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Photograph: (THESOOTR)
JABALPUR. Tags : तेंदुए की करंट से हत्या : जबलपुर के सिहोरा के घुघरा गांव स्थित निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री में तेंदुए की मौत के मामले ने सनसनी मचा दी है।
तेंदुए के शव के पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ है कि उसकी हत्या करंट लगाकर की गई थी। जांच में यह भी सामने आया कि तेंदुए के 17 नाखून गायब थे और उसके चार केनाइन दांत टूटे हुए मिले।
यह स्पष्ट संकेत हैं कि वन्यजीव का शिकार किया गया है और उसकी मौत किसी भी रूप में प्राकृतिक नहीं थी। लेकिन हैरानी की बात यह है कि घटना को तीन दिन बीतने के बाद भी वन विभाग यह तक स्पष्ट नहीं कर पाया है कि आखिर इस फैक्ट्री और 250 एकड़ की जमीन का मालिक कौन है।
तेंदुए की करंट लगाकर की हत्या
वन मंडल अधिकारी (DFO) ऋषि मिश्रा ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि तेंदुए की मौत करंट लगने से हुई थी। उसके शरीर पर करंट के निशान मिले हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि उसके 17 नाखून गायब थे और चार दांत टूटे हुए पाए गए। जिससे यह अंदेशा और मजबूत हो गया कि शिकार के बाद तेंदुए के अंगों को किसी उद्देश्य से निकाला गया।
वन विभाग ने अब इस मामले को 12 अक्टूबर को मिले जंगली सूअरों की लाश वाले प्रकरण से जोड़ दिया है। हालांकि, विभाग अभी तक तेंदुए की मौत के प्रकरण में किसी भी आरोपी की पहचान नहीं कर सका है।
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फैक्ट्री मालिक की विभाग को नहीं जानकारी
डीएफओ ऋषि मिश्रा से जब इस प्रॉपर्टी के स्वामित्व को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि यह जमीन निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड है, लेकिन इसके असली मालिक का नाम अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
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तेंदुए की हत्या के आरोपी अब तक अज्ञात
अब तक इस फैक्ट्री परिसर से कुल पांच जंगली जानवरों के शव मिल चुके हैं। जिनमें तेंदुआ और 4 जंगली सूअर शामिल हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कई बार चीतल की मौतों जैसे मामलों को “जंगली सूअर की मौत” बताकर दबाने की कोशिश की गई है। लेकिन इस बार तेंदुए का शव मिलने के बाद विभाग के पास बचाव की कोई गुंजाइश नहीं रही।
तीन दिन बीतने के बावजूद वन विभाग अब तक किसी भी आरोपी का नाम तक सामने नहीं ला पाया है। विभाग की लापरवाही और मौन ने इस पूरे मामले को और संदिग्ध बना दिया है।
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