Madhya Pradesh BJP: पांच वर्तमान सांसदों के टिकट कटने के पीछे की कहानी

मध्यप्रदेश की 29 में से 24 सीटों पर पार्टी ने अपने नाम तय कर दिए। BJP ने अपनी सूची में पांच सांसदों के टिकट काटे हैं और पांच सीटों इंदौर, छिंदवाड़ा, उज्जैन, बालाघाट और धार पर पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। 

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Jitendra Shrivastava
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पांच सांसदों के टिकट कटने के पीछे की कहानी।

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BHOPAL. भाजपा ने लोकसभा के लिए अपनी पहली सूची जारी कर दी। मध्यप्रदेश बीजेपी ( Madhya Pradesh BJP ) की 29 में से 24 सीटों पर पार्टी ने अपने नाम तय कर दिये। विदिशा से शिवराज सिंह चौहान, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया को उम्मीदवार बनाया गया है। पांच सीटों पर पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। ये सीट हैं इंदौर, छिंदवाड़ा, उज्जैन, बालाघाट और धार। भाजपा ने अपनी सूची में पांच सांसदों के टिकट काटे हैं। इनमे प्रमुख हैं भोपाल से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, गुना से केपी सिंह यादव, सागर से राजबहादुर सिंह और रतलाम से पूर्व नौकरशाह जीएस डामोर, विदिशा से रमाकांत भार्गव ग्वालियर से विवेक शेजवलकर का टिकट पार्टी ने काटा है। 

आइए जानते हैं किस सीट पर क्यों टिकट काटा गया 

भोपालः भोपाल से वर्तमान सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह का टिकट काटकर पूर्व महापौर आलोक शर्मा को टिकट दिया गया है। साध्वी प्रज्ञा का टिकट कटना तय माना जा रहा था। गांधी जी पर दिए विवादित बयान के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहना पड़ा था कि वे साध्वी प्रज्ञा को कभी दिल से माफ़ नहीं कर पाएंगे। साध्वी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को भारी मतों से हराया था। 

गुनाः ये मूल रूप से ज्योतिरादित्य सिंधिया की सीट रही है। वर्तमान में यहां से भाजपा सांसद केपी यादव हैं। यादव ने सिंधिया को हराकर ही ये सीट भाजपा को दी थी। सिंधिया उस वक्त कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। सिंधिया के भाजपा में आने के बाद से ही ये बात तय मानी जा रही थी कि गुना से केपी यादव का टिकट कटेगा। हुआ भी यही। ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा ने यहां से प्रत्याशी बनाया है। 

सागरः सागर से मौजूदा सांसद राजबहादुर सिंह का टिकट काटा गया है। उनको लेकर पार्टी के पास अच्छा फीडबैक नहीं था। इसके अलावा भाजपा इस चुनाव में महिला प्रत्याशियों को भी आगे लाने में लगी है। यहाँ से पार्टी ने आयोग की पूर्व अध्यक्ष लता वानखेड़े को टिकट दिया गया है।

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रतलामः कांग्रेस की इस परंपरागत सीट से पिछली बार भाजपा के टिकट पर जीएस डामोर चुनाव जीते थी। डामोर ने यहां से कांग्रेस के मजबूत नेता कांतिलाल भूरिया को हराया था। डामोर ने इसी लोकसभा की सीट से विधानसभा चुनाव भी लड़ा और भूरिया के बेटे विक्रांत को भी हराया था। कांग्रेस का किला ढहाने वाले डामोर की जीत को लेकर पार्टी आश्वश्त नहीं थी। यहां से कांतिलाल भूरिया की सक्रियता देखते हुए भाजपा ने इस सीट से मोहन सरकार में वन मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी अनिता नागर सिंह चौहान को मौका दिया गया है।

विदिशाः इस सीट का इतिहास रोचकता से भरा हुआ है। यहां से अभी भाजपा के रमाकांत भार्गव सांसद हैं। भार्गव शिवराज के करीबी माने जाते हैं। उनकी पूरी राजनीति शिवराज सिंह चौहान के इर्दगिर्द ही रही है। शिवराज के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद ही ये लगभग तय हो गया था कि पार्टी केंद्र में उनका उपयोग करेगी। विदिशा से शिवराज पांच बार सांसद रह चुके हैं। ऐसे में उनके लिए विदिशा की दावेदारी सबसे मजबूत रही। 

ग्वालियरः भाजपा से लगातार जीत रहे विवेक शेजवलकर का टिकट काट कर पार्टी ने यहां से पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाह को टिकट दिया है। कुशवाह जातिगत समीकरण के अलावा इस इलाके में मजबूत पकड़ रखते हैं। शेजवलकर को उनकी बढ़ती उम्र के चलते टिकट नहीं दिया है।

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