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मध्यप्रदेश के रीवा जिले में बीजेपी सांसद जनार्दन मिश्रा ने अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नसबंदी के बाद भी अगर बच्चा पैदा करने की स्थिति हो जाए, इस तरीके के डॉक्टर किसी दूसरे अस्पताल में नहीं है। लेकिन यह सुविधा रीवा के जिला अस्पताल में है। यह बयान उन्होंने कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल के नवीन ओपीडी विस्तार भवन और कॉरिडोर के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान दिया।
नसबंदी के बाद बच्चा पैदा करने की सुविधा
सांसद ने कहा कि मानव संसाधन तैयार करने में काफी कठिनाइयां आती हैं। रीवा जिला अस्पताल में डॉक्टरों, नर्सों और वॉर्ड बॉय की पर्याप्त संख्या है। सिविल सर्जन महोदया ने बताया कि हमें डायलिसिस के लिए किसी दूसरे अस्पताल की मदद की जरूरत नहीं है। तो बच्चा वॉर्ड में बच्चा पैदा करने के लिए किसी तरह का कोई चैलेंज नहीं है। नसबंदी के बाद फिर बच्चा पैदा करने की सुविधा यहां उपलब्ध है।
अस्पतालों का हो रहा आधुनिकीकरण- जनार्दन मिश्रा
सांसद मिश्रा ने शुक्रवार को जिला अस्पताल के एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने आगे बताया कि अस्पतालों का आधुनिकीकरण हो रहा है और डॉक्टरों को तैयार करना कितना कठिन कार्य है। मोदी जी की योजना के तहत 2047 तक भारत में विदेशों के डॉक्टरों के अनुपात को लेकर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आयुष्मान योजना के तहत गरीबों का इलाज सुनिश्चित कर रही है और अस्पतालों में नई-नई मशीनें लगाई जा रही हैं, लेकिन डॉक्टर तैयार करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। अब सांसद जनार्दन मिश्रा का बयान एक बार फिर चर्चा में आ गया है।
चाकू चला रहे होते- जनार्दन मिश्रा
यह पहला अवसर नहीं था जब सांसद जनार्दन मिश्रा अपने बयान के कारण चर्चा में आए हैं। वे पहले भी कई बार विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहे हैं। जून 2024 में एक स्कूल के स्थापना दिवस पर उन्होंने कहा था कि यदि वह सांसद नहीं होते, तो "चाकू चला रहे होते।" उन्होंने स्वीकार किया था कि छात्र जीवन में वह बिगड़ चुके थे और अक्सर अन्य छात्रों के साथ झगड़े करते थे, जिसके कारण उन्हें स्कूल से निलंबित भी किया गया था।
ऑनलाइन बच्चे होंगे पैदा
नवंबर 2024 में भी उन्होंने एक अजीब बयान दिया था। इंजीनियरिंग कॉलेज के हीरक जयंती कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि अब लोग ऑनलाइन शादी कर रहे हैं और पचास या साठ साल बाद जब ऑनलाइन बच्चे पैदा होंगे, तो वे स्टील के होंगे या मांस और हड्डी के होंगे। इस चुनौती का समाधान आप इंजीनियर को करना है, क्योंकि मोबाइल आप जैसे इंजीनियरों ने ही बनाया है। मैं किसी का बिस्तर नहीं झांकता, लेकिन अब पति पत्नी साथ-साथ लेटने के बाद भी अपोजिट होते हैं। दोनों मोबाइल से मोहब्बत करके उसी में आहें भरते हैं।
जल को लेकर दिया विवादित बयान
एक अन्य मौके पर जनार्दन मिश्रा ने कहा था कि "दारू, गांजा, कोरेक्स पियो चाहे थिनर सल्यूशन सूंघों या फिर आयोडेक्स खाओ, कुछ भी करो लेकिन जल की कीमत समझो।" यह बयान उन्होंने मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर जल संरक्षण और संवर्धन पर आयोजित कार्यशाला में दिया था। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि जबकि सरकारें चुनाव के समय बिजली बिल माफ करने या मुफ्त राशन देने जैसे वादे करती हैं, लेकिन मुफ्त पानी की बात करना संभव नहीं है, क्योंकि यह व्यवहारिक नहीं है।