बढ़ते कर्ज के बीच मध्य प्रदेश सरकार को मिली बड़ी राहत, रिकार्डतोड़ हुआ GST कलेक्शन

मध्य प्रदेश सरकार, सरकारी योजनाओं और विकास कार्य के लिए लगातार कर्ज ले रही है। इस बढ़ते कर्ज के बीच में प्रदेश सरकार के लिए यह राहत भरी खबर आई है। वित्तीय साल 2023-24 के दौरान उसे रिकार्ड तोड़ जीएसटी मिला है।

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Sandeep Kumar
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GST को लेकर प्रदेश सरकार के लिए राहत भरी खबर

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संजय गुप्ता @ INDORE. सरकारी योजनाओं और विकास काम के लिए मध्य प्रदेश सरकार ( Madhya Pradesh government ) लगातार कर्ज ले रही है। इस बढ़ते कर्ज के बीच में प्रदेश सरकार के लिए यह राहत भरी खबर आई है। वित्तीय साल 2023-24 के दौरान उसे रिकार्ड तोड़ जीएसटी (  GST ) मिला है। बीते साल की तुलना में 26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और उसे 33 हजार 110 करोड़ रुपए मिले हैं।

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मार्च में भर गई झोली, 46 फीसदी अधिक मिला

वित्तीय साल के अंतिम माह मार्च अकेले में ही मप्र को 3331 करोड़ रुपए मिले हैं, जो बीते साल मार्च में मिले 2290 करोड़ रुपए से 46 फीसदी अधिक है। 2017 में जीएसटी लागू होने के उपरान्त किसी भी माह में प्राप्त जीएसटी की यह सर्वाधिक राशि तथा सर्वाधिक वृद्धि है।

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सिर्फ तीन माह में 9637 करोड़ रुपए मिले

वित्तीय वर्ष 2022-23 में माह जनवरी से मार्च की अवधि में 6832 करोड़ रुपए का जीएसटी राजस्व प्राप्त हुआ था, जिसकी तुलना में चालू वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में 9637 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो तुलनात्मक रूप से 41 प्रतिशत अधिक है। 

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व्यापारियों की संख्या 5.35 लाख हो गई

वर्तमान में प्रदेश में पंजीयत व्यवसाईयों की कुल संख्या 5 लाख से भी अधिक पहुंच चुकी है। एक अप्रैल, 2018 को पंजीयत व्यवसायी 3 लाख 84 हजार 438 की तुलना में वर्तमान में पंजीयत व्यवसायी की संख्या 5 लाख 35 हजार 380 है, जो तुलनात्मक रूप से 39 प्रतिशत अधिक है। वरिष्ठ कर सलाहकार आरएस गोयल ने बताया कि पंजीयत व्यवसाईयों की संख्या में वृद्धि के लिए सभी जिलों की जनसंख्या एवं आर्थिक स्थिति के आधार पर पंजीयन के लक्ष्य निर्धारित किए गए। विभाग के द्वारा पंजीयन सत्यापन के लिए मोबाईल एप तैयार किया गया है तथा इस एप के माध्यम से ही फील्ड अधिकारियों के द्वारा संदिग्ध व्यवसाईयो के पंजीयन सत्यापन की कार्रवाई हो रही है। इसी का यह परिणाम है।

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बोगस करोबारियों की हुई छंटनी

विभाग के द्वारा डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से 9202 संदिग्ध व्यवसाईयो की पहचान की गई तथा इनमें से पंजीयत 1092 बोगस व्यवसाईयो के पंजीयन निरस्त किए गए। विभाग के द्वारा बोगस/फेक तथा निष्क्रिय व्यवसाईयों को नियमित रूप से चिन्हित किया जाकर इनके पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई प्राथमिकता पर की जा रही है । विभाग के द्वारा स्कूटनी, ऑडिट एवं प्रवर्तन के विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। मुख्यालय स्थित डेटा, कमाण्ड एंड कंट्रोल सेन्टर में एनालिटिक्स टीम के द्वारा आयकर अधिनियम से संबंधित 26-AS में उपलब्ध जानकारी का जीएसटी रिटर्नस से मिलान, अन्य शासकीय विभागों जैसे कोष एवं लेखा, माईनिंग, ट्रांसपोर्ट आदि से जानकारी प्राप्त कर उनका मिलान भी जीएसटी रिटर्नस से किया जा रहा है। 

डेटा एनालिटिक्स से 101 करोड़, छापे से 560 करोड़ जमा कराए

डेटा एनालिटिक्स के आधार पर ही ऑडिट के 1567 प्रकरणों का चिन्हांकन किया जाकर ऑडिट के लिए आवंटन किया गया। ऑडिट कार्यवाही से अभी तक 101 करोड़ की राशि जमा हो चुकी है। वहीं कर चोरी की आशंका में विभाग द्वारा ऐसे कारोबारियों और फर्म पर कुल 1270 छापे व जांच की कार्रवाई की गई। इससे 560 करोड़ रुपए का राजस्व मिला।

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