मध्य प्रदेश : चीता प्रोजेक्ट को लेकर  RTI के तहत मांगा जवाब, सरकार ने ये कहकर साध ली चुप्पी

मध्य प्रदेश में चल रहे चीता प्रोजेक्ट को लेकर बड़ी खबर है प्रदेश सरकार ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक आरटीआई आवेदन का जवाब देने से इनकार कर दिया। यह पहली बार है जब चीता परियोजना पर सूचना देने से इनकार किया गया है। 

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश वन विभाग ने अफ्रीका से लाए गए चीतों और भारत में जन्मे उनके शावकों की देखरेख संबंधी व्यवस्था के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया है। वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे के अनुरोध के जवाब में विभाग ने आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1)(ए) का हवाला दिया।

सार्वजनिक प्राधिकरण को सूचना उपलब्ध नहीं कराने की अनुमति देता है, बशर्ते कि उसे सार्वजनिक करने से भारत की संप्रभुता और अखंडता, देश की सुरक्षा, रणनीतिक, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों, दूसरे देशों के साथ संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो या किसी अपराध को बढ़ावा मिलता हो। 

पहली बार हुआ ऐसा

इसे लेकर वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे का कहना है कि यह पहली बार हुआ है कि चीता प्रोजेक्ट से जुड़ी कोई जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ी गई हो। मेरा उद्देश्य इस प्रोजेक्ट की जानकारी हासिल करना था, लेकिन अधिकारियों ने इसे टाल दिया।

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नामीबिया से लाए गए 8 चीते

बताया जा रहा है कि ये पहली बार है कि 17 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को छोड़े जाने के साथ चीता परियोजना पर जानकारी देने से इनकार किया गया है। इसके पहले भी भारत में पैदा हुए पहले शावक के स्वास्थ्य के बारे में आरटीआई के तहत जानकारी मिली थी। दुबे की ओर से प्राप्त जानकारी से पता चला कि शावक का दाहिना पैर 28 नवंबर को चोटिल हो गया था। 

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sandeep mishr

 

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