डिवोर्स फाइल करने के 3 साल बाद किया दहेज प्रताड़ना का केस, HC ने रोकी कार्रवाई

मध्य प्रदेश के सागर में एक महिला ने बिना तलाक लिए दूसरी शादी कर ली, जिसके बाद पति ने तलाक की अर्जी दी थी। तीन साल बाद महिला ने दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करवा दिया, लेकिन हाईकोर्ट ने मामले में दखल देते हुए पति को राहत दी।

author-image
Neel Tiwari
New Update
 second marriage without divorce sagar high court case

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट।

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00
JABALPUR. सागर निवासी महिला ने पहले तो बिना तलाक के दूसरी शादी कर ली और जब दूसरे पति को इस बारे में जानकारी मिली, तो तलाक की अर्जी लगाने के 3 साल बाद उसने दहेज प्रताड़ना का केस कायम करवा दिया। कोर्ट ने इस मामले में पति को राहत दी है। 
पहली शादी की सच्चाई छुपा कर दूसरी शादी करने के बाद जब सच्चाई का खुलासा हुआ तो पति के द्वारा तलाक की अर्जी दी गई थी। लेकिन पत्नी ने 3 साल बाद अचानक पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करवा दिया। जिसके खिलाफ पति ने हाईकोर्ट में रिट अपील दायर कर कोर्ट से मामले में दखल देने की गुहार लगाई। कोर्ट के द्वारा इस अपील पर सुनवाई करते हुए संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करते हुए निचली अदालत में जारी कार्यवाही पर रोक लगा दी।

बिना तलाक के दूसरी शादी और पति पर केस

जबलपुर हाईकोर्ट में नई दिल्ली के उत्तम नगर क्षेत्र अंतर्गत जीवन पार्क के रहने वाले रितेश जैन के द्वारा कोर्ट में एक रिट अपील दायर की गई है, जिसमें उन्होंने अपील की है कि जिस महिला के साथ उनकी शादी हुई थी उसके द्वारा पहले की गई शादी को छुपाया गया है साथ ही बिना तलाक के दूसरी शादी की गई है, इसके बाद सच्चाई का खुलासा होने पर अपनी पत्नी से 3 साल पहले तलाक लेने के लिए अर्जी दायर की जा चुकी है। लेकिन अचानक 3 साल बाद पत्नी ने दहेज प्रताड़ना और मानसिक प्रताड़ित किए जाने के आरोप लगाते हुए थाना खुरई ग्रामीण जिला सागर में मामला दर्ज करवा दिया है, जिसमें दखल देने और उचित न्याय दिलाने के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई गई है।

पिछली याचिका हो गई थी खारिज 

याचिकाकर्ता रितेश जैन के द्वारा अपने खिलाफ हुई इस झूठी FIR को रद्द करवाने के लिए पहले भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि उनकी पत्नी के द्वारा पहली शादी के तथ्यों को छुपाया है, साथ ही उसे ब्लैकमेल भी कर रही है और क्रूरता एवं दहेज की मांग किए जाने संबंधित झूठा मामला भी दर्ज करवाया गया है। कोर्ट के द्वारा FIR में मौजूद तथ्यों में पाया गया कि रितेश जैन के द्वारा 10 लाख रुपए नगद और चार पहिया वाहन की मांग की जा रही थी और महिला को मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जा रहा था। जिसमें कोर्ट ने प्रथम दृष्टि में यह पाया कि लगाए गए आरोप सही है। 
याचिकाकर्ता के द्वारा 10 अगस्त 2021 को तलाक के लिए याचिका दाखिल की गई है। जिसमें 11 अक्टूबर 2023 को जवाब दाखिल किया गया एवं भरण पोषण के लिए आवेदन 27 सितंबर 2021 को दाखिल किया गया। लेकिन साथ ही FIR तलाक के लिए दी गई अर्जी के बाद ही की गई है। जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विशाल धगत की बेंच ने माना कि FIR देर से करने की वजह शादी को बचाना हो सकती है इसलिए इस FIR को रद्द किया जाना जल्दबाजी होगी। इसके बाद याचिका को खारिज कर दिया गया। हालांकि इस मामले में याचिकाकर्ता को जिला सत्र न्यायालय से अग्रिम जमानत मिल गई थी।

हिंदू विवाह अधिनियम के तहत अमान्य है शादी- HC

इस रिट अपील पर सुनवाई चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच हुई जिसमें अपीलकर्ता के द्वारा दिए गए तर्कों के आधार पर अपीलकर्ता की पत्नी की पिछली शादी राशु जैन नामक व्यक्ति के साथ हुई जिनका स्पष्टीकरण उनके पहले पति के द्वारा शुरू की गई सीआरपीसी की धारा 97 के तहत कार्रवाई के दौरान 16 जुलाई 2018 के बयान में मौजूद है। जिसमें अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने भी दिनांक 21 जनवरी 2019 के आदेश के अनुसार हिंदू विवाह अधिनियम के तहत राशु जैन और अपीलकर्ता की पत्नी का हिंदू विवाह अधिनियम के तहत विवाह किया गया।
जिस वजह से उसके द्वारा अपनी पहली शादी का खुलासा किए बिना अपीलकर्ता से की गई शादी शून्य एवं अमान्य है। एवं पिछली शादी के तथ्यों को छुपा कर अपीलकर्ता के खिलाफ FIR भी की गई है। इस संबंध में संबंधित व्यक्तियों को नोटिस जारी करते हुए 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं एवं निजली अदालतों में चल रही कार्यवाही को भी अगले आदेश तक स्थगन के आदेश जारी किए गए हैं।
ये खबर भी पढ़ें...
मध्य प्रदेश सागर न्यूज जबलपुर न्यूज जबलपुर हाईकोर्ट Jabalpur News तलाक दहेज प्रताड़ना बिना तलाक के दूसरी शादी का आरोप