महेंद्र गोयनका की 250 एकड़ में फैली प्रॉपर्टी, तेंदुए सहित अब तक मिली पांच जंगली जानवरों की लाश

महेंद्र गोयनका की निसर्ग इस्पात फैक्ट्री और फार्म हाउस में अब तक पांच जंगली जानवरों के शव मिले हैं। हाल ही में तेंदुए का शव मिलने से मामले ने गंभीर रूप लिया। वन विभाग ने फार्म हाउस और फैक्ट्री की 250 एकड़ प्रॉपर्टी की जांच तेज कर दी है।

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Neel Tiwari
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Photograph: (THESOOTR)

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महेंद्र गोयनका की निसर्ग इस्पात फैक्ट्री की आड़ में उसने एक फार्म हाउस भी बना के रखा है। इस फार्म हाउस पर उसके विशेष अतिथि जाकर जंगली जानवरों का शिकार करते थे। इस बात की पुष्टि वन विभाग की जांच में हो रही है क्योंकि यहां से एक और वन्य जीव का भी शव बरामद हुआ है।

जबलपुर जिले के सिहोरा क्षेत्र के घुघरा गांव में महेंद्र गोयनका की निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री में तेंदुए का शव मिलने के बाद वन विभाग की जांच में और बहुत बड़े खुलासे होने की संभावना  है।

जांच के दौरान सामने आया है कि यह फैक्ट्री सिर्फ एक औद्योगिक परिसर नहीं, बल्कि 250 एकड़ में फैला एक विशाल साम्राज्य है। इस परिसर में एक आलीशान फार्म हाउस भी है, जिसमें सभी उच्च स्तरीय सुविधाएं मौजूद हैं। जो फैक्ट्री मालिक के रसूखदार मेहमानों की मेजबानी के लिए तैयार रखी जाती हैं।

फैक्ट्री की आड़ में 250 एकड़ का साम्राज्य

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वन विभाग की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड की यह प्रॉपर्टी लगभग 250 एकड़ में फैली हुई है। इस परिसर के भीतर झील जैसी गहराई वाले गड्ढे, घने झाड़-झंखाड़ और कई हिस्सों में बने निजी रास्ते हैं। अधिकारियों ने बताया कि इसी परिसर में स्थित फार्म हाउस में कई बार “वन्यजीव शिकार और निजी पार्टियों” की गतिविधियों की सूचना मिली है, हालांकि कोई भी ग्रामीण कैमरे के सामने आने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है।

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फार्म हाउस और फैक्ट्री परिसर में मिला तेंदुए का शव

शनिवार को फैक्ट्री के झाड़ियों वाले हिस्से में तेंदुए का शव मिलने से मामला गंभीर हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि यहां पहले भी चीतल और जंगली सूअरों के शव मिल चुके हैं, लेकिन रसूख और दबाव के कारण हर बार कार्रवाई अधूरी रह गई। वन विभाग ने इस बार डॉग स्क्वॉड के साथ तलाशी अभियान शुरू किया है।

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स्निफर डॉग्स भी चकमा खा गए

वन मंडल अधिकारी (DFO) ऋषि मिश्रा ने बताया कि आज के सर्च ऑपरेशन में स्निफर डॉग्स की मदद ली गई। लेकिन फैक्ट्री परिसर में शवों को इतनी गहराई (करीब 10 फीट) में दफनाया गया था कि बारिश के बाद नमी और मिट्टी की गंध के कारण कुत्ते भी सटीक लोकेशन नहीं पकड़ पाए। जांच के दौरान अधिकारियों ने उन जगहों को चिन्हित किया जहां मिट्टी ताज़ा खुदी हुई या घास दोबारा उगी दिखी। इसी आधार पर एक गड्ढे से एक पुराना जंगली सूअर का शव मिला।

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वन विभाग की कार्रवाई और पहले हुए निलंबन

गौरतलब है कि इससे पहले इसी फैक्ट्री परिसर में जंगली सूअरों के शव मिलने के मामले में जांच में देरी और सूचना छिपाने के आरोपों के चलते वनपाल प्रभारी यादवेंद्र यादव और बीट गार्ड जितेंद्र अग्रवाल को सस्पेंड किया जा चुका है। तब भी फैक्ट्री में तीन जंगली सूअर के शव मिले थे और तीन आरोपियों को जेल भेजा गया था।

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DFO ऋषि मिश्रा बोले- “पूरा परिसर सर्च किया जाएगा”

DFO मिश्रा ने बताया कि यह प्रॉपर्टी बहुत बड़ी है, और फिलहाल केवल चौकीदारों और स्थानीय लोगों की मदद से शुरुआती तलाशी ली जा सकी है। लेकिन आने वाले दिनों में पूरी 250 एकड़ प्रॉपर्टी की व्यवस्थित सर्चिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि “गूगल मैप पर भी इस प्रॉपर्टी का फार्म हाउस और अन्य निर्माण स्पष्ट दिखाई देता है, और विभाग अब हर हिस्से की जांच करेगा।”

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वन विभाग की निगरानी में फार्म हाउस और फैक्ट्री

फिलहाल निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़े फार्म हाउस को वन विभाग की सख्त निगरानी में रखा गया है। अधिकारियों ने कहा कि सर्च ऑपरेशन अभी समाप्त नहीं हुआ है और यह जांच जारी रहेगी कि क्या इस परिसर में अन्य वन्यजीवों के शव भी दफन किए गए हैं।

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