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Photograph: (the sootr)
मध्य प्रदेश में पैथोलॉजिस्टों की भारी कमी के कारण सरकार अब एमबीबीएस डॉक्टरों को कुछ पैथोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री जांच करने का अधिकार देने की योजना बना रही है। इस कदम का उद्देश्य राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना और जांच रिपोर्ट की गुणवत्ता में सुधार करना है।
पैथोलॉजिस्टों की कमी और उसके कारण
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पैथोलॉजिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट की संख्या बहुत कम है। राज्य में पैथोलॉजिस्टों के कुल 147 पद हैं, जिनमें से 70 पद खाली पड़े हुए हैं। इस स्थिति के कारण कई बार एक ही शहर में एक डॉक्टर के नाम पर विभिन्न जांच केंद्रों से रिपोर्ट तैयार की जाती है, लेकिन वास्तविकता यह है कि जांच अन्य तकनीशियनों द्वारा की जाती है। यह गड़बड़ी और गलत रिपोर्टिंग का कारण बन रही है।
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एमबीबीएस डॉक्टरों को अधिकार देने की योजना
स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस समस्या को हल करने के लिए एमबीबीएस डॉक्टरों को कुछ सामान्य पैथोलॉजी टेस्ट करने का अधिकार देने की योजना बनाई है। इनमें सीबीसी (Complete Blood Count), लिवर फंक्शन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट, यूरिन रूटीन माइक्रोस्कोपिक, थायराइड टेस्ट और फेरेटिन जैसी सामान्य जांचें शामिल हैं। इसके लिए उप मुख्यमंत्री लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राजेंद्र शुक्ला ने विभाग के अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है।
5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला
✅ पैथोलॉजिस्टों की कमी - राज्य में 147 पदों में से 70 खाली हैं, जिससे सरकारी अस्पतालों में जांच सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
✅ गुणवत्ता सुधारने की पहल - सरकार एमबीबीएस डॉक्टरों को कुछ सामान्य पैथोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री जांच करने की अनुमति देने की योजना बना रही है।
✅ किन टेस्ट की अनुमति? - CBC, लिवर फंक्शन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट, यूरिन रूटीन माइक्रोस्कोपिक, थायराइड टेस्ट और फेरेटिन जैसी सामान्य जांच एमबीबीएस डॉक्टर कर सकेंगे।
✅ अप्रैल 2025 से लागू होने की उम्मीद - सरकारी और निजी एमबीबीएस डॉक्टरों को यह अधिकार मिलेगा, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा।
✅ सरकार की अतिरिक्त पहल - पैथोलॉजिस्टों की भर्ती प्रक्रिया तेज की जा रही है, 2023 में 34 पदों की भर्ती शुरू हुई थी, जिनमें से 24 पद भरे जा चुके हैं।
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कब से प्रभावी होगी यह व्यवस्था?
यह योजना अप्रैल 2025 से लागू होने की उम्मीद है। इस व्यवस्था के तहत, सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी एमबीबीएस डॉक्टरों को भी पैथोलॉजी जांच करने का अधिकार मिलेगा। यह कदम राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को बढ़ाने और मरीजों को समय पर उचित जांच रिपोर्ट प्रदान करने में मदद करेगा।
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राज्य सरकार के कदम
पैथोलॉजिस्टों की कमी के कारण स्वास्थ्य सेवाओं में आने वाली समस्याओं को देखते हुए, राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है। इसके अलावा, सरकार पैथोलॉजिस्टों की भर्ती प्रक्रिया को भी तेज कर रही है। 2023 में 34 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी, जिनमें से 24 पदों पर नियुक्तियां हो चुकी हैं।
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