![Lok Sabha Election Indore Lok Sabha seat fourth phase voting voting percentage](https://img-cdn.thepublive.com/fit-in/1280x960/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/MIcmv1OIOZf7bjRqE3NU.png)
संजय गुप्ता@INDORE. लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Election ) के चौथे चरण में इंदौर समेत 8 सीटों पर मतदान हुआ। मालवा-निमाड़ की 8 लोकसभा सीटों में वोटिंग के मामले में इंदौर सबसे पीछे रह गया है। इंदौर के मतदाता दोपहर 1 बजे तक 37 फीसदी वोटिंग कर चुके थे लेकिन इसके बाद दोपहर में मतदाता ना के बराबर निकले और शाम पांच बजे तक यह वोटिंग प्रतिशत 56.53 फीसदी तक ही गया। यानि इंदौर संसदीय क्षेत्र के 25.26 लाख मतदाताओं में से केवल 14.27 लाख के करीब मतदाताओं ने ही वोट डाला।
1 घंटे में 11 लाख मतदाता कैसे निकलेगें ?
चौथे चरण की वोटिंग ( MP fourth phase voting ) मेंअभी भी इंदौर लोकसभा सीट ( Indore Lok Sabha seat) के रजिस्टर्ड मतदाताओं में से भी 11 लाख मतदाता वोट देने से बचे हैं। वोटिंग के लिए मात्र अंतिम एक घंटा बाकी था, शाम 6 बजे तक मतदाताओं को वोटिंग स्थल पर पहुंचना होगा। इसमें से एक लाख भी गए तो वोटिंग प्रतिशत 60 फीसदी तक पहुंचेगा।
आशंका है कि 8 फीसदी तक नहीं गिर जाए वोटिंग
अंतिम 1 घंटे में सामान्य तौर पर 5 से 7 फीसदी वोटिंग होती है। इंदौर में कई जगह पर बारिश हुई और ओले भी गिरे। इन सभी के चलते आशंका है कि बीते चुनाव की तुलना में यह वोटिंग 8 फीसदी तक नहीं गिर जाए। बीते चुनाव में 69.33 वोटिंग हुई थी।
बारिश से मतदान केंद्रों की बिजली गई, टार्च रोशनी में वोटिंग
बारिश के चलते कई क्षेत्रों में बिजली जाने से ने मतदान केंद्र अंधेरे में आ गए। इसके बाद टार्च और मोबाइल की रोशनी में वोटिंग कराई गई। हालांकि ईवीएम में लंबा बैटरी बैकअप रहता है इसलिए वोटिंग मशीन में कोई समस्या नहीं है।
देपालपुर, राउ, सांवेर जैसे ग्रामीण क्षेत्र में गिरा वोट प्रतिशत
शहरी क्षेत्रों में वोटिंग कम ही होती है और इसका औसत लोकसभा में 60-62 फीसदी ही रहता है। लेकिन ग्रामीण में यह 75 फीसदी और इससे ज्यादा होता है, लेकिन इस बार दोपहर बाद देपालपुर, राउ, सांवेर ग्रामीण विधानसभा में भी वोटिंग प्रतिशत कम हुआ है।
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वोटिंग में ग्रामीण क्षेत्रों में क्या रही स्थिति
देपालपुर- 62.33 फीसदी
सांवेर- 62.05फीसदी
राउ- 57.44फीसदी
शहरी क्षेत्र में इंदौर तीन सबसे पीछे
इंदौर एक में 55.75 फीसदी
इंदौर दो में 54.18 फीसदी
इंदौर तीन 52.18 फीसदी
इंदौर चार 57.18 फीसदी
इंदौर पांच 52.17 फीसदी
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सबकी नजरें कांग्रेस का वोट बैंक किधर जाएगा
बीते चुनाव 2019 में कुल 16.29 लाख वोट गिरे थे, इसमें से बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी को 65 फीसदी यानि 10.68 लाख वोट मिले थे वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को 32 फीसदी यानि 5.20 लाख वोट मिले थे। बाकी मात्र 3 फीसदी वोट अन्य को मिले थे। नोटा को 5045 वोट यानि 0.30 फीसदी वोट थे। इस बार कांग्रेस का वोट किधर गया इस पर सभी की नजरें हैं। क्योंकि खुद कांग्रेस इसे नोटा में गिराने पर लगी हुई है। नोटा में अभी तक गोपालगंज बिहार की लोकसभा का रिकार्ड रहा है जो 51600 वोट का था।
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इस बार इंदौर के नाम यह रिकार्ड संभव
माना जा रहा है कि इस बार फ्री फील्ड होने के चलते बीजेपी के प्रत्याशी की सबसे बड़ी जीत होगी जो 2019 में नवसारी से पाटिल की 6.89 लाख वोट की थी। यदि बीजेपी को उनका वोट बैंक भी मिला तो यह रिकार्ड बनाने से कोई नहीं रोक सकता है। वहीं दूसरा रिकार्ड नोटा में सबसे ज्यादा वोट का संभव है।
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कांग्रेस नोटा के प्रचार में जुटी, बीजेपी ज्यादा वोटिंग में लगी
उधर, कांग्रेस नोटा के प्रचार में जुटी है और अपने समर्थकों को ज्यादा से ज्यादा नोटा में वोट डलवाने की अपील कर रहे हैं। कांग्रेस तीन लाख वोट नोटा में डलवाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। वहीं बीजेपी लगातार मैदानी कार्यकर्ताओं के जरिए ज्यादा से ज्यादा वोट डलवाने में जुटी है, और उनका लक्ष्य 70 फीसदी वोटिंग का रखा गया था।