LNCT के चौकसे परिवार के घोटाले की रिपोर्ट इनकम टैक्स को गई, ED के भी राडार पर, EPF और ESIC में भी खेल

भोपाल के एलएनसीटी ग्रुप का चौकसे परिवार आस्था फाउंडेशन सोसायटी के 200 करोड़ के घोटाले में फंसा है। जांच के दौरान फर्जी भुगतान, लोन का दुरुपयोग, आयुष्मान योजना की राशि में गड़बड़ी और कर्मचारियों के ईपीएफ/ईएसआईसी के नियमों का उल्लंघन सामने आया।

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Sanjay Gupta
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Photograph: (thesootr)

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मध्यप्रदेश. आस्था फाउंडेशन सोसायटी में 200 करोड़ के करीब के घोटाले में भोपाल के LNCT Group का लगभग पूरा चौकसे परिवार ही घिर गया है। इस मामले में पूर्व प्रेसीडेंट अनिल संघवी की रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनी एडहॉक कमेटी की फाइसेंसियल ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर गंभीर धाराओें में ईओडब्ल्यू ने केस दर्ज कर लिया है। लेकिन यह केवल एक मामला है। चौकसे परिवार की मुश्किलें इंकमटैक्स विभाग (आईटी) भी बढ़ाने वाला है। विभाग के पास कमेटी ने यह ऑडिट रिपोर्ट पहुंचा दी है। 

इनकम टैक्स खोलेगा सारे रिटर्न 

इनकम टैक्स के पास फारेंसिक आडिट की पूरी रिपोर्ट पहुंचा दी गई है। इसके आधार पर अब विभाग चौकसे परिवार और इनसे लिंक सभी कंपनी, ट्रस्ट के रिटर्न को खोलने जा रही है। इस आधार पर इसमें करोड़ों की इनकम टैक्स डिमांड खड़ी हो सकती है। चौकसे परिवार ने सोसायटी के फंड को घर की जागीर सममझकर जमकर इधर से उधर किया है। यहां तक कि आयुष्मान योजना की राशि को भी अपनी ही फर्म से दवा खरीदी में लगाया तो डीएमई (डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन) के खाते से आई एमबीबीएस छात्रों की स्कॉलरशिप को भी शिफ्ट कर दिया।

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असल मुश्किल देगा ईडी की जांच

ईडी की जिस तरह से हाल के समय में दागियों पर सख्त कार्रवाई चल रही है, ऐसे में इस मामले में चौकसे परिवार के उलझने की पूरी आशंका है। कारण है कि यह पूरी तरह से मामला फंड के दूरूपयोग का है और ईओडब्ल्यू ने भी केस दर्ज कर लिया है ऐसे में ईडी के पास कानूनी आधार भी मौजूद है। इसमे फंड का जमकर दुरूपयोग हुआ है। प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिग एक्ट (पीएमएलए) का सीधा मामला बनता दिख रहा है। 

ईएसआईसी और ईपीएफ के नियम भी लागू

फारेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में सीधे तौर पर रिपोर्ट में मेंशन किया है कि इनका पालन नहीं हुआ है। संस्थान में 600 से से ज्यादा कर्मचारी है लेकिन किसी का भी ईपीएफ ही नहीं काटा जा रहा था। जबकि ईपीएफ के नियमों के अनुसार जब किसी संस्थान में 20 और इससे ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं तो ईपीएफ का नियम लागू होता है, इसके तहत बेसिक और डीए भुगतान का 12 फीसदी राशि का अंशदान कर्मचारी द्वारा और 13 फीसदी का भुगतान नियोक्ता को करना होता है। लेकिन यह किसी का भी नहीं काटा गया और ना ही नियोक्ता यानी आस्था फाउंडेशन ने अपना हिस्सा मिलाया। ईपीएफ का यह घोटाला तो करोड़ों का होगा और इसमें सीधे वसूली ब्याज सहित का प्रावधान है। वहीं जिनका वेतन 21 हजार प्रति माह से कम होता है उन कर्मचारियों द्वारा एक तय अंशदान मिलाने से स्वास्थ्य योजना का लाभ मिलता है। लेकिन संस्थान में किसी भी कर्मचारी का ईएसआईसी ही रजिस्टर्ड नहीं पाया गया। 

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'द सूत्र' के पास पूरे सौ पन्नों की रिपोर्ट

इस मामले में चौकसे परिवार ने जिस तरह से घोटाला किया है वह चौंकाने वाला है। आस्था फाउंडेशन और इसके खातों को निजी मल्कियत समझकर जमकर लूटा गया। 'द सूत्र' के पास एक्सक्लूसिव तौर पर इस मामले की सौ से ज्यादा भी ज्याद पन्नों की फाइनेंसियल रिपोर्ट मौजूद है। इसमें पूरे मामले का खुलासा है। उल्लेखनीय है कि यह आडिट रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई एडहाक कमेटी जिसमें दो पूर्व जस्टिस भी है, उसकी निगरानी में बनी है। 

ईओडब्ल्यू में इन पर हुआ केस

इस मामले में संस्था के पूर्व प्रेसीडेंट अनिल संघवी की शिकायत पर एलएनसीटी के जय नारायण चौकसे, अनुपम चौकसे, धर्मेंद्र गुप्ता, श्वेता चौकसे, पूनम चौकसे, पूजा चौकसे, आशीष जायसवाल समेत अन्य के खिलाफ बीएनएस की धारा 61, 316, 318, 338 और 336(3) आर्थिक अपराध की धाराओं में केस हुआ है।

ऑडिट कमेटी ने इन खातों को देखा

फॉरेंसिक ऑडिट कमेटी ने एक अप्रैल 2021 से फरवरी 2025 तक श्री आस्था फाउंडेशन फॉर एजुकेशन सोसायटी कनाडिया रोड इंदौर जो रजिस्टर्ड सोसायटी है इसके खातों की पूरी जांच की। इस सोसायटी के तहत , एलएनसीटी मेडिकल कॉलेज, सेफ इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज, एलएनसीटी स्कूल ऑफ फार्मेसी, एलएन पैरामेडिकल कॉलेज, एलएनसीटी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी, सेफ स्कूल ऑफ नर्सिंग, सेवाकुंज हॉस्पिटल और स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर का संचालन होता है। 

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बस और हॉस्टल की फीस अपने निजी ट्रस्ट में डाल दी

रिपोर्ट में है कि बस और हॉस्टल के लिए मिली करीब 8.22 करोड़ की राशि को सोसायटी ने चौकसे परिवार की कंपनी कल्चुरी कांट्रेक्टर्स लिमिटेड को दे दिए। इसके लिए एक कागज पर समझौता दिखाया गया कि बस और हॉस्टल का मेंटनेंस कल्चुरी द्वारा किया जाएगा। जबकि होस्टल की बिल्डिंग खुद सोसायटी की थी। लेकिन इसके बाद भी कल्चुरी से करार दिखाकर पूरी फीस का डायवर्सन कल्चुरी को कर दिया गया। इसमें जो बस का मैनेजमेंट बताया गया वह भी सेफ इंस्ट्टीयूट आफ नर्सिंग क़लेज की ही है।  

लोन लिया सोसायटी ने दे दिया चौकसे परिवार को

रिपोर्ट में है कि सोसायटी के नाम पर बैंकों से करोड़ों का लोन उठाया गया। एक बार तो 21 दिन के भीतर 21.90 करोड़ का लोन लिया गया। यह लोन राशि चौकसे परिवार के एचके कल्चुरी ट्रस्ट को टर्म लोन के रूप में शिफ्ट कर दी गई। इसमें चौकसे परिवार के लोग ही सदस्य है। एसबीआई से नवंबर 2023 में 20 करोड़ का लोन लिया इसमें से 12 करोड़ ट्रस्ट को 1 दिसंबर 2023 को शिफ्ट हुए। आईसीआईसीआई कॉर्पोरेट से 23 अगस्त 2021 को 21 करोड़ का लोन लिया और इसमें से 5 करोड़ ट्रस्ट को, एचडीएफसी से 5-5 करोड़ के दो बार लोन लिए और इसमें से एक बार 5 पूरे और एक बार दो करोड़ ट्रस्ट को शिफ्ट हो गए। 

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सोसायटी के खातों और निजी ट्रस्ट में लेन-देन

रिपोर्ट में है कि सोसायटी के खातों को करंट खाते जैसा यूज किया गया। सोसायटी के खातों के हिसाब से कल्चूरी ट्रस्ट पर उनका 19.72 करोड़ का बैलेंस बकाया था लेकिन ट्रस्ट के हिसाब से यह जोरी है। इस पूरे मामले में 5.52 करोड़ का हिसाब ही नहीं मिला। रिपोर्ट में यह भी है कि सोसायटी के खातों में  20.17 करोड़ रुपए में से 19.66  करोडड एलएनसीटी यूनिवर्सिटी खातों में गए। 

कार्पस फंड से बदलानी ने भी लिए 31.73 करोड़

रिपोर्ट में यह भी है कि सोसायटी के कार्पस फंड से जमकर राशि बांटी गई। रमेश चंद बदलानी ने 31.76 करोड़, भारती नवलानी को 9.78 लाख, मोहित बदलानी को 16 लाख. राजेश नवलानी को 1.31 करोड़, शंकुतला बदलानी को 98 लाख शिफ्ट हुए। इस तरह 34.28 करोड़ राशि शिफ्ट की गई। इसे लेकर कोई बोर्ड प्रस्ताव कापी नहीं मिली।

फर्जी संदिग्ध भुगतान हुए

रिपोर्ट में है कि आस्था सोसायटी से 2.25 करोडड का भुगतान वर्धमान एलएनसीटी ई श्री को हुआ। फिर यह लक्की कंसट्रक्शन को गया। सोसायटी से सीधे कंस्ट्रक्शन कंपनी को राशि नहीं गई। वहीं यह एलएनसीटी ई भी संदिग्ध है। यह डमी नाम दिख रहा है। श्री वर्धमान एजुकेशन सोसाटीट ई1/87 अरेरा कलोनी भोपाल यह एलएनमसीटी टेक्नालोजी एक्सीसेंलट भोपाल से जुडी है जो आस्था का फाउंडेशन की ग्रुप से लिंक।

इस तरह बिना दस्तावेज लोगों  को 6.57 करोड़ के भुगतान हुए

इसी तरह 6.57 करोड का ट्रांसफर बिना उचित दस्तावेज के हुए। इसमें किसी एक को भोपाल में 10.32 लाख , अमित मोदी 10 लाख 12 जुलाई  अमित सोनी को 8.86 लाख, पार्थ सूर्यवंशी कोदो करोड और  विजय सूर्यवंशी को एक करोड का भुगतान हुआ।

स्कालरशिप की राशि भी सीधे ले ली

डायरेक्टर आफ मेडिकल एजुकेशन से एलएनसीटी मेडिकल कॉलेज को आई 49.74 लाख की राशि भी सीधे कल्चूरी कांट्रेक्टर्स ने अपने खाते में ले ली। इसी तरह  3.18 करोड का भुगतान मेसर्स अल्हाया को जमीन खरीदी के लिए एडवांश किया, जबकि इस सौद के कोई दस्तावेज नहीं। 

कंसट्रक्शन भुगतान के नाम पर 49.62 करोड़ का खेल

कंसट्रक्शन  के नाम पर 49.62 करोड़ का खर्च अप्रैल 2021 से अक्टूबर 2024 के बीच हुआ। लेकिन इसके प्रापर दस्तावेज नहीं है। इसमें से खासकर 15.39 करोड़ के तो दस्तावेज नहीं है। लकी कंसट्र्कशन को 33.46 करोड़ और  स्विफ्ट कंस्टक्शन को 8.75 करोड का भुगतान हुआ। सोसायटी से केवल 27.60 करोड के वाउचर हिसाब मिले। 

ट्रस्ट के साथ निजी खाता खोल लिया

वहीं नियम विरुद्ध एयू बैंक में कल्चूरी एजुकेशन ट्रस्ट के साथ ज्वाइंट में पूनम चौकसे, अनुपम चौकसे का खाता खुला जो नियमविरूद्ध है, ट्रस्टे के साथ ज्वाइंट खाता नहीं हो सकता है।  

बीएमडब्ल्यू जैसी कार का मिसयूज

रिपोर्ट में ही सोसायटी के जरिए बीएमडब्ल्यू, एमजी एस्टार जैसी लग्जरी कार बैंक से  लोन लेकर ली गई। लेकिन सोसायटी से मैनेजमेंट से हटने के बाद भी एक्स मैनेजमेंट द्वाा इसका खुद व्यक्तिगत यूज किया गया। 

दवा, किताब खरीदी चौकसे ने अपनी ही कंपनियों से की

रिपोर्ट में गंभीर बात यह भी उठी है कि सेवाकुंज अस्पातल ने 2.25 करोड की दवाएं ली तो इसमें से भी चौकसे परिवार की अनंज्य फार्मस्यूटिकल से 1.68 करोड़ की दवा खरीदी बताई गई, इसी तरह एलएनसीटी मेडिकल ने 66.87 लाख की किताब खरीदी इसमें 38.42 लाख का बिल अन्जंय बुके सेलर्स का है। इसी तरह स्टेशनरी भी अनंजय से 12.90 लाख की खरीदी हुई। 

आयुष्मान योजना से मिली राशि में भी खेल

सोसायटी के लोगों ने आयुष्मान योजना से मिली राशि में भी गफलत की है। सेवाकुंज अस्पताल को आयुष्मान योजना के तहत 4.88 करोड़ का भुगतान हुआ। इसमें से उसने मेडिसिन खरीदी अनंज्य फार्मास्यूटकिल और सेवाकुंज की फार्मेसी से बताया लेकिन इनके साथ करार के दस्तावेज नहीं मिले। 

सोसायटी में, खाने-पीने में जमकर खर्चा

कई सेक्टर में बदलानी जी लोन और अग्रवाल जी लोन लिखा है और इसमें अनसिक्योर्ड लोन है। वहीं सोसायटी में नियमविरूद्द 10 हजार से अधिक राशि का कैश भुगतान हुआ, जो खाने-पीने में अधिक गया। इसे पार्टियों में यूज किया गया।

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