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मध्यप्रदेश के देवास में गुरुवार, 18 सितंबर की रात भाजपा विधायक गायत्री राजे पवार के होर्डिंग्स और पोस्टर्स हटाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। विधायक पवार (MLA Gayatri Raje Pawar) के पुत्र विक्रमसिंह और उनके समर्थकों ने शहर में जमकर बवाल किया। बात तो तब बढ़ गई जब विधायक के बेटे विक्रमसिंह ने सीएसपी को नगर निगम के भवन को तोड़ने की धमकी दी।
हॉर्डिंग्स हटाने पर भाजपा नेताओं का विरोध
दिनभर देवास नगर निगम के कर्मचारी एमपी बीजेपी विधायक पवार और अन्य नेताओं के होर्डिंग्स व पोस्टर्स को शहर के विभिन्न चौराहों और खंभों से हटा रहे थे। इस पर भाजपा के नेताओं ने विरोध दर्ज कराया और कमिश्नर दलीप कुमार से मुलाकात की। बावजूद इसके, शाम होते-होते यह मुद्दा और भी तूल पकड़ने लगा। रात 9 बजे के करीब विक्रमसिंह और उनके समर्थकों ने सयाजी द्वार से उज्जैन चौराहा तक सड़क जाम कर दी।
दफ्तर पहुंचकर विधायक पुत्र का गुस्सा फूटा
सड़क जाम के बाद विक्रमसिंह अपने समर्थकों के साथ नगर निगम दफ्तर पहुंचे। वहां सीएसपी सुमित अग्रवाल से गुस्से में उन्होंने कहा, यह शहर हमारा है, निगम भवन भी हमने बनवाया है, ऐसा न हो कि इसे तोड़ना पड़े। विक्रमसिंह की इस धमकी ने माहौल को और भी गर्म कर दिया। हंगामे के बीच महापौर गीता अग्रवाल के पति दुर्गेश अग्रवाल भी पहुंच गए और धरने में शामिल हो गए।
एमपी BJP विधायक पुत्र की दादागिरी की खबर पर एक नजर
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बातचीत के बाद मामला हुआ शांत
कुछ देर बाद, दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई। इसके बाद समर्थकों को दो पोस्टर्स वापस किए गए। रात 10:35 बजे के करीब हंगामा समाप्त हुआ। समर्थक माता रानी के जयकारे लगाते हुए अपने घर लौट गए।
पहले भी हुए थे ऐसे ही हंगामे
यह पहला मामला नहीं था जब किसी भाजपा नेता के समर्थकों ने पुलिस को चुनौती दी हो। कुछ महीने पहले, नगर निगम सभापति और उनके समर्थकों ने कोतवाली पुलिस थाने में घुसकर पुलिस अधिकारियों को धमकाया था, लेकिन पुलिस ने इसे शासकीय कार्य में बाधा नहीं माना था। इसके अलावा, देवास टेकरी पर इंदौर के भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला ने भी एक बार हंगामा किया था। इसमें केस भी दर्ज किया गया था।