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Gwalior.मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक ही परिवार के 8 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए हैं। ये सभी बिना भारतीय नागरिकता के पिछले 12 साल से ग्वालियर में रह रहे थे। इनकी गिरफ्तारी हरियाणा पुलिस की सूचना पर हुई है। इस ऑपरेशन में ग्वालियर पुलिस ने सक्रियता दिखाई। आइए पूरी कहानी विस्तार से जानते हैं।
किसी ने नहीं पहचाना इन लोगों को
यह घटना ग्वालियर के महाराजपुरा इलाके की है, जहां भारतीय वायुसेना का एयरबेस भी है। यहां से पकड़े गए 8 बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान मोहम्मद शरीफ (40), सीलिमा (25), रफीक (14), चुमकी (12), अदोरी (8), आशिक (15), रातुल शेख (23) और उजा (2) के रूप में हुई है। ये सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं।
हरियाणा पुलिस के इनपुट पर कार्रवाई
इनकी गिरफ्तारी हरियाणा के पानीपत में पकड़े गए रिश्तेदारों से मिली सूचना के आधार पर हुई। पानीपत में पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों से पूछताछ के बाद ग्वालियर पुलिस को अहम जानकारी मिली, इससे वे सक्रिय हुए। हरियाणा पुलिस की टीम भी ग्वालियर पहुंची और इन बांग्लादेशियों को पकड़ा।
क्या थी इनकी कहानी?
पुलिस की पूछताछ में यह सामने आया कि ये सभी बांग्लादेश के येशोर शहर के निवासी हैं। इनकी पहली पीढ़ी यानी मोहम्मद शरीफ के पिता भारत में आकर बस गए थे। मोहम्मद शरीफ ने बताया कि उनके पिता नूर सबसे पहले ग्वालियर पहुंचे थे, लेकिन एक दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद उनका परिवार यहीं बस गया।
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ग्वालियर में पकड़े गए बांग्लादेशी वाली खबर पर एक नजर
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ग्वालियर में 12 साल से रह रहे थे
मोहम्मद शरीफ के अनुसार, वह लगभग 12 साल पहले बांग्लादेश से कोलकाता पहुंचे और फिर ग्वालियर आकर मजदूरी करने लगे। उनकी पत्नी सीलिमा और बच्चे अदोरी व उजा का जन्म ग्वालियर में ही हुआ। वे सभी महाराजपुरा इलाके में कचरा इकट्ठा करने और उसे नष्ट करने का काम करते थे।
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भारत में दाखिल होने के तरीके
रातुल शेख, जो इस परिवार का एक सदस्य है। उसने पुलिस को बताया कि वह 5 साल पहले बांग्लादेश से भारत आया था। उसने भारत की सीमा पार करने के लिए 4 हजार रुपए दिए थे। इसके बाद वह ग्वालियर में रहने लगा और यहां के एक ठेकेदार के लिए काम करने लगा।
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कचरा नष्ट करने का कारोबार
ये बांग्लादेशी नागरिक ग्वालियर के महाराजपुरा क्षेत्र में एक घर में रह रहे थे। उनका रोजगार कचरा इकट्ठा करने और उसे नष्ट करने का था। यह काम वे देवेंद्र कंसाना नामक व्यक्ति के लिए करते थे, जो ग्वालियर के दीनदयाल नगर क्षेत्र में कचरा नष्ट करने का ठेका लेकर काम करता था। बदले में उन्हें हर महीने 15 हजार रुपए मिलते थे।
पुलिस निगरानी में रखा गया
अब इन 8 बांग्लादेशी नागरिकों को महाराजपुरा थाना पुलिस की निगरानी में रखा गया है। उनके मोबाइल फोन से मिले नंबरों के जरिए और जांच एजेंसियों के सहयोग से कई अहम जानकारियां जुटाने की प्रक्रिया जारी है। सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां भी इस मामले में सक्रिय हो गई हैं।