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Photograph: (The Sootr)
BHOPAL. उच्च शिक्षा विभाग में शिक्षकों के खाली पदों पर कामचलाऊ व्यवस्था छात्रों के लिए समस्या बन गई है। रिडिप्लॉयमेंट के कारण कॉलेजों में बार-बार विषय विशेषज्ञों के पद खाली हो रहे हैं। इससे अध्यापन व्यवस्था प्रभावित हो रही है। कॉलेजों में स्थायी व्यवस्था अभी तक नहीं बन पाई है।
फॉलेन आउट गेस्ट फैकल्टी और च्वॉइस फिलिंग की व्यवस्था भी कॉलेज प्रबंधन की वजह से काम नहीं कर पा रही है। उच्च शिक्षा विभाग की व्यवस्थाएं कॉलेज प्रबंधन के अड़ंगों से प्रभावित हो रही हैं। झाबुआ जिले में 700 छात्रों को पढ़ाने के लिए गेस्ट फैकल्टी उपलब्ध नहीं है।
विभाग की व्यवस्था में अटा रहे रोड़ा
रिडिप्लॉयमेंट के कारण कॉलेजों में सहायक प्राध्यापकों के खाली पदों को भरने के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में गेस्ट फैकल्टी को महीने में दो बार च्वाइस फिलिंग की व्यवस्था की गई है। इसका उद्देश्य खाली पदों को तुरंत भरकर पढ़ाई को सुचारू रखना है। लेकिन, विभाग की इस व्यवस्था को कॉलेज प्रबंधन की उदासीनता ने बेअसर कर दिया है।
कई कॉलेजों में च्वाइस फिलिंग की उलझन से बचने के लिए पद खाली होने के बावजूद बीच सत्र में ही इसे लॉक कर दिया है। इस वजह से ऐसे कॉलेजों में अब सहायक प्राध्यापक हैं और न ही उनकी जगह गेस्ट फैकल्टी ले पा रहे हैं। नतीजा कक्षाएं खाली पड़ी हैं और छात्र भटक रहे हैं।
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नियम विरुद्ध लॉक की च्वाइस फिलिंग
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झाबुआ के शासकीय मॉडल कॉलेज की स्थिति प्रबंधन की मनमानी और उच्च शिक्षा विभाग की उदासीनता का ताजा उदाहरण बन गई है। मॉडल कॉलेज में इतिहास विषय के 498 छात्र स्नातक में अध्ययनरत है जबकि स्नातकोत्तर में यह संख्या 131 से ज्यादा है। यहां इतिहास विषय में गेस्ट फैकल्टी का एक पद रिक्त है। दूसरे पद पर कार्यरत गेस्ट फैकल्टी अब सागर जिले के पीएमश्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस मकरोनिया में पदस्थ कर दी गई है।
इस स्थिति को नजरअंदाज कर मॉडल कॉलेज प्रबंधन ने च्वाइस फिलिंग (choice filling controversy) को लॉक कर दिया है। इसके कारण इस कॉलेज के लिए गेस्ट फैकल्टी के रूप में शंकरलाल खरवाडिया का आवंटन होने के बाद भी पद को नहीं भरा जा सका। जबकि पद खाली होने के संबंध में कॉलेज के विभागाध्यक्ष डॉ. धूलसिंह प्राचार्य को पत्र भी भेज चुके हैं।
विभाग के नियम तोड़ रहे कॉलेज प्रबंधन
उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों में अध्यापन व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए माह में दो बार च्वाइस फिलिंग की व्यवस्था की है। यानी वर्क लोड के आधार पर एक बार फिलिंग को खोला जाता है तो उसे बीच में फ्रीज नहीं किया जा सकता। यही नहीं कॉलेजों में 10 छात्र होने पर गेस्ट फैकल्टी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इसके बावजूद प्राचार्य अपनी उलझन से बचने इन नियमों तो तोड़कर विभागीय व्यवस्था में रोड़ा अटका रहे हैं।
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