रिटायर्ड डीईओ धर्मेंद्र सिंह भदौरिया पर कार्रवाई से पिंटू, शाह और समधी एके सिंह के गठबंधन की गुजरात लाइन पर चोट

15 अक्टूबर को रिटायर्ड DEO धर्मेंद्र सिंह भदौरिया पर लोकायुक्त छापे से पिंटू, शाह और समधी एके सिंह के अवैध शराब नेटवर्क की कुंडली पर चोट पड़ी है। इससे शराब तस्करी के कारोबार में असर पड़ा है।

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Sanjay Gupta
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INDORE. मप्र के रिटायर्ड जिला आबकारी अधिकारी (DEO) धर्मेंद्र सिंह भदौरिया पर लोकायुक्त टीम ने बुधवार, 15 अक्टूबर को छापा मारा है। इससे इंदौर से लेकर ग्वालियर और भोपाल तक हड़कंप मच गया है। 

इस कार्रवाई में भदौरिया के इंदौर स्थित फ्लैट की अलमारी से एक किलो 400 ग्राम सोना, एक किलो से अधिक वजन की सोने की ज्वेलरी, 75 लाख नकदी और पांच हजार यूरो मिले हैं। 

साथ ही अचल संपत्ति में दो फ्लैट, इंदौर के साथ ही इटावा और ग्वालियर में लंबी-चौड़ी जमीन के दस्तावेज भी मिले हैं। कार्रवाई इंदौर, ग्वालियर में आठ ठिकानों पर हो रही है।

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भदौरिया की एक नहीं, दर्जन भर शिकायतें हो चुकीं

पूर्व आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया की कार्यशैली नौकरी में आने के बाद से ही विवादित रही है। वह इंदौर, ग्वालियर, खंडवा, धार और आलीराजपुर जैसी जगहों पर पदस्थ रहा है। अभी लंबे समय से वह आलीराजपुर में ही पदस्थ था। 

गौरतलब है कि मप्र में अलीराजपुर, झाबुआ और धार जिले गुजरात की अवैध शराब लाइन संचालन के सबसे अहम इलाके हैं। यहीं से होकर पूरी लाइन गुजरती है। इस लाइन में भदौरिया की सालों से पकड़ रही है। इसी के चलते उनकी एक नहीं दर्जन भर शिकायतें हो चुकी हैं।  

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गुजरात अवैध लाइन की चौकड़ी का अहम हिस्सा है भदौरिया

भदौरिया शराब ठेकेदार और गुजरात की लाइन चलाने के सबसे अहम किरदार एके सिंह का समधी है। सिंह डिस्टलरीज संचालक और शराब कारोबारी पिंटू भाटिया का भी खास है। इसी में एक और किरदार है अल्केश बाकलिया, जो गुजरात में शराब की अवैध लाइन के डिस्ट्रीब्यूशन का हिस्सा संभालता है।

इस चौकड़ी के जरिए ही पूरी लाइन के संचालन के आरोप हमेशा लगते रहे हैं। हालत यह है कि भदौरिया 31 अगस्त को रिटायर होने के बाद भी आलीराजपुर में ही रूम किराए पर लेकर रहता है। वहां से पूरी लाइन को मैनेज करने का काम करता है। 

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नौकरी में रहते बन गया था पेटी कांट्रेक्टर

बीते साल तो रिटायर्ड डीईओ धर्मेंद्र सिंह भदौरिया ने आलीराजपुर का ठेका लेने वाले रिंकू भाटिया से भी पेटी कांट्रेक्ट के जरिए हिस्सेदारी की थी। साथ ही, जिले का पूरा शराब का धंधा ही पर्दे के पीछे से कब्जे में ले लिया था।

भदौरिया ऐसा अधिकारी है, जो सरकारी नौकरी के साथ ही उसके पेरेलल अवैध गुजरात की शराब लाइन को भी चलाने वाले ब्लैकर के साथ लिंक होकर काम करता रहा है। इसी के चलते उसने अकूत दौलत कमाई है।

बता दें कि गुजरात लाइन के लिए दो तरह से शराब जाती है। इसमें एक तो आबकारी विभाग की इन जिलों में आई शराब को गुजरात पहुंचाया जाता है। इसमें खेल में लाइसेंसधारक मिले होते हैं। वहीं, दूसरा तरीका डिस्टलरी से ही सीधे इन ब्लैकर के जरिए गुजरात लाइन को शराब जाती है।

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नए महंगे ठेकों के बाद गुजरात लाइन रोकने की कोशिश

इस बार मप्र में मोहन सरकार ने शराब के धंधे से राजस्व बढ़ाने के लिए 20 फीसदी वाली नीति अपनाई। इसके जरिए बीते ठेकों को 20 फीसदी अधिक राजस्व पर रिन्यू किया गया। इसके चलते धार, इंदौर और अन्य कई जगहों के ठेके महंगे हो गए। वहीं, शराब ठेकेदारों की एक ही मांग थी कि ब्लैकर गुजरात की अवैध लाइन को संचालित नहीं कर सकें, ऐसी सख्ती होनी चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो महंगे ठेके लेने के बाद भी ठेकेदार पिट जाएंगे।

एक अंदाजा है कि गुजरात के बॉर्डर वाले तीन-चार जिलों से रोज एक करोड़ की शराब तस्करी होती है। रोज औसतन 30 ट्रक 1000-1000 शराब पेटियों के साथ गुजरते हैं। ये शराब करीब दो करोड़ की होती है। इससे तस्करों को एक करोड़ रुपए का फायदा होता है। हालांकि, हाल के समय में सख्ती बढ़ने से इसमें कमी आई है। इसी सख्ती की कड़ी में भदौरिया पर सभी की नजरें थीं और आखिरकार कार्रवाई हो गई।

लोकायुक्त ने छापे को लेकर यह बताया- भदौरिया घर पर ही थे

लोकायुक्त डीएसपी सुधीर तालान ने बताया कि लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय के निर्देशन में यह छापा मारा गया है। इसमें इंदौर में सात ठिकानों और ग्वालियर में एक ठिकाने पर कार्रवाई हो रही है।

भदौरिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत मिली थी। इसके क्लेरिफिकेशन के बाद सही पाया गया और फिर यह छापा मारा गया।

वह 1987 में सरकारी नौकरी में आए थे और उनकी वेतन से कमाई दो करोड़ अनुमानित थी। जांच में प्राथमिक तौर पर सात-आठ करोड़ का खर्च सामने आया है। इंदौर में सात ठिकानों में कैलाश कुंज आवास, काउंटी पार्क का निर्माणाधीन आवास, एक अन्य फ्लैट, बिजनेस स्काई पार्क के तीन-चार ऑफिस हैं।

इसमें भदौरिया का बेटा और बेटी बिजनेस करते हैं। सात जगहों पर और ग्वालियर में विवेक नगर में एक आवास है। इंदौर में कैलाश कुंज के आवास पर भी भदौरिया मिले हैं और उनसे विवेचना की जा रही है।

छापे में महंगी घड़ियां, साड़ियां, परफ्यूम भी मिले

लोकायुक्त ने बताया कि कैलाश कुंज आवास से छापे में 74 लाख नकद, 1.5 किलो सोने के बार, करीब चार किलो की ज्वैलरी मिली है। इसमें एक किलो सोने की और ढाई-तीन किलो चांदी की ज्वैलरी शामिल है। महंगी घड़ियां, महंगी साड़ियां और महंगे परफ्यूम भी मिले हैं।
इसके अलावा आठ बैंक खाते मिले हैं। तीन बैंक लॉकर खोले जाने हैं, जो इंदौर, ग्वालियर और इटावा में हैं। भदौरिया का कहना है कि यह सब शादी के तोहफे में आया था। यह उनकी पिता की भी कमाई है।
उनके बेटे सूर्यांश भदौरिया फिल्मों में एक्जीक्युटिव प्रोड्यूसर भी रहे हैं। सूर्यांश भदौरिया की भी जानकारी निकाली जा रही है, जिसमें निवेश सामने आ रहा है। उनकी बेटी अर्पूवा भदौरिया भी फिल्मों से जुड़ी हैं। छापे में यूरो की एक गड्डी भी मिली है।

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