/sootr/media/media_files/2025/09/14/madhya-pradesh-facial-attendance-ai-system-december-2025-2025-09-14-07-35-35.jpg)
मध्य प्रदेश (MP) में दिसंबर से सरकारी कर्मचारियों की अटेंडेंस को लेकर नया बदलाव आने वाला है। नगरीय प्रशासन विभाग (Urban Administration Department) ने राज्य के सभी 413 नगर निगमों और निकायों (municipalities) में चेहरे से हाजिरी लगाने की पूरी तैयारी कर ली है।
अब तक 124 निकायों के 11,600 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी इस एआई-आधारित (AI-based) प्रणाली से जुड़ चुके हैं। नया सिस्टम लागू होते ही, कर्मचारियों की उपस्थिति केवल उनके चेहरे की पहचान और जियो लोकेशन (Geo Location) के आधार पर दर्ज होगी। इस नई व्यवस्था में बायोमेट्रिक अटेंडेंस (Biometric Attendance Systemको पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा।
अब मोबाइल और डेस्कटॉप ऐप से होगी हाजिरी
मध्य प्रदेश के कर्मचारियों की उपस्थिति अब केवल तब ही मानी जाएगी जब वे अपने कार्यस्थल पर हाजिर होंगे। यह प्रणाली मोबाइल या डेस्कटॉप ऐप (mobile or desktop app) के माध्यम से काम करेगी। इसमें जियो लोकेशन (geo-location) और चेहरे की पहचान (face recognition) दोनों अनिवार्य होंगे। यह व्यवस्था कर्मचारी के चेहरे की पहचान के साथ-साथ आईरिस और माथे की पहचान पर आधारित होगी।
वेतन और कार्यक्षमता में होगी वृद्धि
मुख्यमंत्री कार्यालय के अंतर्गत स्थित संचालनालय में पहले ही 500 कर्मचारियों पर यह सिस्टम लागू हो चुका है। यह प्रणाली कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ-साथ उनके वेतन (salary) को भी सीधे तौर पर जोड़ने का काम करेगी। सिस्टम को एमपी अटेंडेंस पोर्टल (MP Attendance Portal) से जोड़ा जाएगा। साथ ही, जल्द ही इसे ई-नगरपालिका 2.0 (E-Municipality 2.0) से लिंक किया जाएगा। इस बदलाव से कर्मचारियों की उपस्थिति के आधार पर स्वचालित रूप से वेतन तैयार हो जाएगा। इससे कार्यक्षमता (efficiency) में सुधार और पेंडेंसी (pending work) में कमी आएगी।
ये खबर भी पढ़िए...MP News: कट जाएगी कर्मचारियों की सैलरी, मध्यप्रदेश में ई-अटेंडेंस ने फंसाया पेच
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
नगरीय प्रशासन विभाग के कमिश्नर संकेत एस. भोंडवे (Commissioner Signet S. Bhondve) ने कहा कि यह प्रणाली कार्यक्षमता बढ़ाएगी। साथ ही, विभाग में आने वाली गड़बड़ियों को कम करेगी। वर्तमान में विभाग में करीब 90 हजार संविदा (contractual) और विनियमित (regulated) कर्मचारी और लगभग 50-55 हजार नियमित (regular) कर्मचारी हैं। संविदा कर्मचारियों की उपस्थिति वर्तमान में ठेकेदार (contractor) के जरिए भेजी जाती है, जो कि कभी-कभी गड़बड़ी का कारण बन सकती है।
बायोमेट्रिक अटेंडेंस का हुआ था विरोध
पिछले कुछ समय पहले बायोमेट्रिक अटेंडेंस (biometric attendance) लागू की गई थी। लेकिन कर्मचारियों ने इसका तोड़ निकाल लिया था। विभाग के अनुसार, लगभग 10-15% कर्मचारी ऐसे हैं, जो काम पर नहीं आते, लेकिन वेतन (salary) प्राप्त करते हैं। यही कारण है कि अब इस व्यवस्था को और सख्त करने के लिए फेस रिकग्निशन सिस्टम को लागू किया जा रहा है।
ये खबर भी पढ़िए...एमपी पुलिस भर्ती 2025 : जानें कब और कहां-कहां होगी परीक्षा और क्या रहेगी फीस