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मध्यप्रदेश के सीएम हाउस में सोमवार, 29 सितंबर को एक अहम बैठक हुई। इस बैठक में मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति पर चर्चा की गई। चर्चा में आईपीएस अवधेश प्रताप सिंह का नाम सामने आया, जो पहले मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव रह चुके हैं। उन्हें मानवाधिकार आयोग का सदस्य बनाने पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति ने उनके नाम को मंजूरी दे दी।
हालांकि, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एपी सिंह के नाम पर विरोध जताया। इस बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार मौजूद थे।
आयोग में एपी सिंह के नाम पर विवाद
इस बैठक में प्रशासनिक सदस्य के रूप में एपी सिंह का नाम सामने आया, लेकिन इस पर विवाद होना लाजमी था। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आयोग में एपी सिंह की नियुक्ति के लिए चुनी गई प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी और बिना आवेदन बुलाए किसी को चुना जाना ठीक नहीं है। हालांकि, सीएम और विधानसभा अध्यक्ष ने एपी सिंह के नाम पर सहमति जताई, जबकि सिंघार की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए चयन समिति ने बहुमत से इस नियुक्ति को राज्यपाल के पास भेज दिया।
क्या है नेता प्रतिपक्ष की आपत्ति?
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना था कि इस नियुक्ति के लिए कोई सार्वजनिक सूचना नहीं दी गई और चयन प्रक्रिया पूरी तरह से अपारदर्शी थी। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या यह नियुक्ति एक नॉमिनेशन थी या इसके लिए आवेदन बुलाए गए थे। उनका आरोप था कि सरकार ने अपने चहेते को उपकृत करने के लिए इस पद का नाम ही बदल दिया। साथ ही, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और एक्ट के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि एससी-एसटी समुदाय का प्रतिनिधित्व भी नहीं किया गया है।
अवधेश प्रताप सिंह की खबर पर एक नजर...
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गृह विभाग ने आपत्तियों का दिया जवाब
एमपी गृह विभाग (General Administration Department) ने इन आपत्तियों का जवाब दिया। विभाग ने स्पष्ट किया कि 1993 से अब तक मध्यप्रदेश में कोई नियुक्ति आवेदन बुलाकर नहीं की गई है। दो आवेदन सरकार के पास आए थे। इनमें से एक एपी सिंह और एक पूर्व आईपीएस अधिकारी का था। चयन समिति ने एपी सिंह को उपयुक्त पाया और इस फैसले को राज्यपाल के पास भेज दिया।
विधानसभा के अगले प्रमुख सचिव अरविंद शर्मा
विधानसभा के मौजूदा सचिव अरविंद शर्मा को अगले प्रमुख सचिव के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। अरविंद शर्मा ने लोकसभा में बतौर डायरेक्टर अपनी सेवाएं दी हैं। विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने उनकी सेवाएं मध्यप्रदेश विधानसभा में ली थीं।
आज होगी एपी सिंह की विदाई
मंगलवार दोपहर विधानसभा में एपी सिंह का विदाई समारोह आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहेंगे। इससे पहले, सोमवार को एपी सिंह का सम्मान मप्र विधानसभा के पूर्व विधायक मंडल द्वारा किया गया था, जो उनके रिटायरमेंट से एक दिन पहले आयोजित किया गया।