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मध्यप्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में अब भाजपा नेताओं और विधायकों के परिवारजन भी लाभार्थी बनने लगे हैं। सोमवार को राजगढ़ जिले से 179 तीर्थयात्रियों का एक दल असम स्थित मां कामाख्या धाम के दर्शन के लिए रवाना होगा। दावा है कि इस दल में खिलचीपुर के भाजपा विधायक हजारीलाल दांगी की दोनों पत्नियों का नाम भी शामिल हैं। इसके अलावा भाजपा की एक महिला नेत्री का नाम भी तीर्थयात्रियों की सूची में मौजूद है। इस मामले को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं और विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस नेता ने उठाए सवाल
पूर्व मंत्री और राजगढ़ कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रियव्रत सिंह ने खिलचीपुर के बीजेपी विधायक हजारीलाल दांगी की दोनों पत्नियों का नाम (ज्योत्सना दांगी और सरदार बाई) मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के लाभार्थियों में शामिल किए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस पर तंज कसते हुए कहा कि यह योजना गरीबों के लिए बनाई गई थी, लेकिन भाजपा नेता और उनके परिवारों के नाम जुड़ने से सरकार की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
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लिस्ट में विधायक की पत्नियों के नाम से मचा बवाल
राजगढ़ जिले से सोमवार को 179 तीर्थयात्रियों का एक दल असम स्थित मां कामाख्या धाम के दर्शन के लिए रवाना होगा। इस सूची में भाजपा विधायक हजारीलाल दांगी की दोनों पत्नियों का नाम शामिल है। यह घटना तब सामने आई जब कांग्रेस के नेताओं ने इस पर सवाल उठाए। पूर्व मंत्री और राजगढ़ कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रियव्रत सिंह ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने जानबूझकर भाजपा नेताओं और उनके परिवारों को इस योजना का लाभ दिया है, जबकि योजना में आयकर दाताओं को लाभ नहीं मिलना चाहिए। इसके अलावा जीरापुर की भाजपा नेत्री इंद्रा मूंदड़ा का नाम है।
प्रियव्रत के आरोप पर विधायक का बचाव
प्रियव्रत सिंह ने तीर्थयात्रियों की सूची सार्वजनिक करते हुए आरोप लगाया कि विधायक की पहली पत्नी ज्योत्सना सरकारी सेवा में रही हैं, इसलिए वह आयकर दाता हैं। जबकि योजना में ऐसे व्यक्ति ही लाभार्थी बनाए जा सकते हैं, जो आयकर दाता न हों, ऐसे में उनके चयन से साफ है कि अधिकारियों ने जानबूझकर विधायक के परिवार को लाभ पहुंचाया है। इसके अतिरक्त प्रमुख व्यवसायी इंद्रा मूंदड़ा का भी नाम उस सूची में है, जो भाजपा की पदाधिकारी हैं।
‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ में राजगढ़ ज़िले से चयनित सूची में शामिल @collectorrajga1 ने ग़रीब जनता की जगह बीजेपी के नेताओं और उनकी पत्नियों के नाम जोड़े हैं!!
— Priyavrat Singh (@iPriyavratSingh) September 14, 2025
प्रशासन की निगाह में शायद यह लोग सबसे ग़रीब हैं; मज़े की बात यह है कि यह पहले भी यात्रा कर चुके हैं!!
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वहीं, विधायक हजारीलाल ने इस आरोप को नकारते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी और न ही उन्होंने कोई नाम दिए थे। उनका कहना था कि यह मामला अधिकारियों के स्तर पर हुआ है।
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— Priyavrat Singh (@iPriyavratSingh) September 14, 2025
क्या बोले जिम्मेदार
राजगढ़ के संयुक्त कलेक्टर वीरेंद्र दांगी ने कहा कि सूची तैयार करने में कई आवेदन आए थे, और सभी आवेदकों के उम्र प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और समग्र आइडी सहित अन्य दस्तावेजों की जांच की गई थी। इसके बाद ही चयन प्रक्रिया पूरी हुई।
क्या है मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना
मध्य प्रदेश सरकार ने जून 2012 में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की शुरुआत की थी। योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को धार्मिक यात्रा पर भेजना है। इस योजना के तहत राज्य के नागरिकों को विशेष धार्मिक स्थलों पर यात्रा करने का अवसर मिलता है, जैसे कि मंदिरों, गुरुद्वारों और अन्य धार्मिक स्थलों का दौरा।
यह योजना मुख्य रूप से 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग नागरिकों के लिए है, जो आयकर दाता नहीं होते और जो किसी संक्रामक रोग से ग्रस्त नहीं हैं। योजना के अंतर्गत, राज्य के गरीब नागरिकों को चुनिंदा तीर्थ स्थलों की यात्रा कराई जाती है, ताकि उन्हें धार्मिक लाभ और मानसिक शांति मिल सके।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के नियम
आवेदक का मध्य प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए।
आवेदक की आयु 60 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
योजना के अंतर्गत आवेदन करने वाले व्यक्ति को आयकर दाता नहीं होना चाहिए।
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना अनिवार्य है।
पहले कोई धार्मिक यात्रा न की हो।
संक्रामक रोग से मुक्त होना चाहिए।