एमपी में शराब कारोबार से करोड़पति बनते आबकारी अधिकारी, भदौरिया के पहले खरे, जामोद और चंद्रावत भी मिले थे करोड़पति

मध्य प्रदेश में शराब कारोबार से कई आबकारी अधिकारी करोड़पति बने हैं। इसमें धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के अलावा आलोक खरे, नवल सिंह जामोद और पराक्रम सिंह चंद्रावत जैसे अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।

author-image
Sanjay Gupta
New Update
madhya-pradesh-abkari-officer-crime-wealth
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

INDORE. आलीराजपुर से रिटायर हुए जिला आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया इकलौते अधिकारी नहीं हैं, जो शराब कारोबार से करोड़पति बने हैं। शराब कारोबार में सरकारी नौकरी करते-करते पहले भी कई अधिकारियों ने जमकर मलाई कूटी है।

लोकायुक्त के छापे में इससे पहले इंदौर में ही सहायक आयुक्त रह चुके आलोक खरे के साथ ही नवल सिंह जामोद, पराक्रम सिंह चंद्रावत पर भी छापे मारे गए थे। इस दौरान इनके यहां अकूत संपत्तियां मिली थीं।

आलोक खरे

हाल ही में सरकार ने इनके खिलाफ लोकायुक्त केस में अभियोजन की मंजूरी दी है। इसके बाद सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है।

लोकायुक्त ने 2019 में भोपाल, इंदौर, रायसेन और छतरपुर में आलोक खरे के सात ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस दौरान करीब 150 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ था।

छापों में नकदी, सोना, फार्महाउस, बंगले और पेंटहाउस के दस्तावेज बरामद हुए थे। जांच में यह भी सामने आया था कि रायसेन के फार्महाउस में फलों की खेती से आय बताई गई थी। इसके बावजूद जिन ट्रकों से फल ढोने का दावा था, वे वास्तव में ऑटो-रिक्शा के नंबर पर पंजीकृत थे। छापेमारी के दौरान तीन किलो सोना बरामद किया गया था।

ये खबर भी पढ़िए...MP News: आबकारी अधिकारी आलोक खरे सस्पेंड, 100 करोड़ की अवैध संपत्ति मामले में बड़ी कार्रवाई

पराक्रम सिंह चंद्रावत

धार में पदस्थ रहे जिला आबकारी अधिकारी चंद्रावत के यहां सात साल पहले लोकायुक्त ने छापा मारा था। इसमें घर से 18 लाख की लग्जरी घड़ी मिली थी। उनके बंगले में 90-90 लाख की तीन लग्जरी कार भी थीं।

चंद्रावत स्वर्गीय पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह कालूखेड़ा के भतीजे हैं। चंद्रावत शहीद पिता के बाद 2001 में नौकरी में आए थे।

उनकी संपत्ति 50 करोड़ से अधिक बताई गई। घर से एक करोड़ कीमत के गहने भी मिले थे। लंबी-चौड़ी जमीन भी मिली।

ये खबर भी पढ़िए...यशवंत क्लब सचिव गोरानी का खेल, सदस्यता में गैंगरेप के आरोपी रहे मोनू भाटिया, लोकायुक्त में घिरे आबकारी अधिकारी पराक्रम भी शामिल

नवल सिंह जामोद

आबकारी उपायुक्त पद पर रहे नवल सिंह जामोद के यहां साल 2014 में छापा हुआ था, जब उनके पास आय से अधिक संपत्ति मिली थी।

हालत यह थी कि वह जिस बिस्तर पर सोते थे उसके नीचे ही नोटों के बंडल मिले थे। इंदौर में तीन मंजिला मकान, धार में प्लॉट, झाबुआ और कुक्षी में अचल संपत्तियां पाई गई थीं। साथ ही 32 लाख नकद भी मिले थे।

ये खबर भी पढ़िए...मध्यप्रदेश आबकारी उपायुक्त आलोक खरे के घर ईडी का छापा, फर्जी FD-आबकारी घोटाले मामले में बड़ी कार्रवाई

धर्मेंद्र सिंह भदौरिया

अब लोकायुक्त ने 15 अक्टूबर को धर्मेंद्र सिंह भदौरिया पर छापा मारा है। इसमें अभी तक 25 करोड़ की संपत्ति सामने आ चुकी है।

घर की एक ही अलमारी से 5.48 करोड़ का सोना, चांदी तथा 1.13 करोड़ नकदी मिली है। एक ही लॉकर से 79 लाख के सोने के गहने और मिले हैं। करोड़ों की अचल संपत्तियां भी सामने आई हैं।

ये खबर भी पढ़िए...इंदौर न्यूज: रिटायर्ड डीईओ धर्मेंद्र सिंह भदौरिया पर कार्रवाई से पिंटू, शाह और समधी एके सिंह के गठबंधन की गुजरात लाइन पर चोटS

MP News मध्यप्रदेश इंदौर न्यूज शराब कारोबार आलोक खरे नवल सिंह जामोद आबकारी अधिकारी पराक्रम सिंह चंद्रावत धर्मेंद्र सिंह भदौरिया
Advertisment