सुनो बच्चो! रिजल्ट का बिलकुल लोड मत लेना, हम सब आपके साथ हैं...एन्जॉय करो
देश और प्रदेश में रिजल्ट आने का दौर शुरू हो गया है। 6 मई को मध्यप्रदेश बोर्ड की 10वीं और 12वीं का रिजल्ट जारी होगा। इसे लेकर बच्चे तनाव में हैं। अब डॉ.त्रिवेदी ने बच्चों के लिए 'द सूत्र' के माध्यम से खास आलेख लिखा है।
BHOPAL. बोर्ड एग्जाम खत्म हो चुके हैं। अब जिस चीज का इंतजार है, वो है रिजल्ट। लेकिन याद रखिए, ये सिर्फ एक नंबर हैं, आपकी काबिलियत और व्यक्तित्व का पूरा आंकलन आंकड़ों से नहीं किया जा सकता। यह कहना है मध्यप्रदेश के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी का।
देश और प्रदेश में रिजल्ट आने का दौर शुरू हो गया है। 6 मई को मध्यप्रदेश बोर्ड की 10वीं और 12वीं का रिजल्ट जारी होगा। इसे लेकर बच्चे तनाव में हैं। अब डॉ. त्रिवेदी ने बच्चों के लिए 'द सूत्र' के माध्यम से खास आलेख लिखा है। उनका कहना है कि रिजल्ट का मतलब आपकी सफलता या असफलता का आखिरी पैमाना नहीं है। यह जीवन की एक छोटी सी परीक्षा भर है। लेकिन अक्सर बच्चे और माता-पिता इसे इतना बड़ा बना लेते हैं कि यह मानसिक तनाव का कारण बन जाता है। रिजल्ट को लेकर चिंता करना स्वाभाविक है, पर इस चिंता को अपने ऊपर हावी मत होने दीजिए।
खुद पर विश्वास बनाएं रखें
अगर आपके मन में किसी भी तरह की चिंता, डर या असफलता का ख्याल आए तो रुकिए और एक गहरी सांस लीजिए। यह समय खुद पर विश्वास बनाए रखने का है। आपके माता-पिता, आपके टीचर्स, आपके दोस्त और आपका मनोचिकित्सक, सब आपके साथ हैं। जीवन की हर परिस्थिति में आपके अपनों का प्यार और सहयोग आपके साथ रहेगा।
डॉ. त्रिवेदी का कहना है कि हर अनुभव हमें कुछ न कुछ सिखाता है। अगर नंबर मनचाहे न भी आएं, तो भी यह आपकी जिंदगी का अंत नहीं है। यह बस एक अनुभव है, जो आपको आगे बढ़ने का मौका देगा। जीवन में सफलता और असफलता दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। असफलता हमें सिखाती है कि कहां सुधार की जरूरत है और हमें बेहतर बनने का अवसर देती है।
महान लोग भी असफल हुए
डॉ. त्रिवेदी आगे लिखते हैं, महान लोग भी कभी न कभी असफल हुए हैं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी असफलताओं से सीखा और आगे बढ़े।
Sootr Result Photograph: (THESOOTR)
इसलिए, बच्चों, खुद को कमतर आंकने की गलती मत करना। आप जितना सोचते हैं, उससे कहीं ज्यादा मजबूत और काबिल हैं। हर इंसान की अपनी अलग योग्यता होती है। कुछ लोग पढ़ाई में अच्छे होते हैं, तो कुछ खेल, कला, संगीत या किसी अन्य क्षेत्र में निपुण होते हैं। जरूरी नहीं कि किताबों में अच्छे नंबर लाने वाला ही जीवन में सफल हो। अपनी मानसिक सेहत का ध्यान रखना सबसे जरूरी है। अगर मन में उदासी या बेचैनी महसूस हो, तो अपनों से बात करें। माता-पिता और दोस्तों से खुलकर अपनी भावनाएं साझा करें। अगर जरूरत हो, तो किसी मनोचिकित्सक से मदद लेने में भी संकोच न करें। याद रखिए, मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना उतना ही आवश्यक है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य का।
रिजल्ट एक पड़ाव है, लेकिन सफर लंबा है। असली सफलता वही है जो हमें खुशी और संतोष दे। अगर कभी असफल भी हो जाओ, तो उसे अपनी कमजोरी नहीं, बल्कि अपनी ताकत बनाओ। असफलता को स्वीकार करना और उससे सीखना ही असली जीत है। तो बच्चों, रिजल्ट का लोड मत लो। खुद पर विश्वास रखो, आगे बढ़ो और हमेशा याद रखो, हम सब आपके साथ हैं।