मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के द्वारा माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा की चयन प्रक्रिया में उर्दू विषय को शामिल कर उर्दू स्कूलों में खाली पदों पर भर्ती किए जाने संबंधी कोई भी आदेश जारी नहीं किए गए हैं, बल्कि कोर्ट ने राज्य शासन को याचिका में मौजूद शिकायतों पर जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।
उर्दू को चयन प्रक्रिया में शामिल करने पर याचिका
माध्यमिक शिक्षक भर्ती की चयन प्रक्रिया में उर्दू विषय को शामिल नहीं करने को लेकर छिंदवाड़ा की उर्दू की शिक्षिका फातिमा अंजुमन द्वारा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। जिसमें माध्यमिक शिक्षा भर्ती परीक्षा 2024 में उर्दू को शामिल किए जाने एवं वैकल्पिक रूप से 2018-2023 के दौरान पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए अलग से चयन प्रक्रिया को आयोजित किए जाने के निर्देश करने और इस याचिका पर अंतिम निर्णय होने तक चयन परीक्षा से संबंधित होने वाली कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया था।
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चयन भर्ती प्रक्रिया पर उठाए गए सवाल
जबलपुर हाईकोर्ट में इस याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान फातिमा अंजुम ने माध्यमिक शिक्षक भर्ती पर सवाल खड़े किए, जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाए थे कि उर्दू शिक्षकों की भर्ती नहीं की जा रही है। प्रारंभिक परीक्षा में तो उर्दू को शामिल किया गया था, लेकिन चयन प्रक्रिया में उर्दू को शामिल नहीं किया गया, इस वजह से उर्दू शिक्षकों के पद खाली हैं।
कोर्ट ने राज्य शासन को जारी किए निर्देश
इस याचिका पर सुनवाई चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच में हुई जिसमें कोर्ट ने शासन को यह आदेश दिया है कि याचिकाकर्ताओं के द्वारा दिए गए अभ्यावेदन पर विचार कर निर्णय ले और यदि उर्दू विषय की पद खाली नहीं है, तो उसका भी आदेश में उल्लेख करें। साथ ही यदि पद खाली है तो उन्हें विज्ञापित क्यों नहीं किया गया, इससे संबंधित जवाब दाखिल करे।
कोर्ट ने शासन को निर्णय लेकर जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है, साथ ही निर्णय के बाद दो दिनों के अंदर याचिकर्ताओं को लिखित रूप सूचित किए जाने का भी निर्देश दिया गया है। इसके अलावा यदि याचिकाकर्ता फैसले से असंतुष्ट है तो उचित मंच के सामने चुनौती दे सकते हैं।
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भर्ती किए जाने को लेकर कोई आदेश नहीं
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद एक जानकारी चारों ओर साझा हो रही है, जिसमें माध्यमिक शिक्षक भर्ती चयन प्रक्रिया में उर्दू विषय को शामिल किए जाने एवं उर्दू स्कूलों में उर्दू शिक्षकों के खाली पदों को भरे जाने की लिए रास्ता साफ होने की बात को बताया जा रहा है, लेकिन कोर्ट के द्वारा केवल राज्य शासन को याचिकाकर्ताओं के द्वारा कोर्ट में दायर याचिका में मौजूद शिकायतों पर निर्णय लेने और जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है, कोर्ट के द्वारा किसी भी भर्ती चयन प्रक्रिया में सुधार या भर्ती करने के लिए कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया।
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