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मध्यप्रदेश शासन ने रीवा के प्रभारी उपायुक्त, संभागीय उड़नदस्ता आलोक खरे को शनिवार, 18 अक्टूबर को निलंबित (Suspended) कर दिया है। बता दें कि लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने खरे के ठिकानों पर छापेमारी कर करोड़ों की संपत्ति जब्त की थी। विभाग की अभियोजन स्वीकृति (Prosecution Sanction) दिए जाने के बाद इसी माह कोर्ट में चालान पेश किया गया था। चालान पेश होते ही निलंबन की कार्रवाई की गई है।
अवकाश के दिन भी जारी आदेश
शनिवार को अवकाश होने के बावजूद वाणिज्यिक कर विभाग ने आलोक खरे का निलंबन आदेश जारी किया। आदेश में बताया गया कि इंदौर में सहायक आबकारी आयुक्त के पद पर रहे आलोक खरे के खिलाफ अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज है।
8 अक्टूबर को विशेष न्यायालय में चालान पेश होने के बाद शासन ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय भोपाल में अपर आबकारी आयुक्त, राज्य स्तरीय उड़नदस्ता कार्यालय को बनाया गया है।
100 करोड़ से अधिक संपत्ति का था खुलासा
करीब 6 साल पहले लोकायुक्त पुलिस ने आबकारी अधिकारी आलोक खरे के 7 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इसमें भोपाल, इंदौर, रायसेन और छतरपुर के ठिकाने शामिल थे। इस कार्रवाई की प्रारंभिक जांच (Preliminary Investigation) में ही 100 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ था।
लग्जरी गाड़ियों से लेकर कैश और सोना भी मिला
इंदौर के पॉश इलाके में एक पेंटहाउस और बंगले से 3 किलो सोना और 10 लाख रुपए नकद जब्त किए गए थे।
रायसेन के फार्महाउस से 5 लाख रुपए कैश और एक दर्जन से ज्यादा लग्जरी गाड़ियाँ भी बरामद हुई थीं।
खरे ने संपत्ति के स्रोत के तौर पर दावा किया था कि उनकी पत्नी रायसेन में फलों की खेती करती हैं, वही आय का माध्यम है। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भी पत्नी के नाम से फाइल किए गए थे।
आलोक खरे केस वाली खबर पर एक नजर...
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