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Photograph: (The Sootr)
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BHOPAL. मध्यप्रदेश में नियमों की धज्जियां उड़ाना अब परम्परा सी बन गई है। सरकार के विभाग और अफसर तो नियम तोड़ ही रहे हैं, विश्वविद्यालय और कॉलेज जैसे शैक्षणिक संस्थान भी पीछे नहीं है। प्रदेश में न केवल कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं बल्कि कानून की शिक्षा देने वाले कॉलेज भी मनमानी पर उतारू हैं।
लॉ कोर्स के संचालन के लिए कॉलेजों को केंद्र सरकार की संस्था बार काउंसिल ऑफ इंडिया से अनुमति लेना जरूरी है। इसके बिना इन पाठ्यक्रमों का संचालन न केवल अनाधिकृत माना जाता है।
इन पाठ्यक्रमों की पढ़ाई के बाद कॉलेज और विश्वविद्यालय जो डिग्री देते हैं बार काउंसिल उनका पंजीयन भी नहीं करती। यानी ऐसे लॉ स्टूडेंट इन डिग्री के आधार पर न तो सनद हासिल कर सकते हैं और न ही उन्हें कोर्ट में प्रेक्टिस करने का अधिकार ही होता है। प्रवेश लेने वाले लॉ स्टूडेंट की डिग्री का पंजीयन भी बार काउंसिल नहीं करती।
प्रदेश में कानून की पढ़ाई का जिम्मा उठाने वाले कॉलेज और विश्वविद्यालय कैसे बार काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइडलाइन को नजरअंदाज कर रहे हैं। कैसे लॉ स्टूडेंट को अंधेरे में रखकर उनसे फीस वसूली जा रही है इसको लेकर द सूत्र ने पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
पड़ताल में पता चला है कि न केवल प्राइवेट यूनिवर्सिटी और कॉलेज बल्कि सरकारी विश्वविद्यालय भी बीसीआई के निर्देशों को तवज्जो नहीं दे रहे। राजधानी भोपाल में स्थित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर, विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा जैसी प्रतिष्ठित सरकारी यूनिवर्सिटी के विधि विभाग ने भी इस शैक्षणिक सत्र के लिए बीसीआई से अनुमति का नवीनीकरण कराना जरूरी नहीं समझा है।
ये है बीसीआई गाइडलाइनलॉ कॉलेज चलाने के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) से अनुमति (परमिशन) लेना अनिवार्य है। बीसीआई कानूनी शिक्षा को विनियमित करने वाली शीर्ष संस्था है, और किसी भी लॉ कॉलेज को मान्यता प्राप्त करने के लिए बीसीआई से मंजूरी लेना आवश्यक है।
👉 बीसीआई की भूमिका: बीसीआई भारत में कानूनी शिक्षा और वकालत के पेशे को नियंत्रित करने वाली एक सांविधिक निकाय है।
👉 मान्यता की आवश्यकता: बीसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त लॉ कॉलेज से एलएलबी (LLB) की डिग्री प्राप्त करना वकील के रूप में नामांकन के लिए अनिवार्य है।
👉 राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र: नए लॉ कॉलेज को संबंधित विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त करने के बाद, राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) के लिए भी आवेदन करना होता है।
👉 बीसीआई द्वारा निरीक्षण: बीसीआई समय-समय पर लॉ कॉलेजों का निरीक्षण करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे निर्धारित मानकों को पूरा करते हैं।
👉 मान्यता के बिना कॉलेज: यदि कोई लॉ कॉलेज बीसीआई से मान्यता प्राप्त किए बिना चल रहा है, तो वहां से प्राप्त डिग्री मान्य नहीं होगी और उस कॉलेज के छात्रों को वकील के रूप में नामांकन कराने में समस्या आ सकती है।
👉 नियमों का पालन: लॉ कॉलेजों को बीसीआई द्वारा निर्धारित सभी नियमों और विनियमों का पालन करना होता है, जिसमें पाठ्यक्रम, शिक्षक, बुनियादी ढांचा आदि शामिल हैं।
👉 एडमिशन पर रोक: बीसीआई समय-समय पर ऐसे कॉलेजों पर एडमिशन पर रोक लगा सकता है जो नियमों का पालन नहीं करते हैं।
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बीसीआई की अनुमति बिना चल रहे लॉ कोर्स
मध्यप्रदेश में 56 सरकारी और निजी विश्वविद्यालय हैं। इनसे 1360 से ज्यादा सरकारी और निजी कॉलेज और स्वशासी कॉलेज हैं। जिनमें से ढाई सौ ऐसे कॉलेज हैं जिनमें विधि पाठ्यक्रम संचालित हैं। इनमें से 127 कॉलेज विधि पाठ्यक्रमों के संचालन में लापरवाही बरत रहे हैं।
कॉलेजों के संचालन के लिए प्रबंधन द्वारा विश्वविद्यालयों से संबद्धता ले रहे हैं या उनका नवीनीकरण करा रहे हैं। वहीं बार काउंसिल ऑफ इंडिया की अनदेखी कर पाठ्यक्रमों की अनुमति लेने से परहेज कर रहे हैं। जबकि इन कॉलेजों में लॉ स्टूडेंट्स से विधि पाठ्यक्रमों के लिए तगड़ी फीस भी वसूल की जा रही है।
इन कॉलेजों के साथ ही सरकारी और प्राइवेट विश्वविद्यालयों की ये अनदेखी विधि स्नातकों पर भारी पड़ सकती है। हाल ही में बीसीआई ने इन विश्वविद्यालय और कॉलेजों को लॉ कोर्स के संचालन की अनुमति के नवीनीकरण के संबंध में रिमाइंडर भी भेजा है। इसके बाद भी कई कॉलेजों ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए अनुमति नहीं ली है।
नामचीन विश्वविद्यालय भी बने लापरवाह
सबसे पहले आपको बताते हैं कैसे विधि पाठ्यक्रमों के संचालन में सरकार के विश्वविद्यालय और कॉलेज बीसीआई को नजरअंदाज कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा और विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन महत्वपूर्ण और विख्यात शैक्षणिक संस्थान हैं।
इन विश्वविद्यालयों से बड़ी संख्या में सरकारी और प्राइवेट कॉलेज भी संबद्धता लेकर पाठ्यक्रमों का संचालन कर रहे हैं। प्रदेश की इन सबसे बड़े और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों ने भी इस शैक्षणिक सत्र में लॉ कोर्स के संचालन की अनुमति का नवीनीकरण नहीं कराया है। लॉ डिग्री रजिस्ट्रेशन
यही नहीं विधि पाठ्यक्रम की सबसे अहम और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाले प्राइवेट विश्वविद्यालय भी इस मामले में बीसीआई को नजरअंदाज कर रहे हैं। ये ऐसी प्राइवेट यूनिवर्सिटी हैं जहां हजारों लॉ स्टूडेंट पढ़ रहे हैं।
विभाग और विनियामक आयोग की भी बेरुखी
उच्च शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय विनियामक आयोग प्रदेश में उच्च शिक्षा संस्थाओं की निगरानी एजेंसी हैं। यहीं से विश्वविद्यालय और कॉलेजों के संचालन की सारी जिम्मेदारी तय होती है। उच्च शिक्षा विभाग जहां कॉलेजों की अनुमति जारी करता है और विश्वविद्यालय इसी के आधार पर कोर्स संचालन के लिए संबद्धता देता है।
वहीं विश्वविद्यालय विनियामक आयोग इन पाठ्यक्रमों की फीस निर्धारित करता है। इन संस्थाओं के बाद भी प्रदेश में लॉ कॉलेजों के संचालन में लापरवाही जारी है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया को केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में संचालित विधि पाठ्यक्रमों की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके लिए अलग से एक्ट का प्रावधान भी किया गया है।
इसके बाद भी प्रबंधन इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। वहीं बीसीआई निरीक्षण में भी कई कॉलेजों में विधि पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता पर सवाल उठाकर चेतावनी दे चुका है, लेकिन न तो उच्च शिक्षा विभाग ने इस पर ध्यान दिया है न ही संबंधित विश्वविद्यालयों पर इसका असर हुआ है। शिक्षा विभाग की लापरवाही
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इस सत्र के लिए अनुमति न लेने वाले विश्वविद्यालय
प्रदेश के चार सरकारी और प्राइवेट सहित 21 विश्वविद्यालयों के पास इस शैक्षणिक सत्र के लिए विधि पाठ्यक्रमों के संचालन की अनुमति नहीं है। बीसीआई ने देश भर के ऐसे संस्थानों की सूची अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड की है। वहीं इसके संबंध में रिमाइंडर भी जारी किए गए हैं। विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन, डिपार्टमेंट ऑफ लॉ, बीयू भोपाल, डिपार्टमेंट ऑफ लॉ अवधेश प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी रीवा, स्कूल ऑफ लॉ, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर, नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट यूनिवर्सिटी, भोपाल, श्री अरबिंदो यूनिवर्सिटी इंदौर, आईईएस यूनिवर्सिटी भोपाल, एसएएम ग्लोबल यूनिवर्सिटी, रायसेन,रबिन्द्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी रायसेन, एकेएस यूनिवर्सिटी सतना, मंगलायतन यूनिवर्सिटी जबलपुर, सरदार पटेल यूनिवर्सिटी, बालाघाट, श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय, अवंतिका यूनिवर्सिटी, उज्जैन, ज्ञानवीर यूनिवर्सिटी सागर, सर्वपल्ली राधाकृष्णन यूनिवर्सिटी भोपाल, श्रीसत्यसाई यूनिवर्सिटी सीहोर, रेनेसा यूनिवर्सिटी, इंदौर, आरएनटी यूनिवर्सिटी रायसेन, फैकल्टी ऑफ लॉ, पीके यूनिवर्सिटी शिवपुरी, जागरण लेक सिटी यूनिवर्सिटी भोपाल, जीएच रायसोनी यूनिवर्सिटी छिंदवाड़ा, आईटीएम यूनिवर्सिटी, ग्वालियर स्कूल ऑफ लॉ, ओरिएंटल यूनिवर्सिटी, इंदौर, रामकृष्ण धर्मार्थ फाउंडेशन विश्वविद्यालय, भोपाल
इन कॉलेजों के पास नहीं सत्र के लिए नहीं अनुमति
प्रदेश के 121 सरकारी और निजी कॉलेज भी बीसीआई से अनुमति का नवीनीकरण न कराने वाली सूची में शामिल हैं। इनमें इंडेक्स इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ, मालवांचल यूनिवर्सिटी इंदौर, फैकल्टी ऑफ लॉ, आईईएस यूनिवर्सिटी भोपाल, गवर्मेंट पीजी कॉलेज छिंदवाड़ा, जेएच गवर्मेंट पीजी कॉलेज बैतूल, गवर्मेंट पीजी कॉलेज बालाघाट, गवर्मेंट लॉ कॉलेज सिवनी, ग्लोबल लॉ कॉलेज सिवनी, शिवम लॉ कॉलेज, कटंगी, शिवम लॉ कॉलेज सिवनी, गवर्मेंट शंकर साओ पटेल लॉ कॉलेज वारासिवनी, जेएल वर्मा लॉ कॉलेज दमोह, डीबीसी कॉलेज पन्ना, गवर्मेंट पीजी नेहरु कॉलेज देवरी, गवर्मेंट पीजी कॉलेज टीकमगढ़, जेएस कॉलेज ऑफ लॉ निवाड़ी, गवर्मेंट नेहरु कॉलेज आगर मालवा, गवर्मेंट केपी कॉलेज देवास, केएन काटजू लॉ कॉलेज रतलाम,जवाहरलाल नेहरु स्मृति कॉलेज शुजालपुर, संदीपनी लॉ कॉलेज उज्जैन, श्री जेएन निधि महाविद्यालय मंदसौर, मां जिनवाणी कॉलेज ऑफ लीगल स्टडीज सोनकच्छ, गवर्मेंट लॉ कॉलेज देवास, राधादेवी रामचंद्र मंगल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, गवर्मेंट लॉ कॉलेज उज्जैन, इंदिरा इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ देवास, श्री योगेन्द्र सागर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस रतलाम, गवर्मेंट आरडीएस कॉलेज मंडला, न्यु एज्युकेशन सोसाइटी जबलपुर, मदर टेरेसा लॉ कॉलेज जबलपुर, श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, सरदार पटेल लॉ कॉलेज जबलपुर, सेंट अलोयसिस इंस्टिट्यूट जबलपुर, आदित्य कॉलेज जबलपुर, मां रेवती कॉलेज ऑफ एज्युकेशन जबलपुर, ज्ञान गंगा कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस जबलपुर, श्रीराम इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ जबलपुर, नर्मदा कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस जबलपुर, महात्मा गांधी कॉलेज ऑफ लॉ ग्वालियर, गवर्मेँट एमजेएस महाविद्यालय भिंड, गवर्मेंट पीजी कॉलेज शिवपुरी, इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ ग्वालियर, सर्वधर्म विधि महाविद्यालय ग्वालियर, ग्वालियर लॉ कॉलेज, गवर्मेंट मॉर्डन वूमन्स लॉ कॉलेज ग्वालियर,एसएलपी गवर्मेंट कॉलेज मुरार, सतपुड़ा कॉलेज ऑफ लॉ मोहननगर, आदर्श कॉलेज ऑफ लॉ धार, इंदौर स्कूल ऑफ लॉ खरगोन,गवर्मेंट न्यू लॉ कॉलेज इंदौर, क्रिश्चियन कॉलेज इंदौर, गवर्मेंट पीजी कॉलेज धार, गुरु गोबिंद सिंह लॉ कॉलेज, एमबी खालसा लॉ कॉलेज, कॉलेज ऑफ लॉ आईपीएस अकेडमी इंदौर, अल्टियस इंस्टिट्यूट ऑफ स्टडीज इंदौर, लिबरल कॉलेज इंदौर, आईएमआई लॉ कॉलेज, गवर्मेंट लॉ कॉलेज खरगोन, पेंटियम पॉइंट कॉलेज ऑफ लॉ रीवा, पीएमबी गुजराती कॉमर्स कॉलेज, लिबरल कॉलेज इंदौर, श्री जैन दिवाकर महाविद्यालय इंदौर, सैफिया आर्ट, कॉमर्स एंड लॉ कॉलेज भोपाल, राजीव गांधी कॉलेज भोपाल, गवर्मेंट पीजी कॉलेज सीहोर, लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज गंजबासौदा, गवर्मेंट नर्मदा पीजी कॉलेज होशंगाबाद, गवर्मेंट पीजी कॉलेज पिपरिया, जयहिंद डिफेंस कॉलेज ऑफ लॉ, गवर्मेंट कॉलेज बरेली रायसेन, विद्यादायिनी इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस मैनेजमेंट, राजीव गांधी लॉ कॉलेज रायसेन, श्री सत्यसाई कॉलेज फॉर वूमेन भोपाल, पटेल कॉलेज ऑफ लॉ भोपाल, ग्रीनफील्ड कॉलेज ऑफ लॉ सीहोर, भोपाल डिग्री कॉलेज ऑफ लॉ, गवर्मेंट नर्मदा कॉलेज नर्मदापुरम, विद्यापीठ इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ भोपाल, गवर्मेंट लॉ कॉलेज नर्मदापुरम, एसएसएल जैन पीजी कॉलेज विदिशा, गवर्मेंट लॉ कॉलेज रीवा, गवर्मेंट एसकेएन कॉलेज मऊगंज, नेहरु स्मारक पीजी कॉलेज चाकघाट,स्वामी विवेकानंद कॉलेज त्योंथर, कॉलेज ऑफ लॉ एंड लीगल एड शहडोल, ईश्वरचंद्र विद्यासागर विधि महाविद्यालय रीवा, विंध्याचल महाविद्यालय रीवा, श्रीयुत विधि महाविद्यालय रीवा, स्वामी नीलकंठ महाविद्यालय मैहर, मायाराम लॉ कॉलेज, मोरवा सिंगरौली, पंडित रामसुंदर शुक्ला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, स्कॉलर्स होम कॉलेज ऑफ लॉ सतना, शिक्षा महाविद्यालय सीधी, पेंटियम पॉइंट टेक्निकल कॉलेज रीवा, जानकी प्रसाद शिक्षा लॉ महाविद्यालय, नागौर, गवर्मेंट एसके कॉलेज मऊगंज, अमृत लॉ कॉलेज, सिंगरौली, सोहागी कॉलेज ऑफ एज्युकेशन, रीवा, डिजिटल कॉलेज ऑफ एज्युकेशन अनूपपुर, साक्षी लॉ कॉलेज, सीधी, महात्मा गांधी कॉलेज सतना
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इन विश्वविद्यालय और कॉलेजों के पास 2025-26 की अनुमति
एमिटी यूनिवर्सिटी ग्वालियर, विंध्य इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट साइंस, जनता विधि महाविद्यालय शहडोल, पंडित रामगोपाल तिवारी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी अनूपपुर, श्री रामकृष्ण कॉलेज ऑफ लॉ सतना, शंकर लॉ कॉलेज अनूपपुर, भाभा यूनिवर्सिटी भोपाल, कॉलेज ऑफ लॉ एंड लीगल एड शहडोल, लॉ कॉलेज सतना, मध्य भारत इंस्टिट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज विदिशा, गुरुकृपा कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज रायसेन, टेक्नॉकार्ट इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ, खुश्बू ठाकरे लॉ कॉलेज विदिशा, कैरियर कॉलेज ऑफ लॉ भोपाल, गवर्मेंट स्टेट लेवल पीजी लॉ कॉलेज, गवर्मेंट लॉ कॉलेज राजगढ़,ऑक्सफोर्ड कॉलेज ऑफ लॉ इंदौर,एक्रोपोलिस इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ, विक्रांत इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ इंदौर, मधुबन कॉलेज ऑफ लॉ इंदौर, इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, इंदौर क्रिश्चियन कॉलेज, गवर्मेंट लॉ कॉलेज धार, ट्रांसनेशनल स्कूल ऑफ लॉ, पीएमबी गुजराती कॉमर्स कॉलेज, चमेलीदेवी इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ, इंदौर महाविद्यालय, एक्रोपोलिस इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, इंदौर, न्यू इरा कॉलेज, ग्रेजुएट स्कूल ऑफ लॉ इंदौर, बीएम इंस्टिट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, एलएसए कॉलेज, आईआईसी लॉ कॉलेज इंदौर रेनेंसा लॉ कॉलेज इंदौर,आईपीएस अकेडमी कॉलेज ऑफ लॉ सांवेर, मोतीलाल नेहरु विधि महाविद्यालय खंडवा, गवर्मेंट कॉलेज खरगोन, सेवा सदन महाविद्यालय बुरहानपुर, गवर्मेंट लॉ कॉलेज बड़वानी, इंदौर इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ, इंदौर, अभ्युदय यूनिवर्सिटी खरगोन, आर्यावर्त यूनिवर्सिटी सीहोर, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी इंदौर, डॉ.हरिसिंह गौर सेंट्रल यूनिवर्सिटी, जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर, प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ग्वालियर, सोनाली कॉलेज गुना, पृथ्वी लॉ कॉलेज ग्वालियर, गवर्मेंट लॉ कॉलेज श्योपुर, मां त्रिमुखा लॉ कॉलेज, भिंड, गवर्मेंट एसएमएस पीजी कॉलेज शिवपुरी, विक्रांत इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ ग्वालियर, चौ. रुस्तम सिंह ग्रुप ऑफ कॉलेज भिंड, गवर्मेंट पीजी कॉलेज गुना, गवर्मेंट नेहरु कॉलेज अशोकनगर, सर्वधर्म विधि महाविद्यालय ग्वालियर, चौधरी दिलीप सिंह लॉ कॉलेज भिंड, गवर्मेंट लॉ कॉलेज दतिया, इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ, कमलाराजा गर्ल्स कॉलेज, महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज ग्वालियर, गवर्मेंट लॉ कॉलेज मुरैना, एनएलसीटी यूनिवर्सिटी भोपाल, मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी सीहोर, मेडिकेप्स यूनिवर्सिटी इंदौर, नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट भोपाल, लॉ डिपार्टमेंट रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी जबलपुर, एमएएमटी लॉ कॉलेज नरसिंहपुर, माता गूजरी महिला महाविद्यालय, गुरु रामदास खालसा इंस्टिट्यूट, गुरु तेगबहादुर खालसा कॉलेज, सिलिकोबाइट डिग्री कॉलेज कटनी, हरिसिंह रूपर्स आर्ट, कॉमर्स एंड लॉ कॉलेज, हितकारिणी लॉ कॉलेज, स्वामी विवेकानंद गवर्मेंट पीजी कॉलेज नरसिंहपुर, नीलकंठ विधि महाविद्यालय, एपी नर्मदा लॉ कॉलेज जबलपुर, कटनी कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड आर्ट, सेज यूनवर्सिटी इंदौर, श्रीसत्य साई यूनिवर्सिटी सीहोर, श्री कृष्णा यूनिवर्सिटी छतरपुर, स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी सागर, एसवीकेएम नरसी मोन्जी इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज इंदौर, ज्ञान मंदिर कॉलेज नीमच, गवर्मेंट लॉ कॉलेज उज्जैन, गवर्मेंट लॉ कॉलेज शाजापुर,मंदसौर यूनिवर्सिटी, मंदसौर, धर्मराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जबलपुर, संजीव अग्रवाल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (सेज) भोपाल, महाकौशल यूनिवर्सिटी जबलपुर, पीपुल्स इंस्टिट्यूट ऑफ लीगल स्टडी पीपुल्स यूनिवर्सिटी भोपाल, स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज, एलएनसीटी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी इंदौर, फैकल्टी ऑफ लॉ आईईएस यूनिवर्सिटी भोपाल, डॉ.बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी महू, लॉ कॉलेज बैतूल, डीपी चतुर्वेदी कॉलेज सिवनी, एमएमटी कॉलेज ऑफ एज्युकेशन केवलारी, गवर्मेंट लॉ कॉलेज धर्मटेकड़ी छिंदवाड़ा, गवर्मेंट लॉ कॉलेज बीना, मोतीलाल नेहरु लॉ कॉलेज, वीरांगना अवंतिबाई लॉ कॉलेज, गवर्मेंट लॉ कॉलेज टीकमगढ़, वैष्णव माता लॉ कॉलेज पन्ना, जेके कॉलेज ऑफ लॉ
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