MP हाईकोर्ट ने कहा- जमीन अधिग्रहण केस में दोबारा हो सुनवाई, जिला जज के खिलाफ जांच के निर्देश

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सिंगरौली में जमीन अधिग्रहण मुआवजे के मामले में जिला न्यायालय के फैसले को त्रुटिपूर्ण बताते हुए दोबारा सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने सिंगरौली के जिला जज दिनेश कुमार शर्मा के खिलाफ जांच के निर्देश दिए हैं।

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Vikram Jain
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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट।

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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जमीन से जुड़े एक मामले पर सुनवाई करते हुए सिंगरौली के जिला जज के खिलाफ बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने जमीन अधिग्रहण मुआवजे से संबंधित एक मामले में जिला न्यायालय के फैसले को त्रुटिपूर्ण करार दिया और मामले की फिर से सुनवाई करने के आदेश दिए। साथ ही, हाईकोर्ट ने जिला जज के खिलाफ जांच के निर्देश भी दिए हैं। यह मामला याचिकाकर्ता मंगल शरण के मुआवजे को लेकर दिए गए फैसले से जुड़ा हुआ है, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।

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हाईकोर्ट में जिला जज के आदेश को चुनौती

दरअसल, सिंगरौली निवासी मंगल शरण ने जमीन अधिग्रहण के मामले में जिला जज के आदेश को चुनौती देते हुए जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। साल 2019-20 में मंगल शरण की जमीन का अधिग्रहण हुआ था। जिला प्रशासन से नोटिस जारी होने के बाद याचिकाकर्ता ने अपनी जमीन के मुआवजे के लिए धारा 64 के तहत देवसर अदालत में आवेदन पेश किया। मंगल शरण का कहना था कि जिस घर और जमीन का अधिग्रहण किया गया है, वह डायवर्टेड जमीन है और उसी हिसाब से मुआवजा भी मिलना चाहिए था। लेकिन कार्रवाई में देरी के कारण उन्होंने यह मामला कोर्ट में दायर किया।

मुआवजे के मामले में जिला जज का आदेश त्रुटिपूर्ण

देवसर कोर्ट में चतुर्थ जिला जज दिनेश कुमार शर्मा ने उनका आवेदन यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि कलेक्टर ने रिफरेंस नहीं भेजा है, और इसलिए मामला सुनवाई योग्य नहीं है। इसके बाद मंगल शरण ने जिला जज के आदेश को जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी। अब मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। साथ ही कोर्ट ने आदेश को गलत बताते हुए मामला दोबारा वहीं भेज दिया। साथ ही जिला जज दिनेश कुमार शर्मा के खिलाफ जांच के निर्देश दिए हैं।

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जिला जज के खिलाफ जांच के निर्देश

हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए जिला जज के आदेश को त्रुटिपूर्ण बताया। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि संबंधित प्रावधानों को ठीक से पढ़ा होता तो आवेदन निरस्त नहीं किया जाता। इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले को फिर से जिला जज के पास भेजा और उन्हें 30 दिन के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया। साथ ही, जस्टिस अग्रवाल ने सिंगरौली के जिला जज दिनेश कुमार शर्मा के खिलाफ जांच के निर्देश भी दिए और कहा कि पिछले पांच वर्षों में उनके द्वारा किए गए कार्यों की जांच की जानी चाहिए।

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5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला 

✅ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सिंगरौली जिले के जमीन अधिग्रहण मुआवजे के मामले में जिला जज का आदेश त्रुटिपूर्ण बताया।

✅  हाईकोर्ट ने मामले को जिला जज के पास फिर से भेजा और 30 दिन में निर्णय लेने के निर्देश दिए।

✅  कलेक्टर से रिफरेंस न भेजने पर जिला जज ने याचिका को निरस्त कर दिया था, जिसे हाईकोर्ट ने चुनौती दी।

✅  हाईकोर्ट ने सिंगरौली के जिला जज दिनेश कुमार शर्मा के खिलाफ जांच के आदेश दिए।

✅ याचिकाकर्ता ने जिला जज के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

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