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मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का आज (4 अगस्त) छठा दिन है। वहीं, इसको लेकर राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। विधानसभा में सोमवार (आज) को मप्र महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 पेश किया जाएगा, जिसे मेट्रोपॉलिटन विधेयक कहा जा रहा है। इस विधेयक का उद्देश्य भोपाल और इंदौर शहरों के चारों ओर मेट्रोपॉलिटन रीजन का गठन करना है। इसके साथ ही, राज्य सरकार पांच अन्य विधेयकों को भी सदन में पेश करेगी। इस खबर में हम विस्तार से इन विधेयकों और आगामी राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करेंगे।
विधानसभा में मेट्रोपॉलिटन विधेयक होगा पेश
मप्र महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 के तहत भोपाल और इंदौर के मेट्रोपॉलिटन रीजन की सीमाओं को परिभाषित किया जाएगा। इसके अलावा, इन क्षेत्रों के विकास और नियोजन के लिए एक मेट्रोपॉलिटन रीजन अथॉरिटी का गठन भी प्रस्तावित है। यह कदम राज्य में नगरीय विकास की दिशा में एक अहम सुधार माना जा रहा है।
भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन की सीमाएं
भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन में मंडीदीप, रायसेन, औबेदुल्लागंज, सांची, विदिशा, सीहोर, आष्टा, नरसिंहगढ़, और ब्यावरा जैसे क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा।
इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन की सीमाएं
इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन में इंदौर जिले के अलावा देवास, उज्जैन, बड़वाह, धार, सोनकच्छ और शाजापुर जिले के कुछ हिस्से शामिल होंगे। इस क्षेत्र की सीमा सीहोर और देवास के बीच निर्धारित की जाएगी, जहां भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन की सीमा समाप्त होगी, वहीं से इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन की शुरुआत होगी।
MP मानसून सत्र के छठे दिन पर एक नजर...
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अन्य 5 विधेयक भी होंगे पेश
इसके साथ ही, विधानसभा में पांच अन्य विधेयकों को पेश किया जाएगा, जिनमें-
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कारखाना (मप्र संशोधन) विधेयक 2025 – श्रमिकों की सुरक्षा व मानकों को अद्यतन करने हेतु।
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मप्र दुकान तथा स्थापना (संशोधन) विधेयक 2025 – व्यापारिक संस्थानों की कार्यप्रणाली में सुधार।
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मप्र मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक 2025 – वाहन कर प्रणाली में बदलाव।
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विधिक सहायता तथा विधिक सलाह (निसरण) विधेयक 2025 – गरीब व जरूरतमंदों को मुफ्त कानूनी सहायता।
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मप्र विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2025 – उच्च शिक्षा में सुधार हेतु।
इन विधेयकों पर 30 मिनट का समय निर्धारित किया गया है। इस दौरान विधेयकों पर चर्चा की जाएगी और उन्हें पारित करने का प्रयास किया जाएगा।
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कांग्रेस का ध्यानाकर्षण प्रस्ताव
कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा सत्र में आदिवासी वनाधिकार के मुद्दे को उठाने का फैसला किया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश करेगी। इसमें आदिवासी जिलों में वनाधिकार के दावेदारों के प्रकरण खारिज किए जाने का विरोध किया जाएगा। इस प्रस्ताव का उद्देश्य वनाधिकार प्राप्त करने में समस्याओं का सामना कर रहे आदिवासियों की स्थिति पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना है।
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार वनाधिकार दावेदारों के मामलों को जानबूझकर खारिज कर रही है, जिससे आदिवासी समुदाय की बेदखली हो रही है। कांग्रेस के सदस्य इस मुद्दे पर विधानसभा में जोरदार बहस की उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, कांग्रेस के नेताओं ने यह भी संकेत दिया है कि वे जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह के खिलाफ फिर से हंगामा कर सकते हैं, विशेषकर जब वे विधानसभा में आकर अपने विभागीय प्रश्नों के जवाब देंगे।
पांचवे दिन प्रश्नोत्तर काल में हंगामा
विधानसभा सत्र के दौरान शुक्रवार को प्रश्नोत्तर काल में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस ने मंत्री विजय शाह पर आरोप लगाया कि उन्होंने सेना का अपमान किया था, जिस पर इस्तीफे की मांग की गई। इसके कारण प्रश्नोत्तर काल को स्थगित कर दिया गया था, और सवा घंटे तक विधानसभा की कार्यवाही रुकी रही थी। विपक्ष ने इस मामले में शून्यकाल और ध्यानाकर्षण की व्यवस्था को भी प्रभावित किया।
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