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BHOPAL. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान दौरे से लौटने के तुरंत बाद कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक की। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 10 लाख नए आवासों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। साथ ही ढाई लाख रुपए की सब्सिडी भी जारी रहेगी। इंदौर में हुकुमचंद मिल की भूमि पर आवासीय परियोजना लाने और इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग से लेकर ड्रोन संवर्धन नीति और सेमीकंडक्टर पॉलिसी पर भी अहम फैसले लिए हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 पर अहम फैसला
कैबिनेट ने प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 10 लाख आवास निर्माण की मंजूरी दी। इस योजना में उन लोगों को लाभ मिलेगा, जिनके पास पक्का घर नहीं है।
स्वयं की भूमि पर घर बनाने वाले को मिलेगा अनुदान: यदि कोई व्यक्ति अपनी भूमि पर घर बनाना चाहता है, तो उसे ढाई लाख रुपए का अनुदान मिलेगा, जिसमें 1 लाख रुपए राज्य सरकार और 1.5 लाख रुपए केंद्र सरकार की ओर से दिए जाएंगे।
रेरा पंजीकृत बिल्डरों द्वारा निर्मित आवास: रेरा से पंजीकृत बिल्डरों द्वारा बनाए गए आवासों के लिए अनुदान वाउचर प्रदान किया जाएगा।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को प्राथमिकता: जिन व्यक्तियों के पास कोई पक्का आवास नहीं है, उन्हें योजना में प्राथमिकता दी जाएगी।
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आवास निर्माण के लिए पात्रता
- जिनकी वार्षिक आय 9 लाख रुपए तक हो, वे योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
- जिनकी आय 3 लाख रुपए तक हो और जिनके पास स्वयं की भूमि है, वे इस योजना के तहत अनुदान प्राप्त करने के पात्र होंगे।
- इसके अलावा, सरकारी और निजी एजेंसियों के द्वारा बनाई गई परियोजनाओं में 30 से 45 वर्ग मीटर के फ्लैट उपलब्ध कराए जाएंगे।
जारी रहेगी ढाई लाख की सब्सिडी
पीएम आवास योजना 2.0 शहरी प्रदेश में लागू करने की सहमति केंद्र सरकार को भेजी जा चुकी है। अब इसको लागू करने का अनुमोदन कैबिनेट द्वारा किया गया। योजना के तहत पांच साल में दस लाख आवास तैयार किए जाएंगे। योजना के तहत खुद की जमीन पर घर बनाने के लिए ढाई लाख रुपए की सब्सिडी जारी रहेगी।
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हुकुमचंद मिल की भूमि पर आवासीय परियोजना
इंदौर की हुकुमचंद मिल की 17 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर एक बड़ी आवासीय परियोजना लाने का फैसला लिया गया है। हुकुमचंद मिल की जमीन हाउसिंग बोर्ड को दी जाएगी। इसके लिए भूमि की रजिस्ट्री हाउसिंग बोर्ड के पक्ष में की जाएगी। रजिस्ट्री में 19 करोड़ रुपए लगेंगे। परियोजना की लागत का अनुमान लगाने के बाद, उससे प्राप्त लाभ को इंदौर नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड के बीच आधा-आधा बांटा जाएगा।
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सेमीकंडक्टर और ड्रोन पॉलिसी को मंजूरी
मोहन कैबिनेट ने इसके साथ ही प्रदेश में सेमीकंडक्टर और ड्रोन पॉलिसी को भी मंजूरी दे दी। इससे प्रदेश में तकनीकी क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा और नई तकनीकियों के साथ उद्योगों को फायदा पहुंचेगा।
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