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शासकीय अधिवक्ताओं का एक साल का समय 31 जुलाई को पूरा हो चुका है, लेकिन इसे दो बार एक-एक माह के लिए आगे बढ़ाया गया था, जो 30 सितंबर को खत्म हो रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार एक माह के लिए और एक्सटेंशन का पत्र नहीं बनाया गया है। सूची तैयार करके मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से अंतिम चर्चा के लिए रखी हुई है। सीएम मोहन यादव की हरी झंडी मिलते ही इस बार नई सूची एक साल के लिए जारी होने की पूरी उम्मीद है।
एजी पद पर सिंह बने रहेंगे
एजी पद पर प्रशांत सिंह बने रहेंगे। उनका नाम पूर्व से ही तय है। ओबीसी को लेकर चल रही अहम सुनवाई को देखते हुए भी उन्हें सरकार हिलाना नहीं चाहती है। इस मामले में पूरी सरकार की प्रतिष्ठा और आगे राजनीति दांव पर लगी हुई है।
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AAG, डिप्टी AG से सरकारी वकील तक उठापटक
सूत्रों के अनुसार एएजी और डिप्टी एजी पद के साथ ही सरकारी अधिवक्ता (जीए) की सूची में भारी उठापटक देखने को मिलेगी। सरकारी अधिवक्ताओं में 30-40 फीसदी तक बदलाव की खबरें आ रही हैं। उधर कुछ एएजी, डिप्टी एजी को दिल्ली भेजने की भी तैयारी है, जहां वह कानूनी मामलों में मध्यप्रदेश सरकार का पक्ष रखेंगे। ऐसे में कौन कुर्सी बचा पाता है, यह अहम है।
इंदौर में पुराने दावेदार फिर सक्रिय
इंदौर में तीन एएजी (Additional Advocate General) और तीन डिप्टी एजी (Deputy Advocate General) के साथ ही करीब 35 शासकीय अधिवक्ता हैं। एएजी और डिप्टी एजी पदों में भी बदलाव देखने को मिलेंगे। एएजी पद के लिए एक बार फिर पूर्व पदाधिकारियों के साथ ही नए दावेदार भी उठापटक में लगे हुए हैं। इसी दावेदारी के चलते ही दो बार लिस्ट को आगे बढ़ा दिया गया था।
इंदौर में अभी एडिशनल एजी पद पर आनंद सोनी, विश्वजीत जोशी और सोनल गुप्ता हैं। वहीं डिप्टी एजी पद पर कुशल गोयल, श्रेयराज सक्सेना और सुदीप भार्गव हैं। सूत्रों के अनुसार इसमें बदलाव संभावित है। इंदौर के लिए भारी कश्मकश का दौर जारी है। सभी अपने संबंधों और काम के जरिए जगह बनाने में जुटे हैं और नजरें एएजी पद पर ही हैं, इसके बाद डिप्टी एजी का पद है।
सरकारी वकीलों की लिस्ट में भी फेरबदल
उधर इंदौर में सरकारी वकीलों की भी लंबी लिस्ट है, जिसमें करीब 35 शासकीय अधिवक्ता हैं। जानकारी के अनुसार इस लिस्ट में भी बदलाव होगा और 5 से 10 अधिवक्ता प्रभावित हो सकते हैं। इसके लिए भी कई पुराने नाम फिर दौड़ में हैं और नए नाम भी अपना जोर लगा रहे हैं।
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