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Photograph: (the sootr)
मध्यप्रदेश में मानसून की विदाई से पहले एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल गया है। जबलपुर, सीधी, सिंगरौली और मऊगंज समेत प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश का दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली जिलों में 8 इंच तक बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। यह दर्शाता है कि इन क्षेत्रों में अति भारी बारिश की संभावना है।
सीधी जिले में पिछले 24 घंटों में 7 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो इस मौसम प्रणाली (Weather System) की तीव्रता को दिखाता है। मऊगंज में भी 10 घंटे से अधिक समय से लगातार पानी गिर रहा है। यह स्ट्रॉन्ग सिस्टम 4 अक्टूबर को भी सक्रिय बना रहेगा, जिसके कारण प्रदेश के 17 जिलों में भारी या अति भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में डिप्रेशन और डीप डिप्रेशन सक्रिय हैं। इसके अलावा, दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) भी सक्रिय हैं, जिनमें से एक मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से के ऊपर है। इसी चक्रवाती परिसंचरण का सीधा असर प्रदेश के पूर्वी और आसपास के जिलों में देखने को मिल रहा है।
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सीधी, सिंगरौली और मऊगंज में अति भारी बारिश
बीते 24 घंटों में सीधी में अति भारी बारिश दर्ज की गई है। यहां सुबह करीब 10:30 बजे से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। सिंगरौली में भी दोपहर करीब 3 बजे से बारिश शुरू हुई, और बैढ़न, देवसर और सरई इलाके में भी बारिश जारी है। इन क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट के चलते जिला प्रशासन को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। मऊगंज के ग्रामीण इलाके में भी अच्छी बारिश हुई है।
अन्य प्रभावित जिले और यलो अलर्ट
एमपी मौसम विभाग ने जबलपुर समेत अन्य 12 जिलों में भारी बारिश के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में सतना, पन्ना, मैहर, दमोह, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, नरसिंहपुर और छिंदवाड़ा शामिल हैं। इन क्षेत्रों में लोगों को तेज बारिश के कारण होने वाली संभावित समस्याओं, जैसे जलजमाव और आवागमन में बाधा, के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि यह स्ट्रॉन्ग सिस्टम रविवार से कमजोर होगा, लेकिन तब तक कई स्थानों पर हल्की बारिश जारी रह सकती है।
प्रमुख रूप से प्रभावित जिले | जारी अलर्ट | बारिश की मात्रा (पिछले 24 घंटे) |
सीधी | ऑरेंज अलर्ट | 6.59 इंच |
रीवा | ऑरेंज अलर्ट | उपलब्ध नहीं |
मऊगंज | ऑरेंज अलर्ट | उपलब्ध नहीं |
सिंगरौली | ऑरेंज अलर्ट | अति भारी बारिश की संभावना |
जबलपुर | यलो अलर्ट | भारी बारिश की संभावना |
मानसून की विदाई और अब तक की बारिश का लेखा-जोखा
मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में मानसून अब विदाई की ओर है। ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम समेत 12 जिलों से मानसून पहले ही विदा हो चुका है। हालांकि, मौजूदा सक्रिय मौसम प्रणाली के कारण मानसून की वापसी की तारीख आगे बढ़ सकती है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से मानसून विदाई ले लेगा। इस साल मानसून ने मध्य प्रदेश में 16 जून को दस्तक दी थी।
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गुना में सबसे ज्यादा बारिश
इस मानसूनी सीजन में गुना जिले में सबसे ज्यादा 65.6 इंच बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा, मंडला और रायसेन में 62 इंच से अधिक, तथा श्योपुर और अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश हुई है।
वहीं, शाजापुर (28.9 इंच), खरगोन (29.6 इंच), खंडवा (32 इंच), बड़वानी (33.5 इंच) और धार (33.6 इंच) सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में शामिल हैं।
इंदौर संभाग में शुरुआती दौर में कम बारिश हुई थी, लेकिन सितंबर महीने में तेज बारिश के कारण यहां सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो गया। उज्जैन जिले में अब भी बारिश का कोटा पूरा नहीं हुआ है, और शाजापुर सबसे कम बारिश वाले जिलों में पहले नंबर पर है।
पूर्वी और पश्चिमी मध्य प्रदेश की स्थिति
मध्य प्रदेश में इस साल पूर्वी हिस्से, यानी जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम अधिक सक्रिय रहे। इन क्षेत्रों में बाढ़ (Flood) जैसी स्थिति भी देखने को मिली। ग्वालियर-चंबल संभाग में भी कोटे से ज्यादा पानी गिरा है, जो दिखाता है कि इस साल मध्य प्रदेश में मानसूनी गतिविधियां काफी तीव्र रही हैं।