LNCT के चौकसे परिवार पर ED में मनी लॉन्ड्रिंग केस, आस्था फाउंडेशन में 200 करोड़ घोटाले में घिरे

LNCT ग्रुप के चौकसे परिवार के खिलाफ आस्था फाउंडेशन में 200 करोड़ के घोटाले के कारण ED (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया। इस मामले में कई गंभीर आरोप हैं, और जांच जारी है।

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Sanjay Gupta
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INDORE. आस्था फाउंडेशन सोसाइटी में 200 करोड़ के करीब के घोटाले में भोपाल के एलएनसीटी ग्रुप का लगभग पूरा चौकसे परिवार अब एक और बड़ी कार्रवाई में घिर गया है। इस मामले में ईओडब्ल्यू ने 9 सितंबर को चौकसे परिवार के सदस्यों के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था। इसके बाद इसकी शिकायत ईडी में भी हुई थी, अब यह सेंट्रल एजेंसी भी जांच में जुट गई है।

ईडी ने PMLA में किया केस दर्ज

आस्था फाउंडेशन में 200 करोड़ के घोटाले में संस्था के पूर्व प्रेसीडेंट अनिल संघवी की रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई एडहॉक कमेटी की फाइनेंशियल ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर गंभीर धाराओं में ईओडब्ल्यू ने केस दर्ज किया था। अब इसी रिपोर्ट के आधार पर ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

इनके खिलाफ जांच करेगी ईडी

ईओडब्ल्यू ने संस्था के पूर्व प्रेसीडेंट अनिल संघवी की शिकायत पर एलएनसीटी (LNCT) के जय नारायण चौकसे, अनुपम चौकसे, धर्मेंद्र गुप्ता, श्वेता चौकसे, पूनम चौकसे, पूजा चौकसे, आशीष जायसवाल समेत अन्य के खिलाफ बीएनएस की धारा 61, 316, 318, 338 और 336(3) आर्थिक अपराध की धाराओं में केस किया है। अब इन्हीं सभी आरोपियों को ईडी ने भी अपनी ईसीआईआर के तहत मामले की जांच में लिया है। ईडी अब कभी भी ग्रुप पर छापे मार सकता है और अपराध से हुई कमाई के आधार पर एलएनसीटी ग्रुप की संपत्तियों को अटैच करने की कार्रवाई करेगा।

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द सूत्र के पास पूरे सौ पन्नों की रिपोर्ट

इस मामले में चौकसे परिवार ने जिस तरह से घोटाला किया है वह चौंकाने वाला है। आस्था फाउंडेशन और इसके खातों को निजी संपत्ति समझकर जमकर लूटा गया। द सूत्र के पास एक्सक्लूसिव तौर पर इस मामले की सौ से ज्यादा पन्नों की फाइनेंशियल रिपोर्ट मौजूद है। इसमें पूरे मामले का खुलासा है। उल्लेखनीय है कि यह ऑडिट रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई एडहॉक कमेटी, जिसमें दो पूर्व जस्टिस भी शामिल थे, की निगरानी में बनाई गई है।

ऑडिट कमेटी ने इन खातों को देखा

फॉरेन्सिक ऑडिट कमेटी ने एक अप्रैल 2021 से फरवरी 2025 तक श्री आस्था फाउंडेशन फॉर एजुकेशन सोसाइटी कनाडिया रोड इंदौर के रजिस्टर्ड सोसाइटी के खातों की पूरी जांच की। इस सोसाइटी के तहत एलएनसीटी मेडिकल कॉलेज, सेफ इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज, एलएनसीटी स्कूल ऑफ फार्मेसी, एलएन पेरामेडिकल कॉलेज, एलएनसीटी विद्यापीठ विश्वविद्यालय, सेफ स्कूल ऑफ नर्सिंग, सेवाकुंज अस्पताल और स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर का संचालन होता है।

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बस और होस्टल की फीस अपने निजी ट्रस्ट में डाल दी

रिपोर्ट में है कि बस और होस्टल के लिए मिली करीब 8.22 करोड़ की राशि को सोसाइटी ने चौकसे परिवार की कंपनी कल्चुरी कांट्रेक्टर्स लिमिटेड को दे दी। इसके लिए एक कागज पर समझौता दिखाया गया कि बस और होस्टल का मेंटेनेंस कल्चुरी द्वारा किया जाएगा। जबकि होस्टल की बिल्डिंग खुद सोसाइटी की थी। इसके बावजूद कल्चुरी से करार दिखाकर पूरी फीस का डायवर्सन कल्चुरी को कर दिया गया। इसमें जो बस का मैनेजमेंट बताया गया वह भी सेफ इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज की ही है।

लोन लिया सोसाइटी ने, दे दिया चौकसे परिवार को

रिपोर्ट में है कि सोसाइटी के नाम पर बैंकों से करोड़ों का लोन उठाया गया। एक बार तो 21 दिन के भीतर 21.90 करोड़ का लोन लिया गया। यह लोन राशि चौकसे परिवार के एचके कल्चुरी ट्रस्ट को टर्म लोन के रूप में शिफ्ट कर दी गई। इसमें चौकसे परिवार के लोग ही सदस्य हैं।
एसबीआई से नवंबर 2023 में 20 करोड़ का लोन लिया, जिसमें से 12 करोड़ ट्रस्ट को 1 दिसंबर 2023 को शिफ्ट हुए।
आईसीआईसीआई कॉर्पोरेट से 23 अगस्त 2021 को 21 करोड़ का लोन लिया और इसमें से 5 करोड़ ट्रस्ट को, एचडीएफसी से 5-5 करोड़ के दो बार लोन लिए और इसमें से एक बार 5 करोड़ और एक बार 2 करोड़ ट्रस्ट को शिफ्ट हो गए।

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सोसाइटी के खातों की राशि ट्रस्ट में लगातार आना-जाना

रिपोर्ट में है कि सोसाइटी के खातों को करंट खाता जैसा इस्तेमाल किया गया। सोसाइटी के खातों के हिसाब से कल्चुरी ट्रस्ट पर उनका 19.72 करोड़ का बैलेंस बकाया था, लेकिन ट्रस्ट के हिसाब से यह जोड़ी है। इस पूरे मामले में 5.52 करोड़ का हिसाब ही नहीं मिला।

एलएनसीटी को गया 19.72 करोड़

रिपोर्ट में यह भी है कि सोसाइटी के खातों में 20.17 करोड़ रुपए में से 19.66 करोड़ एलएनसीटी विश्वविद्यालय के खातों में गए।

कार्पस फंड से बदलानी ने भी लिए 31.73 करोड़

रिपोर्ट में यह भी है कि सोसाइटी के कार्पस फंड से जमकर राशि बांटी गई।
रमेश चंद बदलानी ने 31.76 करोड़, भारती नवलानी को 9.78 लाख, मोहित बदलानी को 16 लाख, राजेश नवलानी को 1.31 करोड़, शंकुतला बदलानी को 98 लाख शिफ्ट हुए। इस तरह 34.28 करोड़ की राशि शिफ्ट की गई। इसे लेकर कोई बोर्ड प्रस्ताव की कॉपी नहीं मिली।

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फर्जी संदिग्ध भुगतान हुए

रिपोर्ट में है कि आस्था सोसाइटी से 2.25 करोड़ का भुगतान वर्धमान एलएनसीटी ई श्री को हुआ। फिर यह लकी कंस्ट्रक्शन को गया। सोसाइटी से सीधे कंस्ट्रक्शन कंपनी को राशि नहीं गई। वहीं यह एलएनसीटी ई भी संदिग्ध है। यह डमी नाम दिख रहा है। श्री वर्धमान एजुकेशन सोसाइटी ई1/87 अरेरा कॉलोनी भोपाल यह एलएनसीटी टेक्नोलॉजी एक्सीलेन्ट भोपाल से जुड़ी है जो आस्था फाउंडेशन के ग्रुप से लिंक है।

इस तरह बिना दस्तावेज लोगों को 6.57 करोड़ के भुगतान हुए

इसी तरह 6.57 करोड़ का ट्रांसफर बिना उचित दस्तावेज के हुए। इसमें से किसी एक को भोपाल में 10.32 लाख, अमित मोदी को 10 लाख, अमित सोनी को 8.86 लाख, पार्थ सूर्यवंशी को 2 करोड़ और विजय सूर्यवंशी को 1 करोड़ का भुगतान हुआ।

स्कॉलरशिप की राशि भी सीधे ले ली

डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन से एलएनसीटी मेडिकल कॉलेज को आई 49.74 लाख की राशि भी सीधे कल्चुरी कांट्रेक्टर्स ने अपने खाते में ले ली। इसी तरह 3.18 करोड़ का भुगतान मेसर्स अल्हाया को जमीन खरीदी के लिए एडवांस किया, जबकि इस सौदे के कोई दस्तावेज नहीं मिले।

कंस्ट्रक्शन भुगतान के नाम पर 49.62 करोड़ का खेल

कंस्ट्रक्शन के नाम पर 49.62 करोड़ का खर्च अप्रैल 2021 से अक्टूबर 2024 के बीच हुआ। लेकिन इसके प्रॉपर दस्तावेज नहीं हैं। इसमें से खासकर 15.39 करोड़ के तो दस्तावेज नहीं हैं।
लकी कंस्ट्रक्शन को 33.46 करोड़ और स्विफ्ट कंस्ट्रक्शन को 8.75 करोड़ का भुगतान हुआ। सोसाइटी से केवल 27.60 करोड़ के वाउचर हिसाब मिले।

ईएसआईसी और ईपीएफ में घोटाला

सोसाइटी में 600 लोग काम करते हैं। लेकिन इनका न तो ईएसआईसी कट रहा है और न ही ईपीएफ का भुगतान किया जा रहा है।

ट्रस्ट के साथ निजी खाता खोल लिया

वहीं नियम विरुद्ध एयू बैंक में कल्चुरी एजुकेशन ट्रस्ट के साथ जॉइंट में पूनम चौकसे, अनुपम चौकसे का खाता खोला गया, जो नियम विरुद्ध है, ट्रस्ट के साथ जॉइंट खाता नहीं हो सकता है।

बीएमडब्ल्यू जैसी कार का मिसयूज

रिपोर्ट में ही सोसाइटी के जरिए बीएमडब्ल्यू, एमजी एस्टार जैसी लग्जरी कार बैंक से लोन लेकर ली गई। लेकिन सोसाइटी से मैनेजमेंट से हटने के बाद भी एक्स मैनेजमेंट द्वारा इसका खुद व्यक्तिगत उपयोग किया गया।

दवा, किताब खरीदी चौकसे ने अपनी ही कंपनियों से की

रिपोर्ट में गंभीर बात यह भी उठी है कि सेवाकुंज अस्पताल ने 2.25 करोड़ की दवाएं ली तो इसमें से भी चौकसे परिवार की अंजय फार्मास्युटिकल से 1.68 करोड़ की दवा खरीदी बताई गई। इसी तरह एलएनसीटी मेडिकल ने 66.87 लाख की किताब खरीदी, जिसमें 38.42 लाख का बिल अंजय बुकेसेलर्स का है। इसी तरह स्टेशनरी भी अंजय से 12.90 लाख की खरीदी हुई।

आयुष्मान योजना से मिली राशि में भी खेल

सोसाइटी के लोगों ने आयुष्मान योजना से मिली राशि में भी गफलत की है। सेवाकुंज अस्पताल को आयुष्मान योजना के तहत 4.88 करोड़ का भुगतान हुआ। इसमें से उसने मेडिसिन खरीदी अंजय फार्मास्युटिकल और सेवाकुंज की फार्मेसी से बताया, लेकिन इनके साथ करार के दस्तावेज नहीं मिले।

सोसाइटी में, खाने-पीने में जमकर खर्चा

कई सेक्टर में बदलानी जी लोन और अग्रवाल जी लोन लिखा है और इनमें अनसिक्योर्ड लोन हैं। वहीं सोसाइटी में नियम विरुद्ध 10 हजार से अधिक राशि का कैश भुगतान हुआ, जो खाने-पीने में अधिक गया। इसे पार्टियों में उपयोग किया गया।

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