राह पर आगे नहीं बढ़ेंगे। अफसरों ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि एक्ट को किसानों की मांगों के अनुरूप ही निरस्त किया जा चुका है।
अफसरों ने सभी भ्रांतियों को दूर किया है। शासन स्तर से जारी निर्देशों को लेकर जो गलतफहमियां थीं, अफसरों ने उन्हें विस्तार से स्पष्ट कर दिया। इससे किसानों में चल रही असमंजस की स्थिति काफी हद तक खत्म हो गई है।
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संशोधन बनाम निरस्तीकरण को लेकर हुआ विवाद
17 नवंबर की रात सीएम हाउस में हुई उच्च स्तरीय बैठक में लैंड पूलिंग एक्ट को वापस लेने की घोषणा हुई थी। लेकिन अगले ही दिन, 19 नवंबर को एक्ट को निरस्त करने के बजाय संशोधन का आदेश जारी होने से किसानों में भारी नाराजगी फैल गई थी।
किसान संघ: बैठक में तय हुए मुद्दों पर कायम रहें
भारतीय किसान संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमलसिंह आंजना ने गुरुवार को द सूत्र से चर्चा में कहा कि बैठक में टीएनसी की धारा 8, 9, 10 और 11 को हटाने पर सहमति बनी थी। उन्होंने यह भी साफ किया कि सड़क चौड़ीकरण या नई रोड निकालने पर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई।
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धारा 12 में संशोधन, प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार
अफसरों ने धारा 12 में संशोधन का मसौदा तैयार किया है। किसान संघ का कहना है कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद तस्वीर साफ होगी और अधोसंरचना से जुड़े कामों को भी नए सिरे से देखा जाएगा।
आंदोलन की चेतावनी अब भी बरकरार
किसान नेताओं ने स्पष्ट किया कि यदि तय सहमति के अनुसार एक्ट निरस्त नहीं किया गया, तो वे पूरे प्रदेश में आंदोलन शुरू कर देंगे। उनका आरोप है कि सरकार संशोधन कर “पैंतरा बदलने” की कोशिश कर रही है।
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किसानों की मुख्य मांगें...
1. लैंड पूलिंग एक्ट को पूरी तरह समाप्त किया जाए
किसानों ने जोर देकर कहा कि उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में लैंड पूलिंग एक्ट लागू न किया जाए और इसे तुरंत रद्द किया जाए।
2. टीडीएस 8, 9, 10, 11 का नोटिफिकेशन वापस हो
उनकी मांग है कि नगर विकास योजना की इन धाराओं को समाप्त कर सिंहस्थ पहले की तरह आयोजित किया जाए।
3. किसानों पर दर्ज मामले हटाए जाएं
उज्जैन क्षेत्र में किसानों पर किए गए कथित अनावश्यक मुकदमों को वापस लेने की भी मांग उठाई गई।
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