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MP News। मध्य प्रदेश में स्थित लगभग 35 हजार पैथोलॉजी लैब जो बंद होने की कगार पर थीं, अब उनके सुचारू संचालन का रास्ता खुल सकता है। यह महत्वपूर्ण घोषणा राज्य के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने की। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ही प्रदेश के स्वास्त्य मंत्री भी हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में पैथोलॉजी लैब के संचालन के लिए जल्द ही नए नियमों का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
लैब संचालन को लेकर उठे थे कई सवाल
कई महीनों की चर्चाओं के बाद माल्टा के प्रदेश सचिव संजय श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार और माल्टा के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया। अगर केवल पैथोलॉजिस्ट को पैथोलॉजी लैब का संचालन करने की शर्त लागू की जाती, तो प्रदेश की अधिकांश लैब बंद हो जातीं। राज्य में पर्याप्त संख्या में पैथोलॉजिस्ट नहीं हैं।
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सरकारी और निजी अस्पतालों में लैब संचालन
कई जिलों में पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर की कमी है। राज्य के सरकारी अस्पतालों में लैब का संचालन मुख्य रूप से लैब टेक्नीशियन द्वारा किया जाता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में भी लैब टेक्नीशियन ही लैब चला रहे हैं। यह स्थिति जारी है और सरकार ने इसे देखते हुए नियमों में उदारता लाने का निर्णय लिया है।
5 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी👉 मध्य प्रदेश में लगभग 35 हजार पैथोलॉजी लैब के संचालन को लेकर नई दिशा तय की जा रही है। राज्य सरकार ने इसका संचालन सुचारू रूप से जारी रखने के लिए नए नियमों का नोटिफिकेशन जारी करने का निर्णय लिया है। 👉 पहले पैथोलॉजिस्ट को ही लैब चलाने की शर्त लागू करने पर कई लैब बंद हो सकती थीं, क्योंकि राज्य में पर्याप्त संख्या में पैथोलॉजिस्ट नहीं हैं। इस समस्या को देखते हुए सरकार ने नियमों में उदारता लाने का निर्णय लिया है। 👉 मध्य प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में लैब का संचालन मुख्य रूप से लैब टेक्नीशियन द्वारा किया जाता है। राज्य के कई जिलों में पैथोलॉजिस्ट की कमी है, इसलिए टेक्नीशियन का योगदान महत्वपूर्ण है। 👉 नए नियमों के तहत, एमबीबीएस डॉक्टर के मार्गदर्शन में लैब टेक्नीशियन द्वारा पैथोलॉजी लैब का संचालन किया जा सकेगा। इससे लैब टेक्नीशियनों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पैरामेडिकल कॉलेजों के छात्रों के लिए भी भविष्य में बेहतर अवसर मिलेंगे। 👉 इस बदलाव के बाद, अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी निजी पैथोलॉजी लैब खोलने की संभावना होगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा और लोग बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। |
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नए नियमों का होगा लाभ
नए नियमों के तहत, पैथोलॉजी लैब का संचालन एमबीबीएस डॉक्टर के मार्गदर्शन में लैब टेक्नीशियन द्वारा किया जा सकेगा। इससे टेक्नीशियन के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पैरामेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे हजारों छात्रों को भी भविष्य में अवसर मिलेंगे।
माल्टा ने यह सुझाव दिया था कि मध्य प्रदेश में ज्यादातर लैब का संचालन एमबीबीएस डॉक्टर के मार्गदर्शन में होता है। इस प्रक्रिया को जारी रखने से लैब टेक्नीशियन का भविष्य सुरक्षित रहेगा। इसके साथ ही, अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी निजी पैथोलॉजी लैब खोलने की संभावना बनेगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा।
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