जिंदगी नरक बना दूंगा.... युवती को परेशान कर रहा सबलगढ़ का एसडीएम, हाल में CM ने किया था सस्पेंड

सबलगढ़ के एसडीएम अरविंद माहौर को एक युवती को फोन पर परेशान करने और गाली-गलौज करने के आरोप में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आदेश पर उसे निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि, अभी अरविंद माहौर पीड़ित परिवार को परेशान कर रहा है।

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Dablu Kumar
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युवती को परेशान करने के आरोपों में घिरे सबलगढ़ के एसडीएम अरविंद माहौर को मुख्यमंत्री मोहन यादव के आदेश पर निलंबित कर दिया गया। हालांकि, अभी भी एसडीएम लगातार पीड़ित परिवार को धमकी दे रहा है। मुरैना कलेक्ट्रेट में हुई जनसुनवाई के दौरान यह मामला सामने आया। जब एक पीड़ित परिवार ने कलेक्टर अंकित अस्थाना से एसडीएम माहौर के खिलाफ शिकायत की। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि एसडीएम में उनकी बेटी से फोन पर गाली-गलौज करने और देवर की दुकान पर धमकी देने का आरोप शामिल था। साथ ही, पीड़ित परिवार ने एक वीडियो कलेक्टर सौंपा। इसके बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर एसडीएम माहौर का निलंबन हुआ।

सस्पेंड होने के बाद भी नहीं मान रहा एसडीएम

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित परिवार बताया कि एसडीएम के खौफ के कारण बेटी हमेशा सहमी रहती है। वह सस्पेंड होने के बाद भी राजीनामा करने की धमकी दे रहा है। कह रहा है कि मामला खत्म नहीं किया तो लड़की की जिंदगी नरक बना दूंगा। 

पीड़ित परिवार की मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से गुहार के बाद माहौर को निलंबित किया गया, लेकिन परिवार का आरोप है कि अब वह धमकी दिलवा रहे हैं। परिवार को डर है कि ड्यूटी पर वापस लौटने के बाद माहौर उन्हें नहीं छोड़ेंगे।

कलेक्टर को दिए गए वीडियो में एसडीएम अरविंद माहौर गाली-गलौज करते हुए नजर आए हैं। बता दें कि, निलंबन के बाद एसडीएम ने रात को दफ्तर खोला और 6 पटवारियों का ट्रांसफर कर दिया, लेकिन कलेक्टर ने इनमें से 4 ट्रांसफरों पर रोक लगा दी।

एसडीएम माहौर पहले भी विवादों में रहे हैं। इनमें एक बार जनसुनवाई में फरियादी को थप्पड़ मारने की धमकी दे दिया था। साथ ही, एसडीएम पर चपरासी से मारपीट करने का आरोप शामिल है। 

युवती ने ग्वालियर से एमकॉम की पढ़ाई छोड़ी

निलंबित एसडीएम अरविंद माहौर के डर से पीड़ित परिवार अपना घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां छुप रहा है। इससे परिवार का रोजगार बंद हो गया है, जिससे वे आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। साथ ही, बेटी की ग्वालियर से एमकॉम की पढ़ाई भी छूट गई है।

पीड़िता के चाचा ने बताया कि वे सबलगढ़ में फल का ठेला लगाते हैं। एसडीएम माहौर ने उन्हें बार-बार अपने बंगले पर बुलाया। जब वह नहीं गए, तो माहौर ने उन्हें समाज के अध्यक्ष पुष्पेंद्र माहौर के माध्यम से फोन करवाया और झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी।

यह है पूरे घटना की टाइमलाइन

  • 2023 में एसडीएम अरविंद माहौर ने कथित तौर पर एक युवती को फ़ोन पर परेशान करना शुरू किया।

  • 5 सितंबर 2025 को, उन्होंने पीड़िता के चाचा को धमकी दी।

  • इसके बाद 16 सितंबर 2025 को पीड़िता की मां और चाचा ने इस मामले की शिकायत कलेक्टर से की।

  • उसी दिन कलेक्टर अंकित अस्थाना ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एसडीएम अरविंद माहौर को मुख्यालय से अटैच कर दिया।

  • 19 सितंबर 2025 को, मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एसडीएम अरविंद माहौर को निलंबित कर दिया।

  • 19 सितंबर 2025 को ही निलंबन के बाद भी, माहौर ने रात में एसडीएम कार्यालय खुलवाकर 8 पटवारियों के ट्रांसफर किए।

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ये है पूरा मामला

शिकायतकर्ता महिला और उनके पति ने बताया कि एसडीएम ने उनकी बेटी का मोबाइल नंबर प्राप्त किया और पिछले दो साल से रात के वक्त फोन करके उसे गंदे शब्द कहे। जब उनकी बेटी ने फोन उठाना बंद कर दिया, तो एसडीएम ने उनके रिश्तेदारों को धमकाना शुरू कर दिया।

गंदी मैसेज करता था एसडीएम

पीड़ित परिवार ने जनसुनवाई के दौरान बताया कि सबलगढ़ SDM अरविंद माहौर उसकी बेटी को फोन पर परेशान करते हैं। आए दिन उसे गंदे मैसेज भेजते हैं। बेटी ने फटकार लगा दी तो सबलगढ़ में उसके देवर को घर बुलाकर धमकाया। जिसका देवर ने वीडियो भी बनाया है। ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है।

आरोप है कि एसडीएम ने सबलगढ़ में उनके देवर की दुकान पर जाकर उन्हें धमकी दी कि "तेरी बेटी और तेरी भाभी में बहुत गर्मी है, अगर तुमने मेरे खिलाफ कुछ किया तो मैं तुम्हें झूठे मामले में फंसा दूंगा। मुझसे बड़ा कोई अधिकारी नहीं है।"

पीड़ित परिवार ने कलेक्टर को शिकायत में बताया कि सबलगढ़ में पदस्थ एसडीएम अरविंद माहौर पिछले एक साल से उनके परिवार को परेशान कर रहे हैं। एसडीएम अपनी शक्ति का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हुए रात में उनकी बेटी को फोन कर गालियां देते हैं। जब परिवार उनके फोन का जवाब नहीं देता, तो वे रिश्तेदारों को धमकाते हैं।

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एसडीएम ने दी परिवार को फंसाने की धमकी

इस शिकायत के साथ परिवार ने एक वीडियो भी कलेक्टर को दिया, जिसमें एसडीएम अभद्र भाषा में बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में एसडीएम देवर से पूछ रहे हैं- तेरी भाभी कहां की है? और फिर कई आपत्तिजनक बातें कर रहे हैं।

5 सितंबर 2025 को एसडीएम देवर की दुकान पर पहुंचे और कहा कि वे उसे आवास पर बुला चुके थे, लेकिन वह नहीं आया। जब देवर ने कहा कि वह मजदूरी करता है और गरीब है, तब एसडीएम ने धमकी दी कि अगर वह समय पर नहीं आया, तो उसे और उसके परिवार को फंसा दिया जाएगा।

डर के कारण, देवर उसी शाम एसडीएम के बुलावे पर उनके पास गया, लेकिन वहां उसे गालियां दी गईं और जान से मारने की धमकी दी गई। जब देवर ने अपने मोबाइल से कुछ रिकॉर्ड करने की कोशिश की, तो एसडीएम के गार्ड ने उसका मोबाइल छीन लिया।

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आत्महत्या करने की बात पीड़ित परिवार ने की

एसडीएम के निलंबन से कुछ दिन पहले शिकायत में महिला ने कहा था कि अगर जल्द ही इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई, तो उनका परिवार आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएगा, क्योंकि अब उन्हें यह अत्याचार सहन नहीं हो रहा है। इसलिए वे कलेक्टर से न्याय की मांग करने आए हैं।

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मामले में कोई जानकारी नहीं है- अरविंद माहौर

इस मामले पर सस्पेंड होने से पहले एसडीएम अरविंद माहौर ने पहले कहा कि उन्हें इस तरह के आरोपों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। लेकिन बाद में उन्होंने स्वीकार किया कि कलेक्टर कार्यालय से उन्हें इस मामले की जानकारी मिली है, लेकिन वह उस परिवार को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते।

तब आईएएस अंकित अस्थाना ने कहा था कि बलगढ़ एसडीएम अरविंद माहौर पर महिला ने परिवार को परेशान करने का आरोप लगाया है। शिकायत के आधार पर उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजकर मुख्यालय अटैच किया है।

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