सीएम मोहन यादव का फैसला, सभी नगरीय निकायों में बनेंगे गीता भवन
मध्य प्रदेश के 413 नगरीय निकायों में गीता भवन बनाए जाएंगे, जिनका उद्देश्य धार्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक अध्ययन को बढ़ावा देना है। इन भवनों के लिए 2 हजार 875 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है।
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी 413 नगरीय निकायों में गीता भवन बनाने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इस परियोजना के लिए 2 हजार 875 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है। इस परियोजना को तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रस्तावित गीता भवनों को राज्य के विशिष्ट वास्तुकला के अनुरूप डिजाइन किया जाएगा। प्रत्येक भवन में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिनमें:
• पुस्तकालय
• तीन रीडिंग रूम
• ई-लाइब्रेरी
• ऑडिटोरियम
इन भवनों का उपयोग धार्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक शोध के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, दो और चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग की भी व्यवस्था होगी। जिन नगरीय क्षेत्रों में पहले से भवन उपलब्ध हैं, उन्हें अपग्रेड कर गीता भवन के रूप में विकसित किया जाएगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि यह परियोजना राज्य सरकार द्वारा संचालित की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर पीपीपी मोड (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत इसे लागू किया जाएगा। इससे गीता भवनों का व्यापक उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा।
FAQ
गीता भवन परियोजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
धार्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक शोध के लिए केंद्र उपलब्ध कराना।
इस परियोजना का बजट कितना है?
गीता भवन परियोजना का बजट 2875 करोड़ रुपए है।
क्या पीपीपी मोड पर भी गीता भवन बन सकते हैं?
हां, सरकार आवश्यकता पड़ने पर पीपीपी मोड में परियोजना को लागू कर सकती है।
क्या पुराने भवनों का उपयोग किया जाएगा?
जिन क्षेत्रों में भवन पहले से हैं, उन्हें अपग्रेड कर गीता भवन में बदला जाएगा।
गीता भवनों में कौन-कौन सी सुविधाएं होंगी?
पुस्तकालय, रीडिंग रूम, ई-लाइब्रेरी, ऑडिटोरियम और पार्किंग।