अभिभाषण पर चर्चा के दौरान गायब रहे अधिकारी, कांग्रेस विधायकों ने सदन से किया वॉकआउट

मध्य प्रदेश विधानसभा में महत्वपूर्ण चर्चा के दौरान सदन में प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी मौजूद नहीं हैं, ये सदन की गरिमा के विपरीत है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि बीजेपी सरकार प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या कर रही है।

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Sanjay Sharma
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Madhya Pradesh Assembly Congress MLAs walk out of the House

मध्य प्रदेश विधानसभा।

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BHOPAL. मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र के दूसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अलग-अलग विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी ना होने को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने सदन से नारेबाजी करते हुए वाकआउट कर दिया। नेता प्रतिपक्ष ने सदन में प्रमुख सचिवों की गैरमौजदूगी को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने और अफसरशाही को बचाने का आरोप लगाया।

विधानसभा में अधिकारियों की गैरमौजूदगी पर बवाल

इस मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा की प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी सदन में मौजूद नहीं है। इससे इनकी गंभीरता को समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा सभापति महोदय से अनुरोध था कि जब राज्यपाल के अभिभाषण पर पूरे प्रदेश के मुद्दों पर चर्चा हो रही है तो अधिकारी नदारत क्यों हैं। जबकि इस मौके पर हर विभाग के प्रमुख सचिव को होना चाहिए।

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आसान भाषा में पूरी खबर

  • विधानसभा में अधिकारियों की अनुपस्थिति पर कांग्रेस ने जताई नाराजगी।
  • नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया।
  • कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट किया।
  • सरकार और प्रशासन में तालमेल की कमी उजागर हुई।
  • विपक्ष ने सरकार से जवाब मांगते हुए भविष्य में कड़े विरोध की चेतावनी दी।

लोकतंत्र की हत्या कर रही बीजेपी सरकार

उमंग सिंघार ने आगे कहा कि बीजेपी सरकार प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या कर रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने आपको बचाने के लिए मंत्रियों के माध्यम से झूठे जबाब देते हैं। सरकार को इनकी जिम्मेदारी भी तय करनी होगी। अधिकारियों को सभी विधायकों के प्रति जिम्मेदार होना होगा।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब प्रदेश की महत्वपूर्ण नीतियों, योजनाओं और विकास कार्यों पर चर्चा हो रही हो, तब विभाग के बड़े अधिकारियों की गैरमौजूदगी से पता चलता है कि सरकार और अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी है।

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